Indian History : प्रिय विद्यार्थियों, “Mindbloom Study” (#1 Online Study Portal) आपके लिए लाया है “संगम काल: दक्षिण भारत का प्रारंभिक इतिहास (The Sangam Period)”
संगम काल: दक्षिण भारत का प्रारंभिक इतिहास (The Sangam Period)
संगम काल (लगभग 300 ईसा पूर्व से 300 ईस्वी तक) दक्षिण भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, खासकर तमिलनाडु का। इसे दक्षिण भारत का स्वर्ण युग भी कहा जाता है। यह वह समय था जब तमिल साहित्य, कला और संस्कृति का अभूतपूर्व विकास हुआ। इस काल का नाम ‘संगम’ नामक साहित्यिक अकादमियों से लिया गया है, जिनमें मदुरै में शाही संरक्षण में कवियों और विद्वानों का जमावड़ा होता था।
नामकरण और साहित्यिक स्रोत
• संगम का अर्थ :- ‘संगम’ शब्द का अर्थ है ‘सभा’, ‘सम्मेलन’ या ‘संघ’। यह प्राचीन मदुरै में आयोजित तमिल कवियों और विद्वानों की सभाओं को संदर्भित करता है।
• संगम साहित्य :- इस काल की जानकारी का मुख्य स्रोत स्वयं संगम साहित्य है। यह लगभग 30,000 पंक्तियों वाली 2,381 कविताओं का संग्रह है, जिन्हें विभिन्न कवियों ने रचा था। इसे मोटे तौर पर दो श्रेणियों में बांटा गया है –
a) एट्टुत्तोगई (आठ संकलन) :- इसमें आठ खंड शामिल हैं जो प्रेम, युद्ध, प्रकृति और सामाजिक जीवन पर केंद्रित हैं।
b) पट्टुप्पाट्टु (दस गीत) :- इसमें दस लंबी कविताएँ हैं जो राजाओं, उनकी वीरता और विभिन्न क्षेत्रों की सुंदरता का वर्णन करती हैं।
c) पुरातत्वीय साक्ष्य :- संगम साहित्य के अलावा, इस काल की जानकारी रोमन सिक्कों, मेगालिथिक स्मारकों, शिलालेखों और अन्य पुरातात्विक खोजों से भी मिलती है।
प्रमुख राजवंश
• संगम काल के दौरान दक्षिण भारत पर तीन प्रमुख तमिल राजवंशों का प्रभुत्व था, जिन्हें मुवेंदर (मूवेन्दर) कहा जाता है, जिसका अर्थ है ‘तीन महान राजा’:
चेर (Cheras)
• शासन क्षेत्र: आधुनिक केरल और तमिलनाडु के पश्चिमी हिस्से (करूर, कोयंबटूर, इरोड)।
• राजधानी: वानजी या करूर।
• राजकीय प्रतीक: धनुष और बाण।
• प्रमुख शासक
i) उदियान चेराल अदन :- चेर वंश का सबसे पुराना ज्ञात शासक।
ii) नेदुम चेराल अदन :- जिसने कई युद्ध जीते और ‘इमयावरम्बन’ (हिमालय तक सीमा वाला) की उपाधि धारण की।
iii) सेनगुट्टुवन (लाल चेर) :- यह सबसे महान चेर शासक था, जिसने उत्तर भारत तक सैन्य अभियान चलाए और पत्तिनी (कण्णगी) पूजा शुरू की।
चोल (Cholas)
• शासन क्षेत्र: कावेरी डेल्टा क्षेत्र (उरैयूर, तंजावुर)।
• राजधानी: पहले उरैयूर, बाद में पुहार (कावेरीपट्टिनम)।
• राजकीय प्रतीक: बाघ।
• प्रमुख शासक
i) एलारा :- जिसने श्रीलंका पर विजय प्राप्त की।
ii) करिकाल चोल :- चोलों का सबसे महान शासक। उसने कई युद्ध जीते, कृषि को बढ़ावा दिया (कावेरी नदी पर एक बांध का निर्माण करके), और पुहार बंदरगाह की स्थापना की, जो एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र बन गया।
पांड्य (Pandayas)
• शासन क्षेत्र: मदुरै और दक्षिणपूर्वी तमिलनाडु।
• राजधानी: मदुरै।
• राजकीय प्रतीक: मछली।
• प्रमुख शासक
i) नेदुंजेलियन I :- जिसने तलैयालंगनम के युद्ध में चेरों और चोलों सहित कई विरोधियों को हराया।
