Bihar Board Class 10 History : प्रिय विद्यार्थीयों, “Mindbloom Study” (#1 Online Study Portal For Bihar Board Exams) आपके लिए लाया है BSEB Class 10th इतिहास अध्याय 5 “अर्थ-व्यवस्था और आजीविका (Economy and Livelihood)” का Objective & Subjective Answer Question
MCQ Questions
1) किसी भी राष्ट्रीय अर्थ-व्यवस्था का मूल आधार होता है?
(A) कृषि
(B) उद्योग
(C) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
2) औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम किस देश में हुई थी ?
(A) इंग्लैंड
(B) रूस
(C) जर्मनी
(D) अमेरिका
3) औद्योगीकरण निर्भर करता है ?
(A) नये-नये मशीनों का आविष्कार पर
(B) तकनीकी विकास पर
(C) पूँजी निवेश पर
(D) इनमें सभी पर
4) सन् 1750 तक ब्रिटेन मुख्य रूप से कैसा देश था ?
(A) कृषि प्रधान देश
(B) उद्योग प्रधान देश
(C) सेवा प्रधान देश
(D) इनमें कोई नहीं
5) गिल्ड प्रथा का प्रचलन था ?
(A) इंग्लैंड
(B) भारत
(C) जर्मनी
(D) अमेरिका
6) 1769 में सूत कातने की स्पिनिंग फ्रेम (Spinning Frame) नामक मशीन किसने बनाई थी ?
(A) जेम्स हारग्रीब्ज
(B) रिचर्ड आर्कराइट
(C) जॉन के
(D) जेम्स वॉट
7) 1770 में सूत काटने की एक अलग मशीन स्पिनिंग जेनी (Spinning Jenny) को किसने बनाई थी ?
(A) जेम्स हारग्रीब्ज
(B) रिचर्ड आर्कराइट
(C) जॉन के
(D) जेम्स वॉट
8) 1773 में फ्लाइंग शट्ल (Flying Shuttle) का आविष्कार किसने किया था ?
(A) जेम्स हारग्रीब्ज
(B) रिचर्ड आर्कराइट
(C) जॉन के
(D) जेम्स वॉट
9) 1779 में स्पिनिंग म्यूल (Spinning Mule) को किसने बनाया था ?
(A) सैम्यूल क्राम्पटन
(B) रिचर्ड आर्कराइट
(C) जॉन के
(D) जेम्स वॉट
10) 1785 में वाष्प से चलने वाला पावरलूम (Power-Loom) नामक करघा किसने बनाया था ?
(A) सैम्यूल क्राम्पटन
(B) एडमंड कार्टराइट
(C) जॉन के
(D) जेम्स वॉट
11. स्वेज-नहर कब खुला था ?
(A) 1851
(B) 1829
(C) 1869
(D) 1773
12) बेलनाकार छपाई (Cylindrical Printing) का आविष्कार किसने किया था ?
(A) जेम्स हारग्रीब्ज
(B) रिचर्ड आर्कराइट
(C) टॉमस बेल
(D) जेम्स वॉट
13) 1769 में पहला वाष्प इंजन का आविष्कार किसने किया था ?
(A) सैम्यूल क्राम्पटन
(B) एडमंड कार्टराइट
(C) हम्फ्रीडेवी
(D) जेम्स वॉट
14) खानों में काम करने के लिए 1815 में सेफ्टी लैम्प (Safety Lamp) का आविष्कार किसने किया था ?
(A) सैम्यूल क्राम्पटन
(B) एडमंड कार्टराइट
(C) हम्फ्रीडेवी
(D) जेम्स वॉट
15) बाड़ाबन्दी प्रथा की शुरुआत कब हुई थी ?
(A) 18वीं शताब्दी के शुरुआती वर्षों में
(B) 18वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में
(C) 19वीं शताब्दी के शुरुआती वर्षों में
(D) 19वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में
16) बम्बई में सर्वप्रथम सूती कपड़ों के मिलों की स्थापना कब हुई थी ?
(A) 1851
(B) 1885
(C) 1907
(D) 1914
17) 1917 में भारत में पहली जूट मिल किस शहर में स्थापित हुआ ?
