Bihar Board Class 9th Biology : ऊतक (Tissue)

Bihar Board Class 9th Biology : प्रिय विद्यार्थियों, “Mindbloom Study” (#1 Online Study Portal For Bihar Board Exams) आपके लिए लाया है Bihar Board Class 9th Biology : ऊतक (Tissue) का वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ), लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Short And Long Answer Questions) ।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ)

1. समान उत्पत्ति तथा समान कार्यों को संपादित करनेवाली कोशिकाओं के समूह को कहते हैं ?
(A) पैरेनकाइमा
(B) क्लोरेनकाइमा
(C) कॉलेनकाइमा
(D) ऊतक

2. विभज्योतकी ऊतक बना होता है ?
(A) मृत कोशिकाओं से
(B) जीवित कोशिकाओं से
(C) स्कलेरेनकाइमा से
(D) कॉलेनकाइमा से

3. विभज्योतकी ऊतक हो सकते हैं ?
(A) शीर्षस्थ
(B) पार्श्वस्थ
(C) अंतर्वेशी
(D) इनमें सभी

4. संवहन ऊतक का निर्माण होता है ?
(A) शीर्षस्थ विभज्योतकी ऊतक से
(B) अंतर्वेशी विभज्योतकी ऊतक से
(C) पार्श्वस्थ विभज्योतकी ऊतक से
(D) इनमें कोई नहीं

5. क्लोरोफिलयुक्त मृदूतक को कहा जाता है ?
(A) कॉलेनकाइमा
(B) पैरेनकाइमा
(C) स्कलेरेनकाइमा
(D) क्लोरेनकाइमा

6. ऐरेनकाइमा पाया जाता है ?
(A) तने के शीर्ष भाग में
(B) मृत कोशिकाओं में
(C) विभज्योतकी ऊतक में
(D) जलीय पौधों में

7. स्थूलकोण ऊतक की कोशिकाओं के किनारे में स्थूलन होता है ?
(A) सेल्यूलोज से
(B) लिग्निन से
(C) सुबेरिन से
(D) इनमें कोई नहीं

8. बीजों के कठोर आवरण में पाया जाता है ?
(A) जाइलम
(B) फ्लोएम
(C) दृढ़ ऊतक
(D) मृदूतक

9. निम्नलिखित किसमें जीवद्रव्य नहीं होता है ?
(A) कॉर्क कोशिका में
(B) दृढ़ ऊतक में
(C) ‘A’ एवं ‘B’ दोनों में
(D) स्थूलकोण ऊतक में

10. जाइलम ऊतक में पाए जाते हैं ?
(A) वाहिकाएँ
(B) चालनी नलिकाएँ
(C) वाहिनिकाएँ
(D) ‘A’ एवं ‘C’ दोनों

11. फ्लोएम एवं जाइलम का निर्माण होता है ?
(A) दो तत्त्वों से
(B) तीन तत्त्वों से
(C) चार तत्त्वों से
(D) एक तत्त्व से

12. फ्लोएम में पाए जाते हैं ?
(A) बास्ट तंतु
(B) फ्लोएम मृदूतक
(C) चालनी नलिकाएँ
(D) इनमें सभी

13. चालनी पट्टी पाई जाती है ?
(A) दो सहकोशिकाओं के बीच में
(B) दो चालनी नलिकाओं के बीच में
(C) दो बास्ट तंतुओं के बीच में
(D) इनमें कहीं नहीं

14. चालनी नलिकाओं में भोज्य पदार्थ के संवहन में मदद करता है ?
(A) सहकोशिकाएँ
(B) फ्लोएम तंतु
(C) फ्लोएम मृदूतक
(D) वाहिकाएँ

15. फ्लोएम ऊतक को यांत्रिक सहायता प्रदान करता है ?
(A) फ्लोएम मृदूतक
(B) सहकोशिकाएँ
(C) चालनी नलिकाएँ
(D) फ्लोएम तंतु

16. निम्नलिखित में कौन-सी उत्तक लार ग्रंथि तथा स्वेद ग्रंथि में पाई जाती है ?
(A) पक्षमल एपिथीलियम
(B) शल्की एपिथीलियम
(C) क्यूबॉइडल एपिथीलियम
(D) एरियोलर ऊतक

