BSEB Class 10th भूगोल अध्याय 14 “मानचित्र अध्ययन (Map Study)”

Bihar Board Class 10th Geography : प्रिय विद्यार्थीयों, “Mindbloom Study” (#1 Online Study Portal For Bihar Board Exams) आपके लिए लाया है बिहार बोर्ड Class 10th भूगोल अध्याय 14 “मानचित्र अध्ययन (Map Study)” का Objective & Subjective Answer Question

MCQ Questions

1. पृथ्वी पर पायी जाने वाली विभिन्न प्रकार की भू-आकृतियों को मानचित्र पर निरूपण करना क्या कहलाता है ?
(A) भूगोल                   
(B) उच्चावच निरूपण         
(C) मानचित्रण                   
(D) इनमें से कोई नहीं

2. उच्चावच प्रदर्शन के लिए हैश्यूर विधि का विकास किसने किया था ?
(A) गुटेनबर्ग                   
(B) गिगर         
(C) रिटर                   
(D) लेहमान

3. पर्वतीय छायाकरण विधि में भू-आकृतियों पर किस दिशा से प्रकाश पड़ने की कल्पना की जाती है ?
(A) उत्तर-पश्चिम           
(B) उत्तर-पूर्व
(C) पूर्व-दक्षिण
(D) दक्षिण-पश्चिम

4. छोटी, महीन एवं खंडित रेखाओं को ढाल की दिशा में खींचकर उच्चावच प्रदर्शन की विधि को क्या कहा जाता है ?
(A) स्तर रंजन
(B) पर्वतीय छायाकरण
(C) हैश्युर
(D) तल चिन्ह

5. तल चिन्ह की सहायता से किसी स्थान विशेष की मापी गई ऊँचाई को क्या कहा जाता है ?
(A) स्थानिक ऊँचाई         
(B) विशेष ऊँचाई         
(C) समोच्च रेखा                    
(D) त्रिकोणमितीय स्टेशन

6. स्तर रंजन विधि के अंतर्गत मानचित्रों में नीले रंग से किस भाग को दिखाया जाता है ?
(A) पर्वत
(B) पठार
(C) जल
(D) मैदान

7. यदि समोच्च रेखाएँ एक-दूसरे से बहुत अधिक दूरी पर खींची गई हों तो इनसे किस प्रकार की भू-आकृति का प्रदर्शन होता है ?
(A) धीमी ढाल              
(B) खड़ी ढाल            
(C) सागर तल               
(D) सीढ़ीनुमा ढाल

8. यदि भूमि की ढाल को छोटी-छोटी और सटी हुई रेखाओं से प्रदर्शित किया गया हो तो इसे क्या कहा जाता है ?
(A) छायाकरण               
(B) हैश्यूर               
(C) समोच्च रेखाएँ           
(D) इनमें कोई नहीं

9. यदि समोच्च रेखाओं द्वारा किसी नदी को प्रदर्शित करने में दो या दो से अधिक रेखाएँ एक ही बिंदु पर मिलती दिखाई गई हों तो उस स्थान पर किस प्रकार की भू-आकृति का अनुमान लगाया जाता है ?
(A) झील                   
(B) पहाड़               
(C) जलप्रपात              
(D) इनमें कोई नहीं

10. किसको आधार मानकर धरातल की ऊँचाई नापी जाती है ?
(A) भूमि तल                
(B) समुद्र तल           
(C) तल चिन्ह               
(D) स्थानीय उँचाई

11. जब समोच्च रेखाएँ संकेन्द्रीय वृत्ताकार हों जिनके बीच की वृत्तीय रेखा अधिक ऊँचाई प्रदर्शित करती हो तो इससे किस प्रकार की भू-आकृति का अनुमान लगाया जाता है ?
(A) पहाड़       
(B) पठार      
(C) नदीघाटी       
(D) जलप्रपात

12. भूमि की ढाल को दिखाने के लिए छोटी-छोटी और सटी रेखाओं को क्या कहते हैं ?
(A) समोच्च रेखाएँ            
(B) हैश्यूर               
(C) तल चिन्ह                
(D) इनमें कोई नहीं