(A) कलकत्ता
(B) दिल्ली
(C) बम्बई
(D) पटना
18) बिड़ला ब्रदर्स की स्थापना कब हुई थी ?
(A) 1907
(B) 1910
(C) 1914
(D) 1918
19) जमशेद जी टाटा ने टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी (TISCO) की स्थापना कब की थी ?
(A) 1907
(B) 1910
(C) 1914
(D) 1918
20) भारत में टाटा हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर स्टेशन की स्थापना कब हुई थी ?
(A) 1951
(B) 1910
(C) 1955
(D) 1962
21) भारत में कोयला उद्योग का प्रारम्भ कब हुआ था ?
(A) 1907
(B) 1910
(C) 1914
(D) 1918
22) किस वर्ग ने भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में अंग्रेजों की औपनिवेशिक एवं शोषण की नीति के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभाया था ?
(A) पूँजीपति वर्ग
(B) बुर्जुआ (मध्यम) वर्ग
(C) मजदूर वर्ग
(D) इनमें से सभी
23) स्लम पद्धति की शुरुआत की थी ?
(A) औद्योगीकरण ने
(B) शहरीकरण ने
(C) भूमंडलीकरण ने
(D) निजीकरण ने
23) ‘चार्टिस्ट आंदोलन’ की शुरुआत कब हुआ था ?
(A) 1838
(B) 1839
(C) 1916
(D) 1885
24) इंग्लैंड में सभी स्त्री एवं पुरुषों को वयस्क मताधिकार कब प्रदान किया गया था ?
(A) 1908
(B) 1918
(C) 1928
(D) 2005
25) भारत के लिए पहला ‘फैक्ट्री एक्ट’ कब पारित हुआ था ?
(A) 1905
(B) 1916
(C) 1948
(D) 1881
26) अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संघ की स्थापना कब की गई थी ?
(A) 1919
(B) 1920
(C) 1924
(D) 1926
27) न्यूनतम मजदूरी कानून (Minimum Wages Act) कब पारित हुआ था ?
(A) 1905
(B) 1916
(C) 1948
(D) 1881
28) राष्ट्रीय श्रम आयोग की स्थापना किस वर्ष हुई थी ?
(A) 1951
(B) 1910
(C) 1955
(D) 1962
29 ‘अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस’ की स्थापना कब हुई ?
(A) 1848
(B) 1881
(C) 1885
(D) 1920
30) मजदूर संघ अधिनियम कब पारित हुआ ?
(A) 1951
(B) 1920
(C) 1926
(D) 1948
Subjective Answer Question
Q) फैक्ट्री प्रणाली के विकास के किन्हीं दो कारणों को बतायें ।
उत्तर — फैक्ट्री प्रणाली के विकास के दो कारण निम्नलिखित है –
1) मशीनों एवं नये-नये यंत्रों का आविष्कार
2) सस्ते मजदूरों की उपलब्धता
Q) बुर्जुआ वर्ग की उत्पत्ति कैसे हुई ?
उत्तर — पूंजीपतियों को अपने उद्योग-धंधों को चलाने के लिए एवं उससे संबंधित अनेक कार्यों को करने के लिए वैज्ञानिक, इंजीनियर, वकील, प्रचारक, प्रबंधक इत्यादि की आवश्यकता पड़ी । इसी आवश्यकता ने शिक्षित मध्यम वर्ग को जन्म दिया । जो बुर्जुआ वर्ग कहलाया ।
औद्योगीकरण के फलस्वरूप ब्रिटिश सहयोग से भारत के उद्योग में पूँजी लगाने वाले उद्योगपति पूँजीपति बन गये । अतः समाज में तीन वर्गों का उदय हुआ – पूँजीपति वर्ग, बुर्जआ (मध्यम) वर्ग एवं मजदूर वर्ग । आगे चलकर यही बुर्जुआ वर्ग ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाया ।
Q) अठारवीं शताब्दी में भारत के मुख्य उद्योग कौन-कौन से थे ?
