Indian History : कुषाण वंश (The Kushaan Dynasty)

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कुषाण वंश (The Kushaan Dynasty)

कुषाण वंश (लगभग 30 ईस्वी से 375 ईस्वी तक) भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में एक महत्वपूर्ण राजवंश था, जिसने मध्य एशिया और उत्तरी भारत के बड़े हिस्से पर शासन किया। वे चीन से आए यूची (Yuezhi) लोगों की एक शाखा थे।

उत्पत्ति और संस्थापक
• कुषाण चीन के यूची जनजाति से संबंधित थे, जो मूल रूप से मध्य एशिया के खानाबदोश लोग थे।

i) कुजुल कडफिसेस (Kujula Kadphises) :- कुषाण वंश के संस्थापक कुजुल कडफिसेस थे। उन्होंने यूची जनजाति की पांच शाखाओं को एकजुट किया और भारत में कुषाण शक्ति की स्थापना की। उनका शासनकाल लगभग 15 ईस्वी से 65 ईस्वी के बीच माना जाता है।
ii) विम कडफिसेस :- कुजुल कडफिसेस के बाद उनके पुत्र विम कडफिसेस उत्तराधिकारी बने। उन्होंने कुषाण साम्राज्य का और विस्तार किया और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक अपनी राज्य की सीमा स्थापित की। उनके सिक्कों पर शिव का अंकन मिलता है, जिससे पता चलता है कि वे शैव धर्म के अनुयायी थे।
iii) कनिष्क महान :- कुषाण वंश के सबसे प्रतापी और प्रसिद्ध शासक कनिष्क प्रथम थे। उनका शासनकाल आमतौर पर 78 ईस्वी से 101 ईस्वी (या कुछ स्रोतों के अनुसार 127 से 150 ईस्वी) के बीच माना जाता है। 78 ईस्वी में उनके राज्यारोहण के साथ ही शक संवत की शुरुआत हुई, जिसे भारत सरकार ने भी राष्ट्रीय कैलेंडर के रूप में अपनाया है। कनिष्क ने अपने साम्राज्य का और विस्तार किया। उन्होंने चीन के हान वंश के साथ भी युद्ध लड़ा। कनिष्क बौद्ध धर्म का महान संरक्षक था। उसने बौद्ध धर्म की चौथी बौद्ध संगीति का आयोजन कश्मीर के कुंडलवन में किया था, जिसकी अध्यक्षता वसुमित्र ने की थी। इस संगीति में बौद्ध धर्म दो प्रमुख शाखाओं – हीनयान और महायान में विभाजित हो गया। कनिष्क ने महायान बौद्ध धर्म को बढ़ावा दिया और इसे मध्य एशिया और चीन तक फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

साम्राज्य का विस्तार
• कुषाण साम्राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर मध्य एशिया के खुरासान (ईरान) से लेकर वर्तमान ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और उत्तरी भारत के अधिकांश हिस्सों (कश्मीर से लेकर पटना तक) में फैला हुआ था।

कला और संस्कृति का विकास
• कनिष्क के शासनकाल में कला, साहित्य और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास हुआ।
i) गांधार कला शैली :- यह कला शैली यूनानी और भारतीय कला का मिश्रण थी, जिसमें बुद्ध की मूर्तियों को यूनानी देवताओं की तरह यथार्थवादी ढंग से दर्शाया गया था।
ii) मथुरा कला शैली :- यह विशुद्ध भारतीय शैली थी, जिसमें स्थानीय लाल बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया था। इसमें भी बुद्ध और जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां बनाई गईं।
iii) साहित्य और विद्वान :- कनिष्क के दरबार में कई महान विद्वान और दार्शनिक रहते थे, जैसे
a) अश्वघोष – बौद्ध दार्शनिक और कवि, जिन्होंने ‘बुद्धचरित’ और ‘सौंदरानंद’ की रचना की।
b) नागार्जुन – महान बौद्ध दार्शनिक और रसायनशास्त्री।
c) वसुमित्र – जिन्होंने चौथी बौद्ध संगीति की अध्यक्षता की।
d) चरक – प्रसिद्ध चिकित्सक, जिनकी ‘चरक संहिता’ आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।

