Bihar Board Class 9th Geography : प्रिय विद्यार्थीयों, “Mindbloom Study” (#1 Online Study Portal For Bihar Board Exams) आपके लिए लाया है बिहार बोर्ड Class 9th भूगोल अध्याय 3 “भारत का भौतिक स्वरूप (Physical form of India)” का Objective & Subjective Answer Question
भारत का भौतिक स्वरूप (Physical form of India)
• भारत एक विशाल देश है, जिसमें विभिन्न भू-भाग हैं। वास्तव में, हमारे देश में व्यावहारिक रूप से पृथ्वी की सभी प्रमुख भौतिक विशेषताएँ हैं जैसे – पहाड़, मैदान, रेगिस्तान, पठार और द्वीप।
• हमारे देश में लगभग 30% भाग पर पहाड़, 27% भाग पर पठार तथा 43% भाग पर मैदान है।
प्लेट विवर्तनिकी का सिंद्धात (Theory of Plate Tectonics)
• प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के अनुसार, पृथ्वी की Crust का निर्माण 7 प्रमुख और कुछ छोटी प्लेटों से हुआ है —
1. Pacific plate (प्रशांत भूखंड)
2. African plate (अफ्रीकी भूखंड)
3. Eurasian plate (यूरेशियाई भूखंड)
4. North American plate (उत्तर अमेरिकी भूखंड)
5. South American plate (दक्षिण अमेरिकी भूखंड)
6. Indian-Australian plate (भारतीय-ऑस्टेलियाई भूखंड)
7. Antarctic plate (अंटार्कटिक भूखंड)
• प्लेटों की गतियों को तीन भागों में बाँटा गया है —
1. विनाशी प्लेट सीमान्त (Convergent Boundary) :– जब दो प्लेटें एक-दूसरे के करीब आती है तब इसका निर्माण होता है।
2. निर्माणक प्लेट सीमान्त (Divergent Boundary) :– जब दो प्लेटें एक-दूसरे से दूर जाती है तब इसका निर्माण होता है।
3. संरक्षी प्लेट सीमान्त (Transform Boundary) :– जब दो प्लेट एक-दूसरे को रगड़ते हुए विपरीत दिशा से चली जाती है तब इसका निर्माण होता है।
• जब दो प्लेट एक-दूसरे के करीब आती है तब या तो वे टकराकर टूट जाती है या एक प्लेट फिसल कर दूसरी पलट के नीचे चली जाती है।
• भू-वैज्ञानिकों के अनुसार, पूर्व में भूमंडल पर केवल एक ही भूखंड था जिसे पैंजिया (Pangaea) कहा जाता था तथा इसके चारों ओर एक महासागर था जिसे पंथालास्सा (Panthalassa) कहा जाता था, इसके उतरी भाग को अंगारा भूमि (Angara Land) और दक्षिणी भाग को गोंडवाना भूमि (Gondwana Land) कहा जाता था और इसके मध्य में टिथिस सागर (Tethys Sea) था।
• हिमालय का निर्माण टिथिस सागर में जमा हुए अवसादों (Depression से हुआ था। इसके निर्माण में लाखों-करोड़ों वर्ष लगे। हिमालय, भू-गर्भीय (geological) रूप से नवीन और संरचनात्मक रूप से मोड़दार (fold) पर्वत है।
मुख्य भौतिक विभाग (Major Physiographic Division)
• भौतिक स्वरूप के आधार पर भारत को 6 भागों में बाँटा गया है —
1. हिमालय या उत्तर का पर्वतीय प्रदेश
2. उत्तर का विस्तृत या विशाल मैदान
3. दक्षिण का पठार
4. समुद्रतटीय मैदान
5. भारतीय मरुस्थल
6. भारतीय द्वीपसमूह
The Himalayan Plateau (हिमालय या उत्तर का पर्वतीय प्रदेश)
• हिमालय भारत की उत्तरी सीमा पर फैला हुआ हैं।
• हिमालय के उत्तर में तीन और समांतर पर्वत श्रेणियाँ मिलती हैं, जो जस्कर श्रेणी, लद्दाख श्रेणी और काराकोरम श्रेणी के नाम से प्रसिद्ध हैं। इन तीनों को हिमालय-पार की पर्वतश्रेणियाँ (Trans Himalayan Ranges) कहते है। इसी भाग में बाल्टोरो और सियाचीन जैसी विशाल ग्लेशियर भी है।