उत्तर — अठारहवीं शताब्दी में भारत के मुख्य उद्योग हस्तकला और शिल्प उद्योग थे । इसके अन्तर्गत सूत्री वस्त्र उद्योग, सिल्क वस्त्र उद्योग, मलमल उद्योग, ऊनी वस्त्र उद्योग, रुई उद्योग इत्यादि प्रमुख थे ।
Q) निरुद्योगीकरण से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर — भारत पर अधिकार करने के बाद अंग्रेजों ने भारत में पहले से संचालित कुटीर उद्योगों को समाप्त कर दिया, परंतु नए उद्योगों की स्थापना नहीं की । इससे भारत में उद्योग समाप्त हो गए । इसे ही निरुद्योगीकरण कहा जाता है ।
Q) औद्योगिक आयोग की नियुक्ति कब हुई ? इसके क्या उद्देश्य थे ?
उत्तर — भारत में औद्योगिक आयोग की नियुक्ति 1916 में हुई । इसका उद्देश्य भारतीय उद्योग एवं व्यापार के उन क्षेत्रों का पता लगाना था जिन्हें सरकारी सहायता की आवश्यकता थी ।
Q) औद्योगीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर — औद्योगीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वस्तुओं का उत्पादन मानव श्रम के द्वारा न होकर मशीनों के द्वारा होता है । इसमें उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है और जिसकी खपत के लिए बड़े बाजार की आवश्यकता होती है । औद्योगीकरण के लिए सस्ता श्रम, पूँजी एवं तकनीक, प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता, यातायात एवं संचार की सुविधा तथा मुक्त व्यापार की नीति की आवश्यकता होती है । औद्योगीकरण की शुरूआत ब्रिटेन से हुई थी ।
Q) औद्योगीकरण ने मजदूरों की आजीविका को किस तरह प्रभावित किया ?
उत्तर — औद्योगीकरण ने मजदूरों की आजीविका को निम्न तरह प्रभावित किया –
1) औद्योगीकरण से फैक्टरी प्रणाली का जन्म हुआ जिससे कुटीर उद्योगों में कार्यरत जनसंख्या बेरोजगार हो गई ।
2) औद्योगीकरण के कारण मजदूरों का आर्थिक शोषण होने लगा और उन्हें कम-से-कम मजदूरी देकर अधिक-से-अधिक काम लिया जाने लगा ।
3) बेरोजगार मजदूर गुट बनाकर शहरों में मशीनों को तोड़-फोड़ करने लगे ।
4) मजदूरों ने अपने शोषण के खिलाफ कई आंदोलन भी किये ।
5) मजदूरों ने कई मजदूर संघ जैसे भारत में AITUC का भी गठन किया ।
Q) घरेलू और कुटीर उद्योग को परिभाषित करें ।
उत्तर — वैसा उद्योग जो स्थानीय स्तर पर चलाए जाते है उसे घरेलू और कुटीर उद्योग कहते हैं । इनमें अपेक्षाकृत कम पूँजी और श्रम लगता है जिससे उत्पादन भी कम होता है ।
1. घरेलू उद्योग :– घरेलू माहौल में अत्यंत कम पूंजी लगाकर शुरू किए जाने वाले उद्योग को घरेलू उद्योग कहते हैं । जैसे – गुड़ बनाना, आचार बनाना इत्यादि ।
2. कुटीर उद्योग :– वैसा उद्योग जो कम पूंजी, छोटे संसाधन एवं कम व्यक्तियों के सहयोग से शुरू किया जाने वाला उद्योग को कुटीर उद्योग कहते हैं । जैसे – पापड़ निर्माण, अगरबत्ती निर्माण इत्यादि ।
Q) स्लम पद्धति की शुरुआत कैसे हुई ?
उत्तर — स्लम पद्धति की शुरुआत औद्योगीकरण के कारण हुई । औद्योगीकरण के कारण कुटीर उद्योग समाप्त हो गए, जिससे उनमें कार्यरत जनसंख्या बेरोजगार हो गई । ये बेरोजगार लोग शहरों की ओर पलायन करने लगे और वहाँ औद्योगिक मजदूर बन गए । औद्योगिक मजदूरों द्वारा स्थापित बस्तियों को स्लम कहा जाने लगा और यह पद्धति स्लम पद्धति कहलायी ।
Q) न्यूनतम मजदूरी कानून कब पारित हुआ और इसके क्या उद्देश्य थे ?
