BSEB Class 10th Economics Chapter 5 “रोजगार एवं सेवाएँ (Employment And Services)”

Bihar Board Class 10 Economics : प्रिय विद्यार्थीयों, “Mindbloom Study” (#1 Online Study Portal For Bihar Board Exams) आपके लिए लाया है बिहार बोर्ड Class 10th अर्थशास्त्र अध्याय 5 “रोजगार एवं सेवाएँ (Employment And Services)” का Objective & Subjective Answer Question

MCQ Questions

1. मानव पूँजी के प्रमुख घटक कितने हैं ?
(A) 6            
(B) 4            
(C) 5             
(D) 8

2. ऊर्जा के मुख्य स्रोत क्या है ?
(A) कोयला     
(B) पेट्रोलियम     
(C) विद्युत   
(D) इनमें से सभी

3. रोजगार एवं सेवाएँ एक-दूसरे के है ?
(A) पूरक      
(B) संपुरक      
(C) बराबर          
(D) विरोधी

4. छिपी हुई बेरोजगारी किस क्षेत्र में देखने को मिलती है?
(A) उद्योग क्षेत्र में           
(B) सेवा क्षेत्र में           
(C) कृषि क्षेत्र में            
(D) इनमें से सभी में

5. सेवा क्षेत्र को सामान्यतः कितने भागों में बाँटा जाता है ?
(A) 2           
(B) 3           
(C) 4            
(D) 5

6. निम्न में से कौन सरकारी सेवा क्षेत्र के उदाहरण है ?
(A) सैन्य सेवा              
(B) स्वास्थ्य सेवा           
(C) बैंकिंग सेवा            
(D) इनमें से सभी

7. निम्न में से कौन एक गैर सरकारी सेवा क्षेत्र के उदाहरण नहीं है ?
(A) स्वास्थ्य सेवा             
(B) यातायात सेवा           
(C) दूरसंचार सेवा            
(D) रेल सेवा

8. मानव पूँजी कितने प्रकार के होते है ?
(A) 2           
(B) 3           
(C) 4            
(D) 5

9. “काम के बदले अनाज योजना” कब लागू किया गया था ?
(A) 1980       
(B) 2004        
(C) 1979        
(D) 1989

10. “राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम” कब शुरू किया गया था ?
(A) 1980       
(B) 2004        
(C) 1979        
(D) 1989

11. “ग्रामीण युवा स्वरोजगार प्रशिक्षण का कार्यक्रम” कब शुरू किया गया था ?
(A) 1980       
(B) 1983        
(C) 1979        
(D) 1989

12. “ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम” कब शुरू किया गया था ?
(A) 1980       
(B) 1983        
(C) 1979        
(D) 2004

13. “समेकित ग्रामीण विकास कार्यक्रम” कब शुरू किया गया था ?
(A) 1980       
(B) 1983        
(C) 1979        
(D) 1995

14. “जवाहर रोजगार योजना” कब लागू किया गया था ?
(A) 1980       
(B) 2004        
(C) 1989        
(D) 1995

15. ग्रामीण रोजगार के क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए किसे विश्व की सबसे बड़ी योजना मानी जाती है ?
(A) जवाहर रोजगार योजना        
(B) काम के बदले अनाज योजना        
(C) नरेगा                          
(D) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम

16. अर्थशास्त्र में जनसंख्या को क्या कहा जाता है ?
(A) मानवीय पूँजी             
(B) भौतिक पूँजी        
(C) सामाजिक पूँजी            
(D) इनमें से कोई नहीं

17. किस देश को विश्व का “अग्रणी युवा देश” कहा जाता है ?
(A) चीन      
(B) जापान      
(C) दक्षिण कोरिया      
(D) भारत

18. आधारभूत संरचना को कितने भागों में बाँटा गया है ?
(A) 2           
(B) 3            
(C) 4             
(D) 5

19. आर्थिक आधारभूत संरचना के अन्तर्गत सम्मिलित किया जाता है ?
(A) वित्त       
(B) ऊर्जा        
(C) यातायात     
(D) इनमें सभी

20. गैर आर्थिक आधारभूत संरचना के अंतर्गत सम्मिलित किया जाता है?
(A) शिक्षा    
(B) स्वास्थ्य    
(C) नागरिक सेवाएँ   
(D) इनमें सभी