• काराकोरम श्रेणी में ही गाडविन आस्टिन या K2 (8611 m) मिलती है। इसी श्रेणी को तिब्बत में कैलास पर्वत के नाम से जाना जाता है।
• लद्दाख श्रेणी से सटा लद्दाख पठार मिलता है, जो भारत का सबसे ऊँचा पठार (4 km) है।
• पामीर का पठार को संसार की छत के नाम से प्रसिद्ध है।
हिमालय की तीन समांतर श्रेणियाँ
i) महान (Great) या आंतरिक (Inner) हिमालय या वृहत हिमालय या हिमाद्रि (Himadri)
• यह हिमालय की सबसे उत्तरी श्रेणी है। इसकी औसतन ऊँचाई 6000 m है। इसमें सभी प्रमुख हिमालय की चोटियाँ शामिल हैं।
• हिमाद्रि से ही सिंधु, सतलुज, गंगा, यमुना, कोसी और ब्रह्यपुत्र नदियों का उद्गम होता है।
ii) हिमाचल या मध्य हिमालय या लघु हिमालय
• यह हिमालय की मध्य श्रेणी है। इसकी ऊँचाई 3,700 से 4,500 m के बीच होती है और औसत चौड़ाई 50 km है।
• इसमें कश्मीर की प्रसिद्ध कश्मीरघाटी, काठमांडू की घाटी, हिमाचल प्रदेश की काँगड़ा और कुल्लू घाटी शामिल हैं। यह क्षेत्र अपने हिल स्टेशनों के लिए प्रसिद्ध है।
• कश्मीरघाटी को पृथ्वी का स्वर्ग कहा गया है। झेलम नदी इसी घाटी से होकर बहती है।
• धर्मशाला, डलहौजी, शिमला, मसूरी, नैनीताल, दार्जिलिंग आदि सभी प्रसिद्ध पर्वतीय नगर तथा केदारनाथ, बदरीनाथ और अमरनाथ जैसे पावन तीर्थस्थल इसी भाग में है।
• कश्मीर की पीरपंजाल श्रेणी, नेपाल की महाभारत श्रेणी इसी का भाग है।
• कश्मीर में कुछ घास के मैदान भी है जिसे मर्ग कहते है। जैसे – गुलमर्ग, खिलनमर्ग और सोनमर्ग इत्यादि।
iii) वाह्य हिमालय या निम्न हिमालय या शिवालिक
• यह हिमालय की सबसे दक्षिणी श्रेणी है। इसकी ऊँचाई 900-1100 m के बीच है तथा चौड़ाई 10-50 km है।
• लघु हिमालय और शिवालिक के बीच स्थित अनुदैर्ध्य (longitudinal) घाटी को दून या द्वार (Duns) के नाम से जाना जाता है। देहरादून, हरिद्वार, कोटलीदून और पाटलीदून, बुटवाल, कांगड़ा घाटी, अलीपुर द्वार कुछ प्रसिद्ध दून हैं।
• इस भाग में अनेक झीलें मिलती है, जो ताल कहलाती है। जैसे – सातताल, नैनीताल, राकसताल, मालाताल इत्यादि।
• बिहार की उत्तर-पश्चिम सीमा पर स्थित सोमेश्वर पहाड़ियाँ इसी का भाग है।
पूर्वांचल या पूर्वी पहाड़ियाँ (Eastern mountains)
• दिहांग गॉर्ज (Dihang Gorge) के बाद हिमालय दक्षिण की ओर एक तीखा मोड़ बनाते हुए भारत की पूर्वी सीमा के साथ फैल जाता है। इन्हें पूर्वांचल या पूर्वी पहाड़ियों (Eastern mountains) के नाम से जाना जाता है। पूर्वांचल में पटकाई बुम, नागा, मणिपुर और मिज़ो की पहाड़ियाँ (लुशाई) शामिल हैं।
• उत्तर-पूर्वी पर्वतश्रेणी मध्य में पश्चिम की ओर बढ़कर मेघालय तक आ गई है, जहाँ इसे गारो, खासी और जयंतिया पहाड़ियों के नाम से पुकारा जाता है।
हिमालय के क्षेत्रीय नाम
• पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ते हुए हिमालय को निम्न नामों से पुकारा जाता है —
1. पंजाब या कश्मीर हिमालय :– सिंधु और सतलज नदी के बीच का हिमालय (560 km लंबाई)