ii) पलयागसालाई मुदुकुडुमी पेरुवलुदि :- जिसने कई यज्ञ करवाए।
• पांड्य राजा साहित्य और व्यापार के महान संरक्षक थे। उनके काल में मदुरै साहित्यिक गतिविधियों का केंद्र था।
सामाजिक और आर्थिक जीवन
• सामाजिक वर्गीकरण: संगम समाज विभिन्न वर्गों में बंटा हुआ था –
• अरासर: शासक वर्ग।
• अंधनार: ब्राह्मण (पुजारी)।
• वेल्लार: धनी किसान।
• वनिकार: व्यापारी।
• वेलालर: किसान।
• कृषि: कृषि मुख्य व्यवसाय था, जिसमें धान, गन्ना, कपास आदि की खेती की जाती थी। कावेरी नदी का डेल्टा क्षेत्र विशेष रूप से उपजाऊ था।
• व्यापार और वाणिज्य: संगम काल अपने समृद्ध व्यापार के लिए जाना जाता था।
• आंतरिक व्यापार: वस्तुओं का आदान-प्रदान और वस्तु विनिमय प्रणाली प्रचलित थी।
• विदेशी व्यापार: दक्षिण भारत के रोम, मिस्र, दक्षिण-पूर्व एशिया और श्रीलंका के साथ महत्वपूर्ण व्यापारिक संबंध थे।
• निर्यात: काली मिर्च, मोती, हाथी दांत, मसाले, वस्त्र, चंदन।
• आयात: सोना, चांदी, घोड़े, शराब।
• प्रमुख बंदरगाहों में पुहार (कावेरीपट्टिनम), मुजिरी, कोरकाई और अरिकामेडु शामिल थे।
• धर्म
• स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा की जाती थी, विशेषकर मुरुगन (सुब्रह्मण्य/कार्तिकेय) को प्रमुख देवता माना जाता था।
• वैदिक धर्म (ब्राह्मणवाद) भी प्रचलित था, जिसमें इंद्र, वरुण, विष्णु और शिव जैसे देवताओं की पूजा होती थी।
• बौद्ध धर्म और जैन धर्म के भी कुछ अनुयायी थे।
कला और संस्कृति
• साहित्य: संगम साहित्य इस काल की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इसमें प्रेम (अकम) और युद्ध/वीरता (पुरम) पर आधारित कविताएं शामिल हैं।
• वास्तुकला: पत्थर से बने स्थायी मंदिरों के साक्ष्य कम हैं, लेकिन लकड़ी और मिट्टी के ढांचे प्रचलित थे।
• गायन और नृत्य: संगीत और नृत्य (कूथु) संगम समाज का अभिन्न अंग थे।
पतन
लगभग 300 ईस्वी के बाद, कलभ्रों (Kalabhras) के आक्रमण के कारण संगम काल का पतन हो गया। कलभ्रों ने अगले तीन शताब्दियों तक दक्षिण भारत पर शासन किया, जिसे कभी-कभी ‘अंधकार युग’ भी कहा जाता है, क्योंकि इस अवधि के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। इसके बाद, लगभग 6वीं शताब्दी ईस्वी में पल्लव और पांड्य राजवंशों का उदय हुआ, जिन्होंने इस क्षेत्र में अपनी सत्ता स्थापित की।
One Liner Objectives
• प्राचीन काल में दक्षिण भारत के तमिल कवियों के संघ को क्या कहा गया है ? उत्तर — संगम
• संगम युग की कालावधि क्या थी ? उत्तर — 300 BCE – 300 CE
• दक्षिण भारत को किस एक अन्य नाम से जाना जाता था ? उत्तर — दक्षिणापथ, द्रविड़ प्रदेश
• दक्षिण भारत में आयोजित संगम साहित्य की मुख्य भाषा क्या थी ? उत्तर — तमिल
• दक्षिण भारत का आर्यीकरण का श्रेय किसे दिया जाता है ? उत्तर — महर्षि अगस्त्य को
• अगस्त्य ऋषि कहाँ के रहने वाले थे जो तमिलनाडु में बस गए थे ? उत्तर — वाराणसी
• तमिल साहित्य का जनक किसे माना जाता है ? उत्तर — अगस्त्य ऋषि को
• इतिहास में कितने संगम सभाओं का वर्णन मिलता है ? उत्तर — तीन ( तीनों तमिलनाडु में हुआ था )
• दक्षिण भारत में संगम परिषद का आयोजन किस राजवंश के संरक्षण में हुआ था ? उत्तर — पाण्ड्यों के