21. भौतिक पूँजी और मानव पूँजी में से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है ?
(A) भौतिकी पूँजी                    
(B) मानव पूँजी           
(C) दोनों का महत्व बराबर           
(D) इनमें से कोई नहीं

22. भौतिक पूँजी दृश्य होती है या अदृश्य ?
(A) दृश्य                           
(B) अदृश्य           
(C) कभी दृश्य कभी अदृश्य        
(D) इनमें से कोई नहीं

23. मानवीय पूँजी दृश्य होती है या अदृश्य ?
(A) दृश्य                           
(B) अदृश्य           
(C) कभी दृश्य कभी अदृश्य        
(D) इनमें से कोई नहीं

24. हमारे देश का कौन-सा शहर सूचना प्रौद्योगिकी तथा सॉफ्टवेयर शक्ति का प्रतीक बन गया है ?
(A) मुम्बई       
(B) चेन्नई       
(C) हैदराबाद      
(D) बैंगलुरु

25. भारत का पहला टेलीविजन केन्द्र कहाँ स्थापित हुआ था ?
(A) मुम्बई       
(B) चेन्नई       
(C) दिल्ली      
(D) बैंगलुरु

26. विगत वर्षों के अंतर्गत बिहार में किस क्षेत्र का सर्वाधिक विकास हुआ है ?
(A) कृषि क्षेत्र                
(B) उद्योग क्षेत्र           
(C) सेवा क्षेत्र       
(D) इनमें से कोई नहीं

27. किस आयु वर्ग के बच्चे को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना राज्य का दायित्व है ?
(A) 6-14 वर्ष
                
(B) 5-10 वर्ष           
(C) 0-14 वर्ष                
(D) 10-14 वर्ष

28. सरकार ने “राष्ट्रीय पोषण सहयोग कार्यक्रम” अथवा “मध्याह्न भोजन (Midday Meal) योजना” कब आरंभ किया था ?
(A) 1980       
(B) 2004        
(C) 1989        
(D) 1995

29. भारत के कार्यशील जनसंख्या का कितना प्रतिशत कृषि क्षेत्र में संलग्न है ?
(A) 20-30%               
(B) 40-40%        
(C) 65-70%              
(D) 80-90%

30. भारत की परिवहन सेवाओं में कौन सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है ?
(A) सड़कमार्ग      
(B) वायुमार्ग       
(C) जलमार्ग      
(D) रेलवे

31. समाचार पत्र, टेलीफोन, टेलीविजन कौन-सी सेवाओं का अंग है ?
(A) यातायात सेवा             
(B) सैन्य सेवा           
(C) संचार सेवा                
(D) पुलिस सेवा

32. विकसित देशों की कार्यशील जनसंख्या का अधिकांश भाग कार्यरत रहता है ?
(A) कृषि क्षेत्र में                
(B) उद्योग क्षेत्र में          
(C) सेवा क्षेत्र में                
(D) इनमें से कोई नहीं

33. ग्रामीण सड़कों का निर्माण किस योजना के अंतर्गत किया जा रहा है?
(A) नरेगा           
(B) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम           
(C) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना            
(D) सड़क निर्माण योजना

34. भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किस क्षेत्र में महाशक्ति के रूप में उभर रहा है ?
(A) हार्डवेयर                
(B) सॉफ्टवेयर           
(C) फुटवेयर                
(D) बीयर

35. नरेगा (NREGA) कार्यक्रम के नाम के साथ किस व्यक्ति का नाम जोड़ा गया है ?
(A) महात्मा गाँधी             
(B) इंदिरा गांधी           
(C) जवाहरलाल नेहरू         
(D) नरेन्द्र मोदी

Subjective Answer Question

BQ) बाह्य स्रोती (Out Sourcing) किसे कहते हैं ?
उत्तर — जब बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ या अन्य कंपनियाँ संबंधित नियमित सेवाएँ स्वयं अपनी कंपनियों की बजाय किसी बाहरी या विदेशी स्रोत या संस्था या समूह से प्राप्त करती हैं तो उसे बाह्य स्रोती कहा जाता है ।