2. कुमायूँ हिमालय :– सतलज और काली नदी के बीच का हिमालय (320 km लंबाई)
3. नेपाल हिमालय :– काली और तिस्ता नदी के बीच का हिमालय (800 km लंबाई)
4. असम हिमालय :– तिस्ता और ब्रह्मपुत्र नदी (दिहांग) के बीच का हिमालय (750 km लंबाई)
The Northern Plains (उत्तर का विशाल मैदान)
• इस विशाल मैदान का निर्माण सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र तथा इसकी सहायक नदियों से हुआ है।
• यह मैदान जलोढ़ मिट्टी (alluvial soil) से बना है। इसका क्षेत्रफल 7 लाख km² है तथा यह लगभग 2400 km लंबा और 150 से 500 km चौड़ा है। इसकी ऊँचाई 250 m से भी कम है।
• इस विशाल मैदान को चार भागों में बाँटा गया है —
पश्चिमी या पंजाब का मैदान
• इसका निर्माण सिंधु और इसकी सहायक नदियों से हुआ है। इसका बहुत बड़ा भाग पाकिस्तान में स्थित है।
• रावी और व्यास के दोआब को ऊपरी बारी-दोआब तथा व्यास और सतलज के दोआब को विस्ट दोआब कहा जाता है।
• इस मैदान की प्रमुख नदी सतलज है। इसलिए इसे सतलज का मैदान भी कहा जाता है।
• इसकी औसत ऊँचाई 200-500 m है। इसकी ढाल दक्षिण-पश्चिम की ओर है।
राजस्थान का मैदान
• यह अरावली के पश्चिम में स्थित है, परंतु जलवायु-परिवर्तन के कारण यह मैदान रेतीला बन गया है।
• बालुका स्तूप (sand dunes) यहाँ की प्रमुख स्थलाकृति है। पूर्वी भाग में यहाँ कई पहाड़ियाँ हैं जिन्हें ‘टोर’ कहते है। लूनी एकमात्र प्रमुख नदी है।
• साँभर, दिदवाना, डेगना और कुचापन इत्यादि यहाँ की कुछ प्रमुख खारे पानी की झीलें है।
मध्यवर्तीय मैदान या गंगा का मैदान
• यह मैदान पश्चिम में यमुना और पूर्व में ब्रह्यपुत्र के बीच फैला है। इसकी लंबाई 1400 km है। इसकी ढाल दक्षिण-पूर्व की ओर है।
• इस मैदान की प्रमुख नदी गंगा है, जिसके नाम पर इसे गंगा का मैदान कहा गया है।
• गंगा की पश्चिमी शाखा भागीरथी के नाम से प्रसिद्ध है, जो आगे बढ़कर हुगली कहलाती है। गंगा ब्रह्यपुत्र से मिलकर डेल्टा बनाती है।
• उच्चावच के आधार पर गंगा के मैदान को चार भाग में बाँटा गया है —
1. भाबर (कंकर पत्थर युक्त)
2. तराई (दलदल भूमि)
3. बांगर (पुराना जलोढ़, ऊँचा क्षेत्र)
4. खादर (नया जलोढ़, नीचा क्षेत्र)
• पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ते हुए गंगा के मैदान को तीन भागों में बाँटा गया है —
1. ऊपरी गंगा का मैदान (दिल्ली से प्रयाग तक)
2. मध्य गंगा का मैदान (प्रयाग से राजमहल/फरक्का तक)
3. निम्न गंगा का मैदान (पश्चिम बंगाल में)
पूर्वी मैदान या ब्रह्यपुत्र का मैदान
• यह सबसे पूर्वी भाग है, जिसकी ढाल पूर्व से पश्चिम की ओर है। यह लगभग 650 km लंबा और 100 km चौड़ा है। इसकी ऊँचाई 150 m है। इस मैदान में भीषण बाढ़ आती है। इस मैदान की प्रमुख नदी ब्रह्यपुत्र (सहायक नदियाँ तिस्ता, सुबनसिरी और लोहित) है।
• माजुली (Majuli) (929 km²) ब्रह्मपुत्र नदी में दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप (largest inhabited riverine island) है।
The Peninsular Plateau (प्रायद्वीपीय या दक्षिण का पठार)
• दक्षिण का पठार या प्रायद्वीपीय पठार आकृति की दृष्टि से त्रिभुजाकार है तथा प्राचीन गोंडवाना भूमि का एक खंड है। यह उत्तर की ओर चौड़ा और दक्षिण में संकीर्ण (narrow) है। इसकी औसत ऊंचाई 600 से 900 m है।