उत्तर — न्यूनतम मजदूरी कानून 1948 में पारित हुआ । इसके निम्नलिखित उद्देश्य थे –
1) मजदूरों को कम-से-कम इतनी मजदूरी अवश्य मिले जिससे वे अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने के साथ ही अपनी कार्यकुशलता और क्षमता भी बढ़ा सकें ।
2) सरकार न्यूनतम मजदूरी कानून पारित कर मजदूरों को उद्योगपतियों द्वारा किये जा रहे आर्थिक शोषण से भी बचाना चाहती थी ।
Q) कोयला एवं लौह उद्योग ने औद्योगीकरण को गति प्रदान की, कैसे ?
उत्तर — कोयला एवं लोहा दोनों ही किसी भी औद्योगीकरण प्रक्रिया की रीढ़ माने जाते हैं क्योंकि कोयला ईंधन प्रदान करता है जबकि लोहा मशीनों के निर्माण में काम आता है । चूकि कोई भी कारखाना बिना ईंधन और मशीन के नहीं चल सकता है इसलिए हम कह सकते हैं कि कोयला एवं लोहा उद्योग ने औद्योगीकरण को गति प्रदान की है । ब्रिटेन में कोयला एवं लौह उद्योग दोनों मौजूद थे ।
Q) औद्योगीकरण के कारणों का उल्लेख करें ।
उत्तर — औद्योगीकरण के निम्नलिखित कारण थे –
1) आवश्यकता आविष्कार की जननी — मानव की बढ़ती नई-नई आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उद्योगों का विकास प्रारंभ हुआ ।
2) नये-नये मशीनों का आविष्कार — 18वीं शताब्दी के उतरार्द्ध में ब्रिटेन में नये-नये यंत्रों एवं मशीनों के आविष्कार हुआ जिससे औद्योगीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ ।
3) कोयले एवं लोहे की प्रचुरता — किसी भी उद्योग की प्रगति कोयले एवं लोहे के उद्योग पर निर्भर करती है । ब्रिटेन में लोहे एवं कोयले की खानें थीं जिससे औद्योगीकरण को बढ़ावा मिला ।
4) सस्ते श्रम को उपलब्धता — ब्रिटेन की बढ़ती आबादी ने भी सस्ते श्रम को उपलब्ध कराया जिससे औद्योगीकरण को बढ़ावा मिला । ब्रिटेन के छोटे किसान कम मजदूरी पर भी फैक्ट्रियों में काम करने के लिए तैयार हो जाते थे ।
5) यातायात की सुविधा — फैक्ट्री में उत्पादित वस्तुओं को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने तथा कच्चा माल को फैक्ट्री तक लाने के लिए ब्रिटेन में यातायात की अच्छी सुविधा उपलब्ध थी ।
6) विशाल औपनिवेशिक स्थिति — ब्रिटेन द्वारा स्थापित विशाल उपनिवेशों ने भी औद्योगीकरण के विकास में योगदान दिया । इन उपनिवेशों से कच्चा माल सस्ते दामों में प्राप्त करना तथा उत्पादित वस्तुओं को वहाँ के बाजारों में महंगे दामों पर बेचना ब्रिटेन के लिए आसान था ।
Q) औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप होने वाले परिवर्तनों पर प्रकाश डालें ।
उत्तर — औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप होने वाले परिवर्तन निम्न है –
1) नगरों का विकास — 1850 से 1950 के बीच भारत में वस्त्र उद्योग, लौह उद्योग, सीमेन्ट उद्योग, कोयला उद्योग जैसे कई उद्योगों का विकास हुआ । जिससे जमशेदपुर, सूरत, अहमदाबाद, डालमिया इत्यादि जैसे नये व्यापारिक नगरों का विकास हुआ ।
2) कुटीर उद्योग का पतन — जैसे-जैसे बड़े-बड़े मशीनों और यंत्रों का विकास हुआ वैसे-वैसे शिल्प उद्योग, बुनकर उद्योग इत्यादि जैसे कुटीर उद्योगों का पतन हो गया ।
3) साम्राज्यवाद का विकास — औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर उत्पादन होना शुरू हुआ, जिसकी खपत के लिए यूरोप में उपनिवेशों की होड़ शुरू हो गयी और आगे चलकर इस उपनिवेशवाद ने साम्राज्यवाद का रूप ले लिया ।
4) समाज में वर्ग विभाजन एवं बुर्जुआ वर्ग का उदय — औद्योगीकरण के फलस्वरूप ब्रिटिश सहयोग से भारत के उद्योग में पूँजी लगाने वाले उद्योगपति पूँजीपति बन गये । अतः समाज में तीन वर्गों का उदय हुआ – पूँजीपति वर्ग, बुर्जआ (मध्यम) वर्ग एवं मजदूर वर्ग ।
5) स्लम पद्धति की शुरूआत — औद्योगीकरण के कारण मजदूर वर्ग के लोग नगरों के छोटे-छोटे घरों में जहाँ किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं थी, वहाँ रहने को बाध्य हो गये, ऐसे ही घरों को स्लम कहा जाता है ।
Q) उपनिवेशवाद से आप क्या समझते हैं ? औद्योगीकरण ने उपनिवेशवाद को जन्म दिया कैसे ?