BQ) सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) से जुड़े पाँच सेवा क्षेत्र को बतलाएँ ।
उत्तर — सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े पाँच सेवा क्षेत्र इस प्रकार है —
1) कम्प्यूटर सेवाएँ
2) विज्ञापन
3) सुरक्षा
4) कानूनी सेवाएँ
5) चिकित्सकीय सेवाएँ ।

BQ) सरकारी सेवा किसे कहते हैं ?
उत्तर — जब देश व राज्य की सरकार लोगों को काम के बदले मासिक वेतन देती है और इनसे विभिन्न क्षेत्रों में काम लेती है तो उसे सरकारी सेवा कहा जाता है । उदाहरण सैन्य सेवा, शिक्षा सेवा, स्वास्थ्य सेवा, अनियंत्रण सेवा, वित्त सेवा, बैंकिंग सेवा इत्यादि ।

BQ) गैर-सरकारी सेवा किसे कहते हैं ?
उत्तर — जब सरकार अपने द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों को गैर-सरकारी संस्थाओं के सहयोग से लोगों तक पहुँचाने का काम करती है अथवा लोग स्वयं अपने प्रयास से ऐसी सेवाओं के सृजन से लाभान्वित होते हैं, तो उसे गैर-सरकारी सेवा कहा जाता है । उदाहरण ब्यूटी पार्लर, दूरसंचार सेवा, बैंकिंग सेवा, स्वरोजगार सेवाएँ, विमान सेवा इत्यादि । इनमें से कुछ सेवाएँ ऐसी हैं जो सरकारी एवं गैर-सरकारी दोनों ही स्तर पर चलायी जाती हैं ।

BQ) आधारभूत संरचना किसे कहते हैं ?
उत्तर — आधारभूत संरचना का मतलब उन सुविधाओं और सेवाओं से है जो देश के आर्थिक विकास के लिए सहायक होती हैं । उदाहरण के लिए बिजली, परिवहन, संचार, इलेक्ट्रॉनिक, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल आदि देशों के आर्थिक विकास के आधार हैं, उन्हें देश का आधारभूत संरचना कहा जाता है । किसी भी देश के आर्थिक विकास में आधार संरचना का महत्वपूर्ण स्थान होता है । जिस देश का आधारभूत संरचना अधिक विकसित होगा, वह देश अधिक विकसित होगा ।

BQ) ‘रोजगार’ और ‘सेवा’ में क्या संबंध है ?
उत्तर — “रोजगार एवं सेवाएँ” का अभिप्राय यहाँ इन बातों से है जब व्यक्ति अपने परिश्रम एवं शिक्षा के आधार पर जीविकोपार्जन के लिए धन एकत्रित करता है और एकत्रित धन को जब पूँजी के रूप में व्यवहार किया जाता और उत्पादन के क्षेत्र में निवेश किया जाता है तो सेवा क्षेत्र उत्पन्न होता है । अतः रोजगार एवं सेवा एक-दूसरे के पूरक हैं ।

BQ) मंदी का असर भारत में क्या पड़ा ?
उत्तर — 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी का भारत पर कई महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। यहाँ इसके प्रमुख प्रभावों की चर्चा की गई है –
i) आर्थिक वृद्धि में कमी :– 2008 की मंदी के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि दर में काफी गिरावट आई। जहां 2007-08 में वृद्धि दर लगभग 9% थी, वहीं 2008-09 में यह घटकर लगभग 6.7% हो गई।
ii) बेरोजगारी में वृद्धि :– मंदी के दौरान, कई कंपनियों ने लागत कम करने के लिए कर्मचारियों की छंटनी की, विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और निर्यात आधारित उद्योगों में। इससे बेरोजगारी दर बढ़ी।
iii) निवेश में कमी :– विदेशी निवेशकों का विश्वास कमजोर हुआ, जिसके परिणामस्वरूप निवेश में कमी आई। कई परियोजनाएँ रुक गईं या स्थगित कर दी गईं।
iv) शेयर बाजार में गिरावट :– भारतीय शेयर बाजार भी मंदी से प्रभावित हुआ। सेंसेक्स ने 2008 के अंत तक लगभग 60% की गिरावट दर्ज की, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।
v) आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि :– वैश्विक मांग में कमी और आपूर्ति श्रृंखला में बाधा के कारण आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ी, जिससे आम लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ा।