• विंध्याचल और सतपुरा के बीच नर्मदा की भ्रंशघाटी (rift valley) है, जो प्रायद्वीपीय पठार को दो स्पष्ट भागों में बाँट देती है —
The Central Highlands or Plateau of India (उत्तरी उच्चभूमि या मध्यवर्ती पठार)
• दक्षिण भारत के पश्चिमोत्तर में अरावली पर्वत मिलती है। इसकी एक शाखा दिल्ली (Delhi Hills) की ओर चली गई है। अरावली की सबसे ऊँची चोटी माउंट आबू स्थित गुरुशिखर (1722 m) है। अरावली को विश्व का सबसे पुराना वलित पर्वत माना जाता है।
• अरावली के पूर्व में पूर्वी राजस्थान की उच्चभूमि है, जो 500 m तक ऊँची है। इससे पूर्व की ओर बढ़ने पर क्रमशः बुंदेलखंड पठार, बघेलखंड पठार और छोटानागपुर पठार मिलते है। चंबल, केन, बेतवा और सोन इस भाग की प्रमुख नदियाँ है।
• बुंदेलखंड पठार को यमुना-पार का मैदान भी कहा जाता है। इसमें कई सुंदर जलप्रपात मिलते है।
• अरावली के दक्षिण से पूर्व की ओर बढ़ने पर मालवा का पठार मिलता है, जो लावा निर्मित है।
• मालवा का पठार के पूर्व में विंध्य पर्वत है, जिसमें कोई शिखर नहीं मिलता है।
• विंध्याचल पर्वत के दक्षिण में नर्मदाघाटी है, जिसके बाद सतपुरा की श्रेणी मिलती है। सतपुरा की सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ी (1350m) है, जो महादेव पहाड़ी पर स्थित है। महादेव पहाड़ी पर ही पंचमढ़ी नगर स्थित है।
• महादेव पहाड़ी के पूर्व में मैकाल की पहाड़ियाँ मिलती है। इसकी सर्वोच्च चोटी अमरकंटक (1036 m) है।
• मैकाल से पूर्व बढ़ने पर छोटानागपुर पठार मिलता है। यह रिहंद नदी से लेकर राजमहल की पहड़ियों तक फैला है। इसके अंतर्गत राँची, हजारीबाग (Parasnath Mountain, 1365m) और कोडरमा के उपपठार शामिल है। सोन, कोयल, दामोदर, बराकर, स्वर्णरेखा और शंख इस भाग की प्रमुख नदियाँ है। छोटानागपुर पठार को भारतीय खनिजों का भंडारघर कहा जाता है।
• सुदूर पूर्व में मेघालय पठार है, जहाँ गारो, खासी और जयंतिया पहाड़ियाँ मिलती है। खासी पहाड़ी का आतंरिक भाग शिलांग पठार के नाम से प्रसिद्ध है।
The Deccan Plateau (दक्कन का पठार)
• दक्कन के पठार की दो प्रमुख विशेषताएँ हैं —
The Western Ghats (पश्चिमी घाट)
• पश्चिमी घाट पर्वत उत्तर में ताप्ती नदी के मुहाने से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक 1600 km लंबाई में फैला हुआ है। दक्षिण की ओर इसकी ऊँचाई बढ़ती जाती हैं। पश्चिमी घाट को सह्याद्रि (Sahyadri) भी कहा जाता है।
• पश्चिमी घाट के उत्तर में गुजरात के सौराष्ट्र प्रदेश में गिर की पहाड़ियाँ मिलती है जो एशियाई सिंह के लिए विख्यात है।
• पश्चिमी घाट की सबसे ऊँची चोटी अनयमुदी चोटी (2695 m) है, जो अनयमलय पहाड़ी (केरल) पर स्थित है। यह दक्षिण भारत की सबसे ऊँची चोटी भी है।
• नीलगिरि की सबसे ऊँची चोटी दोदाबेटा (2670 m) है।
• दक्षिण भारत का सबसे सुंदर पर्वतीय नगर ऊटी (ऊटकमंड या उद्गमंडलम) नीलगिरि में ही स्थित है।
• पश्चिमी घाट में थालघाट, भोरघाट, पालघाट और शिनकोटा प्रमुख दर्रे है।
The Eastern Ghats (पूर्वी घाट)