17. अरेखित तथा रेखित ऊतक मूल रूप से किस प्रकार के ऊतक हैं ?
(A) संयोजी ऊतक
(B) पेशी ऊतक
(C) तंत्रिका ऊतक
(D) तरल ऊतक

18. इनमें कौन त्वचा एवं मांसपेशियों अथवा दो मांसपेशियों को जोड़ने का कार्य करता है?
(A) एरियोलर ऊतक
(B) तंत्रिका ऊतक
(C) पेशी ऊतक
(D) कंकाल ऊतक

19. इनमें किस प्रकार की ऊतक की कोशिकाओं में वसा की बूँदें भरी होती हैं ?
(A) प्लाज्मा कोशिकाएँ
(B) श्वेत तंतु
(C) पीला तंतु
(D) वसा-संयोजी ऊतक

20. टेंडन का निर्माण करता है ?
(A) श्वेत तंतुमय ऊतक
(B) पीला तंतुमय ऊतक
(C) जालवत संयोजी ऊतक
(D) कंकाल ऊतक

21. इनमें कौन प्लीहा, यकृत तथा अस्थि मज्जा में पाया जाता है ?
(A) पीला तंतुमय ऊतक
(B) श्वेत तंतुमय ऊतक
(C) जालवत संयोजी ऊतक
(D) उपास्थि ऊतक

22. बाह्यकर्ण में पाए जानेवाला अंतः कंकाल क्या है ?
(A) उपास्थि
(B) अस्थि
(C) संवहनीय ऊतक
(D) ऑस्टियोब्लास्ट

23. न्यूट्रोफिल तथा बेसोफिल प्रकार हैं ?
(A) लाल रुधिरकणिका के
(B) श्वेत रुधिरकणिका के
(C) रक्त प्लाज्मा के
(D) तरल ऊतक के

24. नेत्र की आइरिस में पाए जानेवाली पेशी है ?
(A) हृद्पेशी
(B) अरेखित पेशी
(C) रेखित पेशी
(D) कंकाल पेशी

25. इनमें कौन ऐच्छिक पेशी भी कहलाता है ?
(A) अरेखित पेशी
(B) हद्पेशी
(C) पेशी तंतुक
(D) रेखित पेशी

26. निम्नलिखित में कौन कथन लसीका के लिए सही है?
(A) इसमें लाल रुधिर कणिकाएँ एवं प्लेटलेट्स नहीं होते हैं।
(B) इसमें श्वेत कणिकाएँ (लिम्फोसाइट्स) तैरते रहते हैं।
(C) यह शरीर के असंक्राम्य तंत्र का निर्माण करता है।
(D) इनमें सभी

27. इनमें किसका केंद्रक पालिवत् होता है ?
(A) थ्रोम्बोसाइट्स का
(B) न्यूट्रोफिल का
(C) इओसिनोफिल का
(D) इनमें सभी

28. संवेदना को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में भेजने का कार्य किसका है ?
(A) संयोजी ऊतक का
(B) तंत्रिका ऊतक का
(C) पेशी ऊतक का
(D) कंकाल ऊतक का

29. रैनवियर की नोड कहाँ पाई जाती है ?
(A) कंकाल में
(B) संयोजी ऊतक में
(C) तंत्रिका में
(D) पेशी में

30. एरियोलर ऊतक में पाए जानेवाली निम्नलिखित कोशिकाओं में कौन रुधिर वाहिनियों को फैलाने के लिए प्रोटीन हिस्टामिन स्रावित करती हैं ?
(A) फाइब्रोब्लास्ट
(B) हिस्टोसाइट्स
(C) प्लाज्मा कोशिकाएँ
(D) मास्ट कोशिकाएँ

31. श्वेत तंतु तथा पीला तंतु पाए जाते हैं ?
(A) उपकला ऊतक में
(B) एरियोलर ऊतक में
(C) तरल ऊतक में
(D) पेशी ऊतक में

32. ऑस्टियोब्लास्ट नामक कोशिकाएँ पाई जाती हैं ?
(A) अस्थि में
(B) उपास्थि में
(C) रुधिर में
(D) उपकला में