उत्तर — जब कोई शक्तिशाली देश किसी अन्य देश को अपने अधीन कर लेता है तो जिस देश को अपने अधीन करता है तो वह देश उपनिवेश कहलाता है । उपनिवेश बनाने की प्रक्रिया उपनिवेशवाद कहलाती है ।
औद्योगीकरण की शुरुआत सर्वप्रथम इंग्लैंड में सूती वस्त्र उद्योग से हुई । इसमें विभिन्न प्रकार के मशीनों का आविष्कार हुआ और बड़े-बड़े कल कारखाने स्थापित हुए । परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर वस्तुओं का उत्पादन होने लगा । अत्यधिक वस्तुओं के उत्पादन के लिए अत्यधिक मात्राओं में कच्चे माल की आवश्यकता थी और उत्पादित वस्तुओं के खपत के लिए बड़े बाजार की आवश्यकता थी । उपनिवेश स्थापित करने से इन दोनों आवश्यकताओं की पूर्ति हो जाती थी । अतः औद्योगीकरण ने उपनिवेशवाद को जन्म दिया ।
Q) कुटीर उद्योग के महत्व एवं उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालें ।
उत्तर — कम पूँजी में घरेलू स्तर पर स्थापित उद्योग को कुटीर उद्योग कहते हैं । इसके कुछ प्रमुख उदाहरण सूत कताई, बुनाई, खिलौने, मिट्टी के बर्तन, डाली-खचिंया, अचार बनाना, पापड़ बनाना, सिलाई, कढ़ाई करना इत्यादि । कुटीर उद्योग किसी भी राष्ट्र के विकास में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि इसमें देश की अधिकांश आबादी की भागीदारी होती है । इसमें किसी विशेष तकनीकी जानकारी की आवश्यकता नहीं होती । इसमें घरेलू महिलाओं का योगदान भी सराहनीय होता है । भारत में औद्योगीकरण के पूर्व कुटीर उद्योग काफी विकसित था परन्तु औद्योगीकरण के बाद धीरे-धीरे यह खत्म हो गया । गाँधीजी के अनुसार घरेलू और कुटीर उद्योग भारतीय सामाजिक दशा के अनुकूल है । आजादी के बाद सरकार ने फिर से कुटीर उद्योग को बढ़ावा देना शुरू किया है ।
कुटीर उद्योग की उपयोगिता निम्नलिखित है –
1) यह मध्यम एवं निम्न वर्ग के अधिकांश लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है।
2) यह घरेलू महिलाओं को भी रोजगार का अवसर प्रदान करता है ।
3) इससे रोजगार के तलाश में जाने वाले लोगों के पलायन को रोकने में सहायता मिलती है ।
4) यह कौशल में वृद्धि, उद्यमिता में वृद्धि तथा उपयुक्त तकनीक का बेहतर प्रयोग सुनिश्चित करता है ।
Q) औद्योगीकरण ने सिर्फ आर्थिक ढाँचे को ही प्रभावित नहीं किया बल्कि राजनैतिक परिवर्तन का भी मार्ग प्रशस्त किया, कैसे ?
उत्तर —
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