• पूर्वी घाट पर्वत उत्तर में महानदी की घाटी से प्रारंभ होकर दक्षिण में नीलगिरि तक 1800 km लंबाई में फैला हुआ है। इसकी ऊँचाई पश्चिमी घाट के अपेक्षा कम है।
• पूर्वी घाट की सबसे ऊँची चोटी महेंद्रगिरि (1501 m) है, जो ओडिशा में स्थित है।
• उड़ीसा के महेंद्रगिरी, आंध्र प्रदेश के नलामलय (Nalamalai), पालकोंडा (Palkonda), वेलीकोंडा तथा तमिलनाडु के अन्नामलई (Annamalai), पचामलई (Pachamalai), शिवराय (Shivarai), पलनी (Palani) तथा वेलंगिरी (Velangiri) पूर्वी घाट की प्रमुख पहाड़ियाँ है।
समुद्रतटीय मैदान (The Coastal Plains)
• प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व और पश्चिम में समुद्रतटीय मैदान मिलते है।
पश्चिमतटीय मैदान (The western coast)
• यह उत्तर में खंभात की खाड़ी से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी अंतरीप तक फैला है। यह 1600 km लम्बा तथा 60 km चौड़ा है।
• पश्चिमतटीय मैदान के उत्तरी भाग को कोंकण तट (गुजरात–गोवा), मध्य भाग को कन्नड़ या कर्नाटक तट (गोवा–मंगलूर) और दक्षिण भाग को केरल तट (मंगलूर–कुमारी अंतरीप) कहा जाता है। कर्नाटक तट और केरल तट को संयुक्त रूप से मालाबार तट कहा जाता है।
• पश्चिमतटीय मैदान में नर्मदा और ताप्ती दो बड़ी तथा साबरमती, मांडवी, जुआरी, कालिंदी, सरस्वती, नेत्रवती, पेरियार आदि छोटी नदियाँ है।
• नदियों की गति तेज होने के कारण प्रायः सभी नदियों द्वारा मुहाने पर ज्वारनदमुख (estuaries) का विकास किया जाता है।
• कांडला, मुंबई, न्हावाशेवा, मार्मागोवा, मंगलुर और कोच्चि इस तट के प्रमुख बंदरगाह (port) है।
• इस तट के दक्षिण में खारे पानी की छोटी-2 कई झीलें मिलते है। जैसे – वेम्बानद झील (Vembanad Lake)
पूर्वतटीय मैदान (The eastern coast)
• यह उत्तर में गंगा के मुहाने से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक फैला हैं। यह 1500 km लम्बा तथा 150-350 km चौड़ा है।
• पूर्वी तटीय मैदान के उत्तरी भाग को गोलकुंडा तट या उत्तरी और दक्षिणी सरकार तट तथा दक्षिणी भाग को कोरोमंडल तट कहते है।
• पूर्वतटीय मैदान की प्रमुख नदियाँ महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी है।
• पारादीप, विशाखापत्तनम, तूतीकोरिन और चेन्नई इस तट के प्रमुख पतन (port) है।
• पुलिकट (चेन्नई), चिल्का (पुरी) तथा कोलेरु (आंध्र प्रदेश) पूर्वी तट पर स्थित प्रमुख लैगून है।
• तटीय मैदान ने विदेशी व्यापार, मत्स्योद्यम तथा पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
• तटीय मैदान नारियल और गर्म मसाले की खेती के लिए महत्वपूर्ण है। कई स्थलों पर समुद्री जल से नमक तैयार किया जाता है।
भारतीय मरुस्थल (The Indian Desert)
• अरावली के पश्चिमी में दूर तक मरुभूमि मिलती है, जो थार मरुस्थल के नाम से प्रसिद्ध है। यह 664 km लंबा और 160 km चौड़ा है। इसका कुल क्षेत्रफल 1,04,000 Sq. km है। इसके दक्षिणी भाग में एकमात्र बड़ी नदी लूनी है।
• अपरदित छत्रकशिलाएँ और बालुकास्तूप (dunes) थार मरुस्थल की सामान्य स्थलाकृतियाँ है।
भारतीय द्वीपसमूह