33. कोंड्रिन नामक प्रोटीन पाई जाती है ?
(A) अस्थि में
(B) उपास्थि में
(C) उपकला में
(D) रुधिर में

34. आयतन के हिसाब से प्लाज्मा रक्त या रुधिर का कितना प्रतिशत भाग है ?
(A) 90%
(B) 10%
(C) 55%
(D) 45%

35. किसकी उपस्थिति मैमेलिया की अस्थियों की पहचान है ?
(A) पेरिकोंड्रियम
(B) ऑस्टियोब्लास्ट
(C) हैवर्सियन तंत्र
(D) श्वेत रुधिर कणिकाएँ

36. इनमें किस श्वेत रुधिरकणिक का केंद्रक पालिवत होता है ?
(A) न्यूट्रोफिल
(B) इओसिनोफिल
(C) बेसोफिल
(D) इनमें सभी

37. पेशी ऊतक के भीतर पाए जानेवाला तरल क्या कहलाता है ?
(A) सार्कोप्लाज्म
(B) लसीका
(C) प्लाज्मा
(D) इनमें कोई नहीं

38. न्यूरॉन के डेंड्रन से निकलनेवाली पतली-पतली शाखाएँ क्या कहलाती हैं ?
(A) ऐक्सॉन
(B) रैनवियर की नोड
(C) डेंड्राइट्स
(D) मज्जा आच्छद

39. पौधे को लंबाई किस ऊतक द्वारा बढ़ती है ?
(A) पार्श्वस्थ विभज्योतक
(B) शीर्षस्थ विभज्योतक
(C) अंतर्वेशी विभज्योतक
(D) मृदू ऊतक

40. मृदू ऊतक एक प्रकार का
(A) सरल ऊतक है
(B) जटिल ऊतक है
(C) विभज्योतक है
(D) इनमें कोई नहीं है

41. जीवित कोशिकाएँ पाई जाती है ?
(A) मृदू ऊतक और दृढ़ ऊतक में
(B) दृढ़ ऊतक और स्थूलकोण ऊतक में
(C) मृदू ऊतक और स्थूलकोण ऊतक में
(D) मृदू ऊतक, दृढ़ ऊतक और स्थूलकोण ऊतक में

42. विभाजन की क्षमता होती है ?
(A) विभज्योतक कोशिकाओं में
(B) स्थायी कोशिकाओं में
(C) स्त्रावी कोशिकाओं में
(D) इनमें सभी में

43. किन कोशिकाओं की भित्ति लिग्निन के कारण मोटी हो जाती है ?
(A) मृदू ऊतक
(B) स्थूलकोण ऊतक
(C) दृढ़ ऊत्तक
(D) विभज्योतक

44. गैसों का विनिमय किसके द्वारा संपन्न होता है ?
(A) क्यूटिन द्वारा
(B) स्टोमाटा द्वारा
(C) संवहन ऊतक द्वारा
(D) जटिल ऊतक द्वारा

45. सुबेरिन नामक कार्बनिक पदार्थ जमा रहता है ?
(A) मृदू ऊतक में
(B) स्थूलकोण ऊतक में
(C) दृढ़ ऊतक में
(D) कॉर्क कोशिकाओं में

46. जटिल ऊतक बना होता है ?
(A) मृदू ऊतक का
(B) स्थूलकोण ऊतक का
(C) भिन्न-भिन्न कार्य करनेवाली विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं का
(D) समान कार्य करनेवाली एक ही प्रकार की कोशिकाओं का

47. किसके द्वारा मिट्टी से जल और खनिज लवण पत्तियों तक पहुँचाया जाता है ?
(A) जाइलम
(B) फ्लोएम
(C) जाइलम और फ्लोएम
(D) इनमें कोई नहीं

48. चालनी नलिका बनाने में भाग लेता है ?
(A) दृढ़ ऊतक
(B) स्थूलकोण ऊतक
(C) जाइलम
(D) फ्लोएम

49. सहकोशिकाएँ पाई जाती है ?
(A) पलोएम में
(B) जाइलम में
(C) मृदू ऊतक में
(D) दृढ़ ऊतक में