Subjective Answer Question

BQ) उच्चावच प्रदर्शन की प्रमुख विधियों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर — उच्चावच प्रदर्शित करने के लिए प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित है —
1) हैश्यूर विधि (Haisure Method) :– इस विधि का विकास ऑस्ट्रिया के एक सैन्य अधिकारी लेहमान ने किया था । इस विधि के अंतर्गत मानचित्र में छोटी, महीन एवं खंडित रेखाएँ खींची जाती है । इन रेखाओं को तीव्र ढाल वाले भागों में पास-2 तथा मोटी एवं गहरी बनाई जाती है । जबकि, मंद ढाल वाले भागों में दूर-दूर तथा पतली बनाई जाती है । इस विधि से उच्चावच प्रदर्शित करने में काफी समय एवं मेहनत लगता है ।
2) पर्वतीय छायाकरण :– इस विधि के अंतर्गत भू-आकृतियों पर उत्तर-पश्चिम कोने पर ऊपर से प्रकाश पड़ने की कल्पना की जाती है । इसके कारण अंधेरे में पड़ने वाले हिस्से को या ढाल को गहरी आभा से भर देते है जबकि प्रकाश वाले हिस्से को हल्की आभा से (या छोड़) भर देते है ।
3) तल चिन्ह (Bench Mark) :– वास्तविक सर्वेक्षण के द्वारा भवनों, पुलों, खंभों, पत्थरों जैसे स्थाई वस्तुओं पर समुद्र तल से मापी गई ऊँचाई को प्रदर्शित करने वाले चिन्ह को तल चिन्ह कहा जाता है ।
4) स्थानिक ऊँचाई (Spot Height) :– तल चिन्ह की सहायता से किसी स्थान विशेष की मापी गई ऊँचाई को स्थानिक ऊँचाई कहा जाता है ।
5) त्रिकोणमितीय स्टेशन :– इस विधि में मानचित्र पर त्रिभुज बनाकर उसके बगल में धरातल की समुद्र तल से ऊँचाई लिख दी जाती है ।
6) स्तर रंजन या रंग विधि :– इस विधि का उपयोग एटलस एवं दीवार मानचित्रों में किया जाता है । इस विधि में समुद्र या जलीय भाग को नीले रंग, मैदानी भाग को हरा रंग, पर्वतों को बादामी या हल्का कत्थई रंग तथा बर्फीले भाग को सफेद रंग से दिखाया जाता है ।
7) समोच्च रेखाएँ :– भू-तल पर समुद्र तल से एक समान ऊँचाई वाले बिंदुओं को मिलने वाली काल्पनिक रेखाएँ समोच्च रेखा कहलाती है । इस विधि को उच्चावच प्रदर्शन की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है । इन रेखाओं को मानचित्र पर बादामी रंग से खींचा जाता है ।

BQ) समोच्च रेखा क्या है ? इसके द्वारा विभिन्न प्रकार के ढालों का प्रदर्शन किस प्रकार किया जाता है ?
उत्तर — भूतल पर समुद्र तल से एक समान ऊँचाई वाले बिंदुओं को मिलने वाली काल्पनिक रेखाएँ समोच्च रेखा कहलाती है । इस विधि को उच्चावच प्रदर्शन की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है । इन रेखाओं को मानचित्र पर बादामी रंग से खींचा जाता है ।
i) शंक्वाकार पहाड़ी का प्रदर्शन :– शंक्वाकार पहाड़ी को दिखाने के लिए समोच्च रेखाओं को लगभग वृत्ताकार रूप में बनाया जाता है । बाहर से अन्दर की ओर वृतों का आकार छोटा होता जाता है ।
ii) पठार का प्रदर्शन :– पठारी भाग को दिखाने के लिए समोच्च रेखाओं को लगभग लंबाकार आकृति में बनाया हैं । प्रत्येक समोच्च रेखा को बंद आकृति में बनाया जाता है ।
iii) जलप्रपात का प्रदर्शन :– जलप्रपात को दिखाने के लिए खड़ी ढाल के पास कई समोच्च रेखाओं को एक स्थान पर मिला दिया जाता है तथा शेष रेखाओं को ढाल के अनुरूप बनाया जाता है ।
iv) ‘V’ आकार की घाटी का प्रदर्शन :– ‘V’ आकार की घाटी को प्रदर्शित करने के लिए समोच्च रेखाओं को अंग्रेजी के ‘V’ अक्षर की उल्टी आकृति बनाई जाती है । जिसमें समोच्च रेखाओं का मान बाहर से अंदर की ओर क्रमशः घटता जाता है ।

– : समाप्त : –

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