BQ) वैश्वीकरण का प्रभाव सेवा क्षेत्र पर क्या पड़ा ?
उत्तर — वैश्वीकरण ने भारतीय सेवा क्षेत्र पर कई महत्वपूर्ण प्रभाव डाले हैं, जो इसके विकास और विस्तार में सहायक रहे हैं। यहाँ कुछ प्रमुख प्रभावों की चर्चा की गई है –
i) बढ़ती प्रतिस्पर्धा :– वैश्वीकरण के कारण भारतीय सेवा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। स्थानीय कंपनियाँ अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रही हैं, जिससे सेवा गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
ii) नवीनतम तकनीकों का उपयोग :– वैश्वीकरण ने नई तकनीकों और प्रक्रियाओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया है। IT और बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) क्षेत्रों में तकनीकी नवाचारों ने दक्षता और उत्पादकता को बढ़ाया है।
iii) रोजगार के अवसरों में वृद्धि :– वैश्वीकरण ने सेवा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। विशेष रूप से IT, टूरिज्म, वित्तीय सेवाएँ, और स्वास्थ्य सेवाओं में कई उच्च-paying नौकरियाँ उपलब्ध हुई हैं।
iv) आर्थिक विकास में योगदान :– सेवा क्षेत्र का तेजी से विकास भारत की GDP में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। वर्तमान समय में GDP में सेवा क्षेत्र का योगदान 50% से भी ज्यादा हो गया है ।
v) विदेशी निवेश में वृद्धि :– वैश्वीकरण ने विदेशी निवेश को आकर्षित किया है, जिससे सेवा क्षेत्र में पूंजी प्रवाह बढ़ा है। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत में अपने कार्यालय खोले हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ है।
vi) कौशल विकास :– वैश्वीकरण के कारण कौशल विकास पर जोर दिया गया है। विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम और संस्थान स्थापित किए गए हैं, जो कर्मचारियों को नवीनतम कौशल सिखाते हैं, जिससे उनकी employability बढ़ती है।
vii) अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच :– भारतीय सेवा प्रदाताओं को वैश्विक बाजारों तक पहुँचने का अवसर मिला है। उदाहरण के लिए, भारतीय IT कंपनियाँ अमेरिका और यूरोप में सेवाएँ प्रदान कर रही हैं, जिससे उनके व्यवसाय का विस्तार हुआ है।
viii) चुनौतियाँ और जोखिम :– हालांकि वैश्वीकरण ने कई अवसर प्रदान किए हैं, लेकिन यह चुनौतियाँ भी लेकर आया है, जैसे कि स्थानीय कंपनियों के लिए बड़े अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना, और आर्थिक अस्थिरता के प्रति संवेदनशीलता।

BQ) सेवा क्षेत्र पर एक संक्षिप्त लेख लिखें ।
उत्तर — सेवा क्षेत्र, जिसे तृतीयक क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है, अर्थव्यवस्था का वह हिस्सा है जो वस्तुओं के उत्पादन के बजाय सेवाओं के उत्पादन और वितरण पर केंद्रित होता है।  सेवा क्षेत्र आधुनिक अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न हिस्सा है, जो विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके निरंतर विकास और नवाचार से न केवल आर्थिक स्थिरता बढ़ती है, बल्कि यह सामाजिक कल्याण और जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करता है। भविष्य में, सेवा क्षेत्र की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण होने की संभावना है, विशेषकर वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा और तकनीकी प्रगति के संदर्भ में।