• संगम साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण महाकाव्य किसे माना जाता है ? उत्तर — इलंगो आडिगल द्वारा लिखित शिलप्पादिकारम् को
• तमिल साहित्य का बाइबल / लघुवेद / पंचम वेद किस ग्रंथ को माना जाता है ? उत्तर — कुरल को
• “मणिमेखलै” ग्रंथ का अर्थ क्या है ? उत्तर — मणियों से युक्त कंगन
• संगम युग में इन्द्र और विष्णु के समतुल्य किस देवता को मान्यता दी गयी थी ? उत्तर — क्रमशः मरुदम एवं तिरुमल को
• संगम कालीन प्राचीन देवता किसे माना जाता है ? उत्तर — मुरुगन ( अन्य नाम सुब्रह्मण्यम्, वेलन, बर्छाधारी )
• संगम कालीन साहित्य में कोन, को एवं मन्नन शब्द किसके लिए प्रयोग होते थे ? उत्तर — राजा के लिए
• संगम साहित्य की रचनाओं की विषय-वस्तु क्या थी ? उत्तर — प्रेम और युद्ध
• तोलकाप्पियम् ग्रंथ किस विषय से संबंधित है ? उत्तर — व्याकरण से ( तमिल व्याकरण का सबसे पुराना ग्रंथ )
• संगम युग में प्रमुख व्यापारिक केन्द्र किस स्थान को माना जाता है ? उत्तर — उरैयूर को ( सूती वस्त्र के लिए प्रसिद्ध )
• संगम युग में प्रमुख व्यापारिक समुद्रपत्तन किसे माना जाता है ? उत्तर — पुहार ( कावेरी पत्तन )
• संगम काल में सर्वाधिक व्यापार होते थे ? उत्तर — रोम से ( अरिकामेडू पत्तन से )
• किस संगमयुगीन कवि ने एक तमिल प्रमुख के विरुद्ध हुए मौर्य अभियान का वर्णन किया है ? उत्तर — मामूलनार
• जिन मानसून हवाओं के कारण प्रथम ईसा सदी में भारत का पश्चिमी जगत के साथ व्यापार सुगम हुआ इसका पता किसने लगाया था ? उत्तर — हिप्पॉलस
• संगमकाल में तमिल भाषा में महाभारत किसने लिखी थी ? उत्तर — विल्लीपुत्तुनार
• संगम कालीन भारत के पूर्वी तट पर स्थित किस बन्दरगाह से दक्षिण पूर्व एशिया के साथ व्यापार और वाणिज्य होता था ? उत्तर — ताम्रलिप्ति से
• “पादिरुप्पतु” किस राजवंश के राजाओं की स्तुतिपरक कविताओं का संग्रह है ? उत्तर — चेर
• संगम साहित्य में वर्णित कन्नगी / कण्णगी क्या है ? उत्तर — तमिल महाकाव्य की नायिका
• भारतीय इतिहास के प्रारंभिक काल में टोण्डी किनका एक समृद्ध समुद्रपत्तन था ? उत्तर — चेर
• संगम कालीन प्रसिद्ध कवि जो श्रीलंका से संबंधित था ? उत्तर — गजबाहू
• किस संगमकालीन ग्रंथ में कोवलन और उसकी पत्नी कन्नगी की कथा का चित्रण मिलता है ? उत्तर — शिलप्पादिकारम्
• संगम युग में कौन-सा नगर मोतियों और मलमल के लिए प्रसिद्ध था ? उत्तर — अरिकामेडू
• संगम युग में किस राजवंशों के उद्भव और विकास का विवरण मिलता है ? उत्तर — चोल, चेर, पाण्ड्य
संगम युगीन प्रमुख राजवंश
चेर राजवंश
• संगम काल के वंशों में सबसे प्राचीन था ? उत्तर — चेर
• चेर का अर्थ होता है ? उत्तर — पर्वतीय देश
• ऐतरेय ब्राह्मण ग्रंथ में चेर को क्या कहा गया है ? उत्तर — चेरापद
• अशोक के द्वितीय शिलालेख में चेर को क्या कहा गया है ? उत्तर — केरलपुत्र
• चेर राजवंश की राजधानी थी ? उत्तर — बंजी / करूर
• चेर राजवंश का राज्य चिन्ह क्या था ? उत्तर — धनुष
• संगमयुगीन चेर राजवंश का प्रथम शासक किसे माना जाता है ? उत्तर — उदियन जरेल
• संगमयुगीन चेर राजवंश का सबसे प्रतापी एवं धर्मपरायण शासक किसे माना जाता है ? उत्तर — शेनगुट्ठवन ( इन्हें लाल-चेर भी कहते हैं )