• भारत की समुद्री सीमा के अंतर्गत 1256 द्वीप है। जिसमें दो द्वीपसमूह बड़े है —
लक्षद्वीप (Lakshadweep)
• लक्षद्वीप केरल के निकट अरब सागर में स्थित है। इसे पहले Laccadive, Minicoy और Amindive के नाम से जाना जाता था। 1973 में इसका नाम लक्षद्वीप रखा गया। लक्षद्वीप का प्रशासनिक मुख्यालय कावारत्ती है।
• लक्षद्वीप के अन्तर्गत 39 द्वीप है, जिसमें 11 द्वीप पर लोग रहते है। ये द्वीप समुद्री जीव प्रवाल (coral) के निक्षेप से बने है।
• लक्षद्वीप के कुछ द्वीपों की आकृति घोड़े की नाल जैसी है, जिन्हें प्रवालद्वीपवलय (atoll) कहते है।
• पिटली द्वीप (Pitli island) एक प्रसिद्ध पक्षी-अभयारण्य है।
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह (Andman and Nicobar Islands)
• यह बंगाल की खाड़ी में स्थित है। इसका प्रशासनिक मुख्यालय पोर्ट ब्लेयर है। इसके अन्तर्गत 572 द्वीप है, जो सागरमग्न पर्वतश्रेणी पर स्थित है। इनमें कुछ ज्वालामुखी के उद्गार से बने है।
• उत्तरी द्वीपों को अंडमान और दक्षिणी द्वीपों को निकोबार कहा जाता है।
• अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की सबसे ऊँची चोटी सैडल पीक (730 m) है।
• भारत में बैरन तथा नारकोंडम नामक दो प्रसिद्ध ज्वालामुखी द्वीप हैं। बैरन द्वीप एक सक्रिय ज्वालामुखी है, जबकि नारकोंडम दो सुषुप्त ज्वालामुखी है।
• भारत के विकास में प्रत्येक भौतिक विभाग का महत्व रहा है। हिमालय क्षेत्र में जलशक्ति के अपार स्त्रोत है। मैदानी भाग देश के अन्नभंडार है। पठारी क्षेत्र खनिजों से भरा हुआ है। तटीय क्षेत्र मत्स्योद्यम और पत्तन के लिए महत्वपूर्ण है। द्वीपसमूह भी मत्स्योद्यम, पर्यटन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
Some Important Points
• मिट्टी का रंग एक स्थान से दूसरे स्थान पर भिन्न होता है क्योंकि मिट्टी का निर्माण विभिन्न प्रकार की चट्टानों से होता है।
• प्लेटों की गति के कारण Folding, Faulting और ज्वालामुखी गतिविधि होती है।
• वैसा नदी जो जमीन में ही लुप्त हो जाती है, उसे The river of ephemeral कहते है।
• विंध्याचल पर्वतमाला उत्तर भारत को दक्षिण भारत से अलग करता है।
• सह्याद्रि की सबसे ऊँची चोटी काल्सुबाई है।
• दक्कन का पठार महाराष्ट्र में है। इसके पूर्वी भाग को विदर्भ कहा जाता है।
• धारवाड़ का पठार कर्नाटक में है। इसके पश्चिमी भाग में बाबाबूदन की पहाड़ी तथा ब्रह्यगिरि की पहाड़ी है।
• अनैमुदि से तीन पहाड़ी श्रृंखलाएँ तीन दिशाओं में जाती है। दक्षिण की ओर इलायची (कार्डामम) की पहाड़ियाँ, उत्तर की ओर अन्नामलाई की पहाड़ियाँ तथा उत्तर पूर्व की ओर पालनी की पहाड़ियाँ है।
• प्रसिद्ध पर्यटक स्थल “कोडायकमाल” पालनी पहाड़ी में ही स्थित है।
• नेल्लोर के निकट श्रीहरिकोटा प्रवाल निर्मित द्वीप है।
• पवन द्वारा रेत एवं बालू के निक्षेप से निर्मित टीलों को बालुका स्तूप अथवा टिब्बा कहते हैं। जैसे – Barchans (crescent shaped)
• In 1912 the meteorologist Alfred Wegener described what he called continental drift, an idea that culminated fifty years later in the modern theory of plate tectonics.