BQ) विश्व के लिए भारत सेवा प्रदाता के रूप में किस तरह जाना जाता है उदाहरण सहित लिखें ।
उत्तर — भारत को विश्व स्तर पर एक प्रमुख सेवा प्रदाता के रूप में कई कारणों से जाना जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख क्षेत्रों और उदाहरणों के साथ इसका वर्णन किया गया है –
i) सूचना प्रौद्योगिकी (IT) :– भारतीय IT कंपनियाँ, जैसे कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस, और विप्रो, वैश्विक स्तर पर सॉफ्टवेयर विकास, IT सेवाएँ, और परामर्श प्रदान करती हैं। ये कंपनियाँ न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में भी अपनी सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं।
ii) बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO) :– भारत BPO सेवाओं का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। कंपनियाँ, जैसे कि एक्सेंचर और Genpact, ग्राहक सेवा, तकनीकी सहायता, और डेटा प्रबंधन जैसी सेवाएँ प्रदान करती हैं। भारत में कुशल श्रमिकों की उपलब्धता और कम लागत ने इसे वैश्विक कंपनियों के लिए एक आकर्षक स्थान बना दिया है।
iii) स्वास्थ्य सेवाएँ :– भारत को मेडिकल टूरिज्म के लिए एक प्रमुख गंतव्य माना जाता है। अस्पताल, जैसे कि अपोलो हॉस्पिटल्स और फोर्टिस, उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मरीजों को आकर्षित करती हैं। यहाँ की चिकित्सा सेवाएँ अपेक्षाकृत कम लागत में उपलब्ध हैं, जिससे यह विकल्प बनता है।
iii) शिक्षा और प्रशिक्षण :– भारतीय संस्थान, जैसे कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करते हैं। इसके अलावा, कई ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफॉर्म, जैसे कि Coursera और edX, भारतीय शिक्षकों और संस्थानों से पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं, जो वैश्विक छात्रों को आकर्षित करते हैं।
iv) वित्तीय सेवाएँ :– भारत में वित्तीय सेवाओं का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। कंपनियाँ, जैसे कि HDFC बैंक और ICICI बैंक, अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए विभिन्न वित्तीय उत्पाद और सेवाएँ प्रदान करती हैं। इसके अलावा, फिनटेक स्टार्टअप्स, जैसे कि Paytm और Razorpay, डिजिटल भुगतान और वित्तीय समाधान में अग्रणी हैं।
v) पर्यटन और आतिथ्य :– भारत की सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक स्थलों के कारण यह पर्यटन के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। होटल श्रृंखलाएँ, जैसे कि ताज होटल्स और ओबेरॉय, विश्व स्तर पर उच्च गुणवत्ता की आतिथ्य सेवाएँ प्रदान करती हैं।

BQ) सेवा क्षेत्र में सरकारी प्रयास के रूप में क्या किये गए हैं, वर्णन करें ।
उत्तर — भारत में सेवा क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। ये प्रयास न केवल आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि देश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को भी सुधारने में सहायक हैं। यहाँ कुछ प्रमुख सरकारी पहल और योजनाओं का वर्णन किया गया है –
i) राष्ट्रीय सेवा नीति :– सरकार ने एक स्पष्ट राष्ट्रीय सेवा नीति तैयार की है, जो सेवा क्षेत्र के विकास के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करती है। यह नीति कौशल विकास, रोजगार सृजन, और सेवा गुणवत्ता में सुधार पर केंद्रित है।
ii) प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) :– इस योजना का उद्देश्य युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। यह योजना विशेष रूप से सेवा क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है, जैसे कि IT, होटल प्रबंधन, और स्वास्थ्य सेवाएँ।
iii) शिक्षा क्षेत्र में सुधार :– सरकार ने शिक्षा संस्थानों के बुनियादी ढाँचे को सुधारने और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएँ शुरू की हैं। इसके तहत तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, और ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
iv) वित्तीय सेवाएँ :– जन धन योजना का उद्देश्य वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करना है, जिससे गरीब और निम्न आय वर्ग के लोग बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकें। यह सेवा क्षेत्र में वित्तीय सेवाओं की पहुंच को बढ़ाता है।
v) बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO) प्रमोशन स्कीम :– सरकार ने BPO उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ बनाई हैं, जिसमें वित्तीय सहायता और कर में छूट शामिल हैं। यह स्थानीय रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण है।