• दक्षिण भारत में किस चेर राजवंश के शासक ने (कन्नगी) पूजा (पत्नी पूजा / सत्ती पूजा) प्रारंभ की थी ? उत्तर — शेनगुट्ठवन
• किस संगम कालीन तमिल ग्रंथ में पतिव्रता पत्नी भक्ति (पत्तिनी पूजा) का गुणगान किया गया है ? उत्तर — शिलप्पादिकारम् में
• किस चेर शासक को दक्षिण भारत में सर्वप्रथम शक्तिशाली नौसेना के गठन का श्रेय दिया जाता है ? उत्तर — शेनगुट्ठवन को
• शेनगुट्ठवन के बाद अगला चेर शासक कौन बना था ? उत्तर — आदीगमान ( इसने गन्ने की खेती प्रारंभ की )
• चेर वंश का अंतिम शासक कौन था ? उत्तर — कुडक्कईय्यल जरेल ( इन्हें हाथी की आँख वाला कहा जाता था )
• चेर वंश कब समाप्त हो गया था ? उत्तर — दूसरी सदी के अंत में (190 CE)
• प्रारंभिक चेर वंशीय राजाओं ने किन राज्यों पर शासन किया था ? उत्तर — तमिलनाडु और केरल
चोल राजवंश
• प्राचीन चोल राज्य किन दो नदियों के बीच स्थित था ? उत्तर — पेन्नार और बेल्लोर ( तमिलनाडू के पूर्वी भाग में )
• चोल का शाब्दिक अर्थ होता है ? उत्तर — नव प्रदेश
• दक्षिण भारत में संगम काल में चोल राजवंश की राजधानी क्या थी ? उत्तर — उरैयूर ( मुख्य राजधानी तंजौर तथा दूसरी कांचीपुरम्, तमिलनाडु )
• चोल राजवंश का राजकीय चिन्ह क्या था ? उत्तर — बाघ
• संगमयुगीन सर्वाधिक शक्तिशाली राज्य कौन था ? उत्तर — चोल राज्य
• चोल राजवंश का पहला शासक कौन था ? उत्तर — उरवहप्पहरे
• चोल राजवंश का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा कौन था ? उत्तर — करिकाल
• करिकाल ने चेर और पाण्ड्य सहित 12 राजाओं को किस युद्ध में पराजित किया था ? उत्तर — वेण्णि का युद्ध
• भारत का पहला बाँध था ? उत्तर — करिकाल द्वारा निर्मित कावेरी नदी पर 160 m लंबा बाँध ( इसे Grand बाँध भी कहते हैं )
• चोल शासक करिकाल द्वारा स्थापित नगर पुहार का अन्य नाम क्या है ? उत्तर — कावेरीपट्टनम्
• “शिलाप्पादिकारम्” नामक ग्रंथ में हिमालय तक विजय की चर्चा किस चोल शासक के विषय में की गई है ? उत्तर — करिकाल
• संगमकालीन किस चोल शासक ने श्रीलंका पर विजय प्राप्त की थी ? उत्तर — एलारा ने
• ईसा की प्रारंभिक शताब्दियों में भारत तथा रोम के बीच घनिष्ठ व्यापारिक संबंधों की सूचना किस पुरास्थल की खुदाइयों से प्राप्त होती है ? उत्तर — अरिकामेडू, तमिलनाडु
• प्राचीन दक्षिण भारत में व्यापारियों के निगम को क्या कहते थे ? उत्तर — मणिग्रामम्
• संगम साहित्य में “कावेरीपत्तनम्” का संबंध किस राजवंश से था ? उत्तर — चोल राजवंश से
• किस दक्षिण भारतीय राज्य में उत्तम ग्राम प्रशासन की व्यवस्था की गयी थी ? उत्तर — चोल राज्य में
• चोल प्रशासन की प्रमुख विशेषता क्या थी ? उत्तर — ग्राम प्रशासन की स्वायत्तता
• चोल वंश कब अत्यंत कमजोर हो गया और सामंती जीवन जीने लगा था ? उत्तर — 5वीं सदी आते-आते
• चोलों का पुनः उदय कब हुआ ? उत्तर — 8वीं सदी
पाण्ड्य राजवंश
• पाण्ड्य का शाब्दिक अर्थ होता है ? उत्तर — प्राचीन प्रदेश
• पाण्ड्य राजवंश का क्षेत्र था ? उत्तर — तमिलनाडु के दक्षिणी भाग में
• पाण्ड्य की राजभाषा थी ? उत्तर — तमिल
• पाण्ड्य राजवंश कैसी थी ? उत्तर — मातृसत्तात्मक