50. केंद्रक अनुपस्थित रहता है ?
(A) सहकोशिका में
(B) फ्लोएम पैरेनकाइमा में
(C) वयस्क चालनी नलिका में
(D) स्थूलकोण ऊतक में

51. पौधों में फ्लोएम कार्य करता है ?
(A) जल का चालन
(B) आहार का चालन
(C) आधार प्रदान करना
(D) प्रकाशसंश्लेषण

52. शल्की या शल्काभ एपिथीलियम का प्रमुख कार्य है ?
(A) उत्सर्जन
(B) जनन
(C) सुरक्षा
(D) इनमें कोई नहीं

53. पक्ष्माभी या पक्ष्मल एपिथीलियम पाए जाते हैं ?
(A) ट्रैकिया में
(B) त्वचा की सतह पर
(C) यकृत में
(D) प्लीहा में

54. अस्थि है ?
(A) एपिथीलियमी ऊतक
(B) संयोजी ऊतक
(C) पेशी ऊतक
(D) तंत्रिका ऊतक

55. फाइब्रोब्लास्ट कोशिकाएँ पाई जाती है ?
(A) एपिथीलियमी ऊतक में
(B) तंत्रिका ऊतक में
(C) एरियोलर ऊतक में
(D) पेशी ऊतक में

56. ऑस्टियोब्लास्ट कोशिकाएँ पाई जाती है ?
(A) क्यूबॉइडल एपिथीलियम में
(B) उपास्थि में
(C) एडिपोज ऊतक में
(D) अस्थि में

57. निम्नलिखित में किस प्रकार के ऊतक के अधिक मात्रा में एकत्र होने से शरीर मोटा हो जाता है ?
(A) एडिपोज ऊतक
(B) पीला तंतुमय ऊतक
(C) श्वेत तंतुमय ऊतक
(D) जालवत संयोजी ऊतक

58. लिगामेंट का निर्माण करता है ?
(A) एपिथीलियमी ऊतक
(B) पीला तंतुमय ऊतक
(C) श्वेत तंतुमय ऊतक
(D) जालवत संयोजी ऊतक

59. अरेखित पेशी है ?
(A) अनैच्छिक
(B) ऐच्छिक
(C) इनमें ‘A’ एवं ‘B’ दोनों
(D) इनमें कोई नहीं

60. मांसपेशी तथा अस्थियों को जोड़ती है ?
(A) उपास्थि
(B) लिगामेंट
(C) एपिथीलियम
(D) टेंडन

61. रक्त प्लाज्मा में उपस्थित जल का प्रतिशत है ?
(A) 55
(B) 45
(C) 90
(D) 10

62. रक्त के थक्का बनने में मदद करते हैं ?
(A) लाल रुधिरकणिकाएँ
(B) थ्रोम्बोसाइट्स
(C) श्वेत रुधिरकणिकाएँ
(D) तंत्रिका ऊतक

63. तंत्रिका ऊतक की इकाई है ?
(A) कोशिकाकाय या साइटन
(B) ऐक्सॉन
(C) तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन
(D) डेंड्रन

64. संवेदना का चालन शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में होता है ?
(A) पेशी ऊतक से
(B) तंत्रिका ऊतक से
(C) संयोजी ऊतक से
(D) एपिथीलियमी ऊतक से

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Questions)