• The Plate Tectonics theory was first published by W.J Morgan of the Princeton University in 1962.
• Hawaii’s Mauna Loa (4,169 m) is the largest active volcano on our planet.
• Standing a diminutive 43 feet tall, Cuexcomate (Mexico) is commonly known as the world’s smallest volcano.
• प्रवाल (Corals) अतिसूक्ष्म जीव हैं जो ऊष्ण छिछले समुद्र में पनपते हैं। इनके निक्षेप से कड़ी चट्टानें बन जाती है।
• पम्बन द्वीप मन्नार की खाड़ी में स्थित है।
• नर्मदा और ताप्ती नदी जलोढ़ की कमी और ज्वार-भाटे के प्रभाव के कारण डेल्टा नहीं बनाती है।
• चिलिका झील भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है। यह महानदी डेल्टा के दक्षिण में उड़ीसा राज्य में स्थित है।
• वूलर झील भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है। यह कश्मीर घाटी में स्थित है।
• 11⁰ चैनल (channels) लक्षद्वीप को दो भागों में बांटती है।
• 10⁰ चैनल Andaman and Nicobar Islands को दो भागों में बांटती है।
• ऊटी दक्षिण भारत का सबसे सुंदर पर्वतीय नगर है।
Extra Knowledge For Competitive Examinations
Some Highest Peaks
1. माउण्ट एवरेस्ट (Mt. Everest) (8848 m) — नेपाल-तिब्बत सीमा
2. गाडविन आस्टिन या K2 (Godwin Austen) (8611 m) — भारत काराकोरम पर्वत पर (Pok)
3. कंचनजंघा (Kanchenjunga) (8598 m) — भारत-नेपाल सीमा (Sikkim)
4. मकालू (Makalu) (8481 m) — नेपाल हिमालय
5. धौलागिरि (Dhaulagiri) (8172 m) — नेपाल हिमालय
6. नंगापर्वत (Nanga Parbat) (8126 m) — J&K, India
7. अन्नपूर्णा (Annapurna) (8078 m) — नेपाल
8. नंदा देवी (Nanda Devi) (7817 m) — उत्तराखंड, भारत
9. कामेत (Kamet) (7756 m) — उत्तर प्रदेश (जास्कार श्रेणी)
10. नामचा बरुआ (Namcha Barwa) (7756 m) — भारत (असम हिमालय)
11. गुरुला मंधाता (Gurla Mandhata) (7728 m) — नेपाल
12. ब्लू माउंटेन (Blue Mountain) (3826 m) — मिजो पहाड़ी, भारत
13. गुरु शिखर (1722 m) — माउंट आबू (अरावली, राजस्थान)
14. धूप गढ़ चोटी (1350 m) — सतपुरा पर्वत
15. अनायमुदी (2695 m) — अन्नामलाई पर्वत (केरल) दक्षिण भारत का सर्वोच्च
16. दोदाबेटा (2670 m) — नीलगिरि पर्वत
भारत के प्रमुख दर्रे (Major Passes in India)
1. काराकोरम दर्रा, जोजिला दर्रा, पीरपंजाल दर्रा, बनिहाल दर्रा, बुर्जिल दर्रा — J & K
2. शिपकीला दर्रा, रोहतांग दर्रा, बड़ालाचा दर्रा — हिमाचल प्रदेश
3. लिपुलेख दर्रा, माना दर्रा, नीति दर्रा — उतराखण्ड
4. नाथूला दर्रा, जैलेप्ला दर्रा — सिक्किम
5. बोम्डिला दर्रा, यांग्याप दर्रा, दिफू दर्रा — अरुणाचल प्रदेश
6. तुजू दर्रा — मणिपुर
7. पालघाट दर्रा — केरल को तमिलनाडु से मिलाता है।
– : समाप्त : –