कुषाण काल की प्रमुख विशेषताएँ
I) व्यापार और वाणिज्य :- कुषाण काल व्यापार और वाणिज्य की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध था। रेशम मार्ग (सिल्क रूट) पर कुषाणों का नियंत्रण था, जिससे चीन, मध्य एशिया और पश्चिमी देशों के बीच व्यापार फला-फूला।
II) स्वर्ण सिक्के :- कुषाणों ने बड़ी संख्या में सोने के सिक्के जारी किए, जो उनकी आर्थिक समृद्धि को दर्शाते हैं।
III) धार्मिक सहिष्णुता :- कुषाण शासकों ने धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई। उनके सिक्कों पर विभिन्न भारतीय, ईरानी और यूनानी देवी-देवताओं के चित्र मिलते हैं।

कुषाण साम्राज्य का पतन
• कनिष्क की मृत्यु के बाद कुषाण साम्राज्य का पतन शुरू हो गया। उनके उत्तराधिकारी कमजोर थे और साम्राज्य धीरे-धीरे छोटे-छोटे क्षेत्रों में बंट गया।
• आंतरिक कलह :- आंतरिक कमजोरियां और क्षेत्रीय शासकों का उदय।
• नए राजवंशों का उदय :- नाग लोगों ने यमुना के तराई वाले भाग पर अधिकार कर लिया, और गुप्त राजाओं ने साकेत, प्रयाग और मगध को अपने अधिकार में ले लिया।
• सासानी साम्राज्य का आक्रमण :- तीसरी शताब्दी ईस्वी के दौरान ईरान के सासानी साम्राज्य ने कुषाणों के पश्चिमी क्षेत्रों पर आक्रमण कर दिया, जिससे कुषाण साम्राज्य का पूर्णतः पतन हो गया।