1. एक पादप ऊतक का नाम बताएँ। उत्तर — विभज्योतक ऊतक (Meristematic Tissue)
2. जड़ के शीर्ष पर कौन उतक पाया जाता है? उत्तर — शीर्षस्थ (Apical)
3. सरल ऊतक के दो उदाहरण दें। उत्तर — मृदुतक और स्थूलकोण ऊतक
4. किस ऊतक की कोशिकाएँ सदा विभाजित होती रहती है? उत्तर — विभज्योतक ऊतक
5. विभज्योतकी ऊतक को किस आधार पर विभाजित किया जाता है? उत्तर — स्थिति के आधार पर
6. किस सरल ऊतक में अंतरकोशिकीय स्थान होता है? उत्तर — मृदुतक
7. दो ऊतकों के नाम बताएँ जो पौधे को यांत्रिक सहायता देते है। उत्तर — स्थूलकोण और दृढ़ ऊतक
8. वैसे मृदूतक को क्या कहते है जिसमें क्लोरोफिल पाया जाता है? उत्तर — क्लोरेनकाइमा
9. किस ऊतक की कोशिकाओं से भिति अनियमित ढंग से कोनों पर मोटी होती है? उत्तर — स्थूलकोण ऊतक
10. नारियल का रेशा किस ऊतक का बना होता है? उत्तर — दृढ़ ऊतक
11. मृदूतक कोशिकाओं की दो विशेषताएँ लिखें। उत्तर — भोजन बनाना तथा संचित करना
12. दो स्थायी पादप ऊतकों के नाम लिखे। उत्तर — सरल तथा जटिल
13. जाइलम का निर्माण किन तत्त्वों से होता है? उत्तर — चार तत्वों
14. जाइलम पर मुख्य कार्य क्या है? उत्तर — जल तथा खनिज लवण के परिवहन
15. फ्लोएम किन तत्वों से बनता है? उत्तर — चार तत्वों
16. किस ऊतक द्वारा पौधों में खाद्य पदार्थों का संवहन होता है? उत्तर — फ्लोएम
17. किन्हीं दो प्रकार के एपिथीलियम ऊतक के नाम लिखे। उत्तर — शल्की और स्तभांकार
18. त्वचा की सतह पर किस प्रकार की एपिथीलियम ऊतक पाई जाती है? उत्तर — शल्की
19. पक्ष्माभी एपिथीलियम की सिलिया में होनेवाला गति क्या कहलाता है? उत्तर — सिलियरी गति
20. संयोजी ऊतक के कोई दो उदाहरण दें। उत्तर — कंकाल और तरल
21. संयोजी ऊतक कितने प्रकार की होती है? नाम लिखे। उत्तर — तीन प्रकार
22. एरियोलर ऊतक में पाए जानेवाली दो प्रकार की कोशिकाओं का नाम लिखें। उत्तर — Fibroblast, Histocytes
23. एडिपोज ऊतक में पाए जानेवाला संचित भोज्य पदार्थ क्या है? उत्तर — वसा
24. अस्थियों को मांसपेशियों से जोड़ने वाला ऊतक क्या कहलाता है? उत्तर — टेंडन (Tendon)
25. अस्थि को अस्थि से जोड़नेवाला ऊतक क्या कहलाता है? उत्तर — लिगामेंट (Ligament)
26. दो मुख्य प्रकार के कंकाल ऊतक का नाम लिखें। उत्तर — उपास्थि (Cartilaginous) और अस्थि (Bone)
27. उपास्थि के मैट्रिक्स में पाए जानेवाली कोशिकाएँ क्या कहलाती है? उत्तर — Chondrioblast
28. दो प्रकार के तरल संयोजी ऊतक का नाम लिखें। उत्तर — रक्त (Blood) और लसीका (Lymph)
29. रक्त के प्लाज्मा में पाए जानेवाली तीन प्रकार की रुधिर कणिकाएँ कौन-कौन सी है? उत्तर — RBC, WBC, Platelets
30. शारीरिक अंगों में गति किस प्रकार के ऊतक के कारण होता है? उत्तर — पेशी ऊतक
31. जंतुओं का मस्तिष्क किस प्रकार के ऊतक का बना होता है? उत्तर — तंत्रिका ऊतक (Nervous tissue)
32. तंत्रिका ऊतक की इकाई क्या कहलाता है? उत्तर — तंत्रिका कोशिका (Nerve cell)
33. बहुकोशिकीय जीवों में कार्यों के दक्षतापूर्वक संचालन के लिए क्या व्यवस्था रहती है? उत्तर — श्रम विभाजन (Labour division)
34. समान उत्पत्ति तथा समान कार्यों को संपादित करनेवाली कोशिकाओं के समूह को क्या कहते है? उत्तर — ऊतक (Tissue)
35. तने की चौड़ाई में वृद्धि किन ऊतकों के निर्माण से होती है? उत्तर — पार्श्वस्थ (Lateral)
36. पत्तियों के आधार पर या टहनी के पर्व के दोनों ओर पाए जानेवाले ऊतक को क्या कहते है? उत्तर — अंतर्वेशी (Intercalary)
37. स्थायी ऊतक का निर्माण किस ऊतक की वृद्धि के फलस्वरूप होता है? उत्तर — विभज्योतक ऊतक
38. सरल स्थायी ऊतक किस प्रकार की कोशिकाओं का बना होता है? उत्तर — समरूप कोशिकाओं से
39. जलीय पौधों में मुख्यतः किस प्रकार का ऊतक पाया जाता है? उत्तर — वायूतक (Aerenchyma)
40. किस ऊतक की कोशिकाएँ मृत, लंबी, सँकरी तथा दोनों सिरों पर नुकीली होती है? उत्तर — दृढ़ ऊतक (Sclerenchyma)
41. शुष्क स्थानों पर पाए जानेवाले पौधों में एपिडर्मिस की कोशिकाओं के ऊपर किसकी एक परत रहती है? उत्तर — क्यूटिकल (Cuticle)
42. क्या कॉर्क कोशिकाओं में जीवद्रव्य पाया जाता है? उत्तर — नहीं
43. दो या दो से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से बने ऊतक क्या कहलाते है? उत्तर — जटिल (Complex)
44. जाइलम एवं फ्लोएम मिलकर किसका निर्माण करते है? उत्तर — संवहन बंडल (Vascular bundle)
45. सहकोशिकाएँ चालनी नलिका के किस भाग में अवस्थित रहती है? उत्तर — पार्श्व भाग
46. किस जंतु ऊतक की कोशिकाएँ फर्श या दीवार पर लगी चपटी ईंटों की तरह दिखती है? उत्तर — शल्की (Squamous)
47. किस ऊतक के मुक्तसिरे पर सूक्ष्म रसांकुर विद्यमान होते है? उत्तर — स्तंभाकार (Columnar)
48. छोटी आँत के भीतरी स्तर का निर्माण किस ऊतक से होता है? उत्तर — स्तंभाकार (Columnar)
49. घनाकार कोशिकाओं वाले ऊतक को क्या कहते हैं? उत्तर — क्यूबॉइडल (Cuboidal)
50. अंडवाहिनी में अंडाणु को एक ही दिशा में जाने देने के लिए किस ऊत्तक की कोशिकाएँ मदद करती है? उत्तर — पक्ष्माभ ऊतक