BQ) गैर सरकारी संस्था किस प्रकार सेवा क्षेत्र के विकास को सहयोग करता है, उदाहरण देकर लिखें ।
उत्तर — गैर सरकारी संस्थाएँ (NGOs) सेवा क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये संस्थाएँ विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, और पर्यावरणीय मुद्दों पर काम करती हैं और अपने प्रयासों के माध्यम से समुदायों में सुधार लाने का कार्य करती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख तरीकों का वर्णन किया गया है, जिनसे NGOs सेवा क्षेत्र के विकास में सहयोग करते हैं –
i) प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय :– कौशल विकास कार्यक्रम चलाता है, जो युवाओं को व्यावसायिक कौशल सिखाता है। यह उन्हें रोजगार के लिए तैयार करता है, विशेषकर सेवा क्षेत्र में।
ii) अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा सहायता संगठन (Doctors Without Borders) :– स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच को बढ़ाने के लिए काम करता है। यह संगठन गरीब और दूरदराज के क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करता है, जिससे स्वास्थ्य सेवा में सुधार होता है।
iii) साक्षरता मिशन :– जैसे NGOs शिक्षा के क्षेत्र में काम करते हैं, जहाँ वे वंचित वर्गों के लिए शैक्षणिक कार्यक्रम चलाते हैं। यह शिक्षा सेवा के क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहित करता है।
iv) सेवा इंटरनेशनल :– महिलाओं के लिए उद्यमिता और कौशल विकास कार्यक्रम चलाता है, जिससे उन्हें स्वरोजगार के अवसर मिलते हैं। यह महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाता है, जो सेवा क्षेत्र में उनकी भागीदारी को बढ़ाता है।
v) ग्रीनपीस :– जैसी संस्थाएँ पर्यावरणीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती हैं। ये संस्थाएँ स्थायी विकास के लिए जागरूकता फैलाती हैं और सेवा क्षेत्र में पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं।

BQ) वर्तमान आर्थिक मंदी का प्रभाव भारत के सेवा क्षेत्र पर क्या पड़ा लिखें ।
उत्तर — वैश्वीकरण ने भारतीय सेवा क्षेत्र पर कई महत्वपूर्ण प्रभाव डाले हैं, जो इसके विकास और विस्तार में सहायक रहे हैं। यहाँ कुछ प्रमुख प्रभावों की चर्चा की गई है –
i) बढ़ती प्रतिस्पर्धा :– वैश्वीकरण के कारण भारतीय सेवा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। स्थानीय कंपनियाँ अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रही हैं, जिससे सेवा गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
ii) नवीनतम तकनीकों का उपयोग :– वैश्वीकरण ने नई तकनीकों और प्रक्रियाओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया है। IT और बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) क्षेत्रों में तकनीकी नवाचारों ने दक्षता और उत्पादकता को बढ़ाया है।
iii) रोजगार के अवसरों में वृद्धि :– वैश्वीकरण ने सेवा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। विशेष रूप से IT, टूरिज्म, वित्तीय सेवाएँ, और स्वास्थ्य सेवाओं में कई उच्च-paying नौकरियाँ उपलब्ध हुई हैं।
iv) आर्थिक विकास में योगदान :– सेवा क्षेत्र का तेजी से विकास भारत की GDP में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। वर्तमान समय में GDP में सेवा क्षेत्र का योगदान 50% से भी ज्यादा हो गया है ।
v) विदेशी निवेश में वृद्धि :– वैश्वीकरण ने विदेशी निवेश को आकर्षित किया है, जिससे सेवा क्षेत्र में पूंजी प्रवाह बढ़ा है। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत में अपने कार्यालय खोले हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ है।
vi) कौशल विकास :– वैश्वीकरण के कारण कौशल विकास पर जोर दिया गया है। विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम और संस्थान स्थापित किए गए हैं, जो कर्मचारियों को नवीनतम कौशल सिखाते हैं, जिससे उनकी employability बढ़ती है।
vii) अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच :– भारतीय सेवा प्रदाताओं को वैश्विक बाजारों तक पहुँचने का अवसर मिला है। उदाहरण के लिए, भारतीय IT कंपनियाँ अमेरिका और यूरोप में सेवाएँ प्रदान कर रही हैं, जिससे उनके व्यवसाय का विस्तार हुआ है।
viii) चुनौतियाँ और जोखिम :– हालांकि वैश्वीकरण ने कई अवसर प्रदान किए हैं, लेकिन यह चुनौतियाँ भी लेकर आया है, जैसे कि स्थानीय कंपनियों के लिए बड़े अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना, और आर्थिक अस्थिरता के प्रति संवेदनशीलता।

– : समाप्त : –

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