• पाण्ड्य किसके लिए प्रसिद्ध था ? उत्तर — मोतियों के लिए
• पाण्ड्य राज्य का प्रारंभिक उल्लेख किस ग्रंथ में मिलता है ? उत्तर — पाणिनी कृत अष्टाध्यायी में
• मेगास्थनीज ने अपनी पुस्तक इण्डिका में पाण्ड्य राज्य को किस नाम से उल्लिखित किया है ? उत्तर — माबर प्रदेश
• संगमकालीन पाण्ड्य राजवंश की राजधानी क्या थी ? उत्तर — मदुरा / मदुरै ( त्योहारों का शहर तथा मिनाक्षी मंदिर )
• संगमकालीन पाण्ड्य राजवंश का राजकीय चिन्ह क्या था ? उत्तर — मछली
• “पेरीप्लस ऑफ दी इरिथ्रियन सी” में पाण्ड्य राज्य की आरंभिक राजधानी किस स्थल को बताया गया है ? उत्तर — कोलकई / कोरकई
• संगमयुगीन पाण्ड्य राजवंश का प्रथम शासक किसे माना जाता है ? उत्तर — नेडियोन को
• नोडियोन ने किस पूजा का प्रारंभ किया था ? उत्तर — समुद्र पूजा
• पाण्ड्य राजवंश का सबसे प्रतापी शासक कौन था ? उत्तर — नेडूजेलियन
• संगम परिषद के अध्यक्ष व राजकवि नक्कीरर किस पाण्ड्य शासक के दरबार में निवास करते थे ? उत्तर — नेडूजेलियन के
• किस पाण्ड्य राजा ने 290 CE में हुए “तलैयालंगानम के युद्ध” में चेर, चोल तथा 5 अन्य राजाओं को एक साथ पराजित कर दिया था ? उत्तर — नेडूजेलियन II
• दक्षिण भारत के किस राजवंश के राजा ने रोम राज्य में एक दूत 26 BCE में भेजा था ? उत्तर — पाण्ड्य राजवंश ने
• पाण्ड्य राजवंश का अंतिम शासक कौन था ? उत्तर — नल्लिवकोडन (मरावर्मन राजसिम्हा तृतीय)
• पाण्ड्य राजवंश का अस्तित्व कब समाप्त हो गया ? उत्तर — 5वीं सदी आते-आते
• पाण्ड्य राजवंश की जानकारी मिलती है ? उत्तर — अशोक के शिलालेख, महाभारत एवं रामायण से
Sangam Literature
Sangam Literature consists of the following
Earliest Tamil Works
1. Tolkappiyam (तोलकाप्पियम्) :– Tamil Grammar by Tolkappiyar
2. Agattiyam (अकट्टियम्) :– A work on grammar of letters and life by Agattiyar
3. Pannirupadalam :– A grammatical work on puram literature by the 12 disciples of saint Agastya
4. Kakkipadiniyam :– A work on prosody by an unknown writer
Ettutogai (Eight Anthologies)
1. Aingurunuru :– 500 erotic poems → compiled by Gudahir Kilar
2. Narrinai :– 400 shorts poems on love
3. Agananuru :– 400 love lyrics of varying length → compiled by Rudrasarman
4. Kurunttogai :– 400 love poems
5. Purananuru :– 400 poems in praise of kings
6. Kalittogai :– 150 love poems
7. Paripadal :– 24 poems in praise of gods
8. Padirrupattu :– A short collection of 8 poems in the praise of the Chera kings
Pattuppattu (Ten Idylls)
1. Murugarruppadai by Nakkirar
2. Sirupanarruppadai by Nattattanar
3. Perumbanarruppadai by Mangudi Marudam
4. Pattinappalai by Kannan
Padinenkilkanakku (पदीनेनकीलकणक्कु) (Eighteen Minor Works)
1. Tirukkural (तिरुक्कुरल) by Tiruvalluvar (known as the “Bible of Tamil land”)
2. Palamoli by Munrurai Araiyar
3. Naladiyar
4. Acharakkovai
The Epics
1. Silappadigram (शिल्पादिकारम्)
2. Manimegalai (मणिमेखलै)
3. Sivaga Sindamani
– : समाप्त : –