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Questions)

ऊतक (Tissue)

  • A group of cells that are similar in origin, structure and function are called tissues.
  • कोशिकाओं का वह समूह जिसकी रचना, उत्पत्ति तथा कार्य समान होते हैं, ऊतक (Tissue) कहलाते है।
  • जेवियर बिचैट (Xavier Bichat) ने 1801 तक शरीर रचना विज्ञान के अध्ययन में ऊतक शब्द की शुरुआत की।
  • ऊतक के अध्ययन को ऊतक विज्ञान (Histology) कहते है। मेयर (Mayer) ने 1819 में हिस्टोलॉजी शब्द का नामकरण किया था।
  • ऊतक को दो भागों में बाँटा किया गया है –
    1. पादप ऊतक (Plant Tissue)
    2. जन्तु ऊतक (Animal Tissue)

पादप ऊतक (Plant Tissue)

  • पौधों में मौजूद अधिकांश ऊतक मृत (dead) होते हैं और जीवित कोशिकाओं की तुलना में अधिक यांत्रिक (Mechanical) शक्ति प्रदान करते हैं।
  • उत्तक के कोशिकाओं की विभाजन क्षमता के आधार पर पादप उत्तक दो प्रकार के होते हैं –
    1. Meristematic Tissue (विभज्योतकी ऊतक)
    2. Permanent Tissue (स्थायी ऊतक)

Meristematic Tissue (विभज्योतकी ऊतक)