One Liner Objectives

• मौर्योत्तर काल में भारत पर आक्रमण करने वाला अंतिम वंश कौन थे ? उत्तर — कुषाण
• कुषाण कहाँ के निवासी थे ? उत्तर — चीन तुर्कीस्तान
• कुषाण किस जाति की एक शाखा थी ? उत्तर — यूची
• यूची कबीला कितने भागों में बँटा था ? उत्तर — 5 (इसी का एक भाग कुषाण था)
• कुषाण वंश की स्थापना किसने की थी ? उत्तर — कुजुल कडफिसस (15-65 CE)
• कुजुल कडफिसस ने संगठित साम्राज्य की स्थापना के बाद कौन-सी उपाधि धारण की थी ? उत्तर — महाराजाधिराज की
• कुजुल कडफिसस ने किस धातु की मुद्राएँ चलवायी थी ? उत्तर — ताँबे की
• कुजुल कडफिसस के पश्चात कुषाण वंश का राजा कौन बना था ? उत्तर — विम कडफिसस (65-78 CE) (भारत में कुषाण वंश का वास्तविक संस्थापक)
• विम कडफिसस ने किस धातु के सिक्के चलवाए थे ? उत्तर — सोने तथा ताँबे की (सिक्कों पर शिव, नन्दी तथा त्रिशूल की आकृतियाँ)
• विम कडफिसस किस मत का अनुयायी था ? उत्तर — शैव मत
• विम कडफिसस के पश्चात कुषाण शासन की बागडोर किसके हाथ में आयी थी ? उत्तर — कनिष्क (78-101 CE) के
• कनिष्क ने शक संवत् का प्रारंभ कब किया था ? उत्तर — 78 CE में
• कनिष्क के पूर्वी भारत पर विजयों का विवरण किस अभिलेख से मिलता है ? उत्तर — सारनाथ अभिलेख से
• कनिष्क ने पाटलिपुत्र पर आक्रमण कर किन चीजों को प्राप्त किया था ? उत्तर — बुद्ध का भिक्षापात्र, लेखक अश्वघोष, एक अद्भूत मुर्गा
• कश्मीर पर कनिष्क के अधिकार की जानकारी किस ग्रंथ से मिलती है ? उत्तर — कल्हण कृति राजतरंगिणी ( कनिष्कपुर नगर की स्थापना )
• कनिष्क के विशाल साम्राज्य की राजधानी थी ? उत्तर — पुरुषपुर (पेशावर) = दूसरी राजधानी मथुरा
• ‘देवपुत्र’ की उपाधि कनिष्क के संदर्भ में क्या भाव व्यक्त करती है ? उत्तर — दैवी उत्पत्ति में विश्वास
• प्रशासन के सुविधा के लिए कनिष्क ने अपने साम्राज्य को किसमें विभक्त किया था ? उत्तर — क्षत्रपों में
• एक ही प्रांत में संयुक्त रूप से दो शासक नियुक्त करने की विचित्र प्रथा का प्रारंभ किसके समय में हुआ था ? उत्तर — कुषाणों के
• चतुर्थ बौद्ध संगीति किस शासक के शासनकाल में आयोजित हुआ था ? उत्तर — कनिष्क के (कश्मीर)
• कनिष्क बौद्ध धर्म के किस शाखा को मानता था ? उत्तर — महायान
• कनिष्क के दरबार में कौन-कौन विद्वान रहते थे ? उत्तर — पार्श्व, वसुमित्र (महाविभाषसूत्र), अश्वघोष (बुद्ध चरित्र), नागार्जुन तथा चरक (चरक संहिता)
• कनिष्क का राजकवि एवं राजपुरोहित कौन-सा विद्वान था ? उत्तर — अश्वघोष एवं संघरक्ष
• नागार्जुन ने माध्यमिक सूत्र में सापेक्षिकता के सिद्धांत की चर्चा की है इसीलिए इन्हें क्या कहते हैं ? उत्तर — भारत का आइंस्टिन
• “द्वितीय अशोक” किसे कहा जाता है ? उत्तर — कनिष्क को
• कनिष्क के उत्तराधिकारी थे ? उत्तर — वासिष्क → हुविष्क → कनिष्क द्वितीय → वासुदेव → कनिष्क तृतीय → वासुदेव द्वितीय
• हुविष्क ने किन धातु के सिक्के चलवाए थे ? उत्तर — सोने एवं ताँबे के
• कुषाण शासक हुविष्क का किस धर्म के प्रति झुकाव था ? उत्तर — ब्राह्मण धर्म
• कुषाण शासक हुविष्क ने कश्मीर में किस नगर की स्थापना की थी ? उत्तर — हुष्कपुर
• “पेरीप्लस ऑफ द एरिथ्रियन सी” से किन वस्तुओं का विवरण मिलता है। जिसकी बड़ी मात्रा में भारत से रोम को निर्यात किया जाता था ? उत्तर — मसाले, मोती, मलमल, हाथीदाँत, औषधियाँ, चंदन, इत्र इत्यादि
• कुषाण शासक सोने की प्राप्ति किन स्थलों से करते थे ? उत्तर — मध्य एशिया के अल्ताई पहाड़ों से एवं रोम से
• यूनानी कला के प्रभाव से पश्चिमोत्तर प्रदेशों में किस नवीन शैली का विकास हुआ था ? उत्तर — गंधार कला शैली
• गंधार शैली की मूर्तियाँ किन स्थलों से प्राप्त हुई है ? उत्तर — अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के स्थलों से
• गंधार कला में किसकी बहुसंख्यक मूर्तियों का निर्माण हुआ था ? उत्तर — बुद्ध एवं बोधिसत्वों की (हारीति, रोमा अथवा एथिना देवी की मूर्ति)
• गंधार कला में मूर्तियाँ बनी होती थी ? उत्तर — काले स्लेटी पाषाण, चूने तथा पक्की मिट्टी से
• मथुरा कला शैली का विषय आदर्शवादी था जबकि गंधार शैली का विषय थी ? उत्तर — यर्थाथवादी
• सर्वप्रथम बुद्ध मूर्ति का आविष्कार किस शैली में किया गया था ? उत्तर — मथुरा कला में

– : समाप्त : –

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