  • यह अवयस्क, जीवित कोशिकाओं का बना होता है जिसमें विभाजन की क्षमता होती है। ये पौधे की लंबाई और मोटाई (girth) में वृद्धि लाती हैं।
  • इस ऊतक की कोशिकाएँ छोटी, अंडाकार या बहुभुजी होती है। इनमें अंतरकोशिकीय स्थान नहीं पाया जाता है तथा रसधानी या तो छोटी होती है या होती ही नहीं।
  • स्थिति के आधार पर विभज्योतकी ऊतक तीन प्रकार के होते है –
    • Apical Meristem (शीर्षस्थ विभज्योतक) :– यह जड़ एवं तने के शीर्षभाग पर पाया जानेवाला ऊतक है। इस ऊतक में विभाजन के फलस्वरूप ही पौधे लंबाई में बढ़ते है।
    • Lateral Meristem (पार्श्वस्थ विभज्योतक) :– यह जड़ एवं तने के किनारों पर होते है तथा चौड़ाई में वृद्धि कराते है। इससे संवहन ऊतक बनता है।
    • Intercalary Meristem (अंतर्वेशी विभज्योतक) :– यह पत्तियों के आधार में या टहनी के पर्व (internode) के दोनों ओर पाए जाते है एवं वृद्धि करके स्थायी ऊतकों में परिवर्तित हो जाते है।

Permanent Tissue (स्थायी ऊतक)

  • स्थायी ऊतक विभज्योतकी ऊतक की वृद्धि के फलस्वरूप बनता है। इसमें विभाजन की क्षमता नहीं होती है। इसलिए कोशिका का रुप एवं आकार निश्चित रहता है। इसकी कोशिकाएँ जीवित तथा मृत दोनों प्रकार की होती है।
  • स्थायी ऊतक दो प्रकार के होते है —
    • Simple Permanent Tissues (सरल स्थायी ऊतक)
    • Complex Permanent Tissues (जटिल स्थायी ऊतक)

Simple Permanent Tissues (सरल स्थायी ऊतक)

  • यह एक ही प्रकार के कोशिकाओं का बना होता है। इस ऊतक की सभी कोशिकाएँ समान कार्य करती है। ये तीन प्रकार के होते है —
    • Parenchyma (मृदूतक या पैरेनकाइमा)
    • Collenchyma (स्थूलकोण ऊतक या कॉलेनकाइमा)
    • Sclerenchyma (दृढ़ ऊतक या स्कलेरेनकाइमा)

Parenchyma (मृदूतक या पैरेनकाइमा)

  • इनकी कोशिकाएं जीवित, गोलाकार, अंडाकार, बहूभुजी या अनियमित आकार की होती है। इनमें अंतरकोशिकीय स्थान पाया जाता है तथा एक बड़ी रसधानी होती है।
  • यह पौधों के कोमल भागों जैसे तने, मूल (Tap root) एवं पतियों के एपिडर्मिस (Epidermis) और कॉर्टेक्स (Cortex) में पाया जाता है।
  • कभी-2 मृदूतक में क्लोरोप्लास्ट पाया जाता है, जिसके कारण प्रकाश संश्लेषण की क्रिया संपन्न होती है। इन ऊतकों को हरित उत्तक (Chlorenchyma) कहते हैं।
  • कुछ जलीय पौधों (hydrophytes) में मृदूतक कोशिकाओं के बीच बड़े अंतरकोशिकीय स्थान विकसित हो जाते है। इस प्रकार के मृदूतक को वायूतक (Aerenchyma) कहते हैं।

कार्य (Function)

  • यह भोजन का निर्माण करता है तथा उसका संचय करता है।

Collenchyma (स्थूलकोण ऊतक या कॉलेनकाइमा)

  • इसकी कोशिकाएँ जीवित, केंद्रकयुक्त, रसधानी युक्त, लंबी तथा भित्ति कोणों (corner) पर कुछ मोटी होती है।
  • कभी-2 इनमें हरितलवक भी पाए जाते है एवं भित्ति सेल्युलोज एवं पेक्टिन के कारण मोटी हो जाती है।
  • यह भी पौधे के नए भाग में पाया जाता है। यह विशेषकर तने के एपिडर्मिस के नीचे, पर्णवृंत (leaf petiole), पुष्पवृंत (pedicel) और पुष्पावली-वृंत (peduncles) पर पाया जाता है, लेकिन जड़ों में नहीं पाया जाता है।

कार्य (Function)

  • यह पौधों को लचीलापन और दृढ़ता प्रदान करता है।
  • जब इनमें हरितलवक पाया जाता है तब यह भोजन का निर्माण करता है।

Sclerenchyma (दृढ़ ऊतक या स्कलेरेनकाइमा)

  • दृढ़ ऊतक की कोशिकाएं मृत, लंबी, सँकरी तथा दोनों सिरों पर नुकीली होती है। इनमें जीव द्रव नहीं होता एवं इनकी भिति लिग्निन (lignin) के जमाव के कारण मोटी होती है।
  • यह कॉर्टेक्स (cortex), पेरिसाइकिल (pericycle) तथा संवहन बंडल में पाया जाता है।
  • जिन पौधों से रेशा (fibre) उत्पन्न होते हैं, जैसे पटुआ या अन्य रेशेदार पौधों में यह प्रचूर मात्रा में पाया जाता है।

कार्य (Function)

  • यह पौधों को यांत्रिक शक्ति प्रदान करता है एवं आंतरिक भागों की रक्षा करता है।

कॉर्क कोशिका (Cork Cells)

  • समय के साथ-साथ जड़ तथा तना जैसे-जैसे पुराने होते जाते है, इनके बाहरी ऊतक विभाजित होकर कॉर्क कोशिका या छाल का निर्माण करते हैं। सुबेरिन (subenin) के कारण इनकी कोशिकाओं की दीवारें मोटी होती है।
  • यह सुरक्षात्मक कवच का कार्य करती है। इनकी कोशिकाएं मृत होती है एवं अंतर-कोशिकीय स्थान नहीं होता है। यह हल्का, विद्युत रोधी एवं ऊष्मा रोधी होता है।

Complex Permanent Tissues (जटिल स्थायी ऊतक)

  • यह दो या दो से अधिक प्रकार के कोशिकाओं का बना होता है जो एक इकाई की भाँति कार्य करता है। ये दो प्रकार के होते है —
    • Xylem (जाइलम या दारु)
    • Phloem (फ्लोएम या बास्ट)
  • जाइलम तथा फ्लोएम मिलकर संवहन बंडल (vascular bundle) का निर्माण करते हैं। इसलिए इन दोनों को संवहन उत्तक (Vascular Tissue) भी कहते हैं। यह बड़े वृक्षों को स्थलीय वातावरण के अनुकूल बनाते हैं।

Xylem (जाइलम या दारु)

  • जाइलम ऊतक पौधों के मूल, तना एवं पत्तियों में पाया जाता है। इसे चालन उत्तक (conducting tissue) भी कहते हैं। यह चार विभिन्न प्रकार के तत्त्वों से बना होता है —
    1. वाहिनिकाएँ (Tracheids)
    2. वाहिकाएँ (Vessels)
    3. जाइलम तंतु (Xylem fibres)
    4. जाइलम मृदुतक (Xylem parenchyma)

कार्य (Function)

  • यह पौधों को यांत्रिक सहायता प्रदान करता है।
  • यह जल एवं घुलित खनिज लवण का संवहन जड़ से पत्ती तक करता है।
  • यह भोजन संग्रह (food storage) भी करता है।

Phloem (फ्लोएम या बास्ट)

  • जाइलम की तरह फ्लोएम भी पौधों की जड़, तना तथा पत्तियों में पाया जाता है। यह भी चार विभिन्न प्रकार के तत्त्वों से बना होता है —
    1. चालनी नलिकाएँ (Sieve tubes)
    2. सहकोशिकाएँ (Companion cells)
    3. फ्लोएम तंतु (Phloem fibres)
    4. फ्लोएम मृदुतक (Phloem parenchyma)

कार्य (Function)

  • यह पौधों को यांत्रिक सहायता प्रदान करता है।
  • यह भी भोजन संग्रह (food storage) करता है।
  • यह पतियों द्वारा तैयार भोज्य पदार्थों को पौधों के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है।

जन्तु ऊतक (Animal Tissue)

  • जंतु ऊतक मुख्यतः चार प्रकार के होते है —
    1. उपकला ऊतक (Epithelial Tissues)
    2. संयोजी ऊतक (Connective Tissues)
    3. पेशी ऊतक (Muscular Tissues)
    4. तंत्रिका ऊतक (Neural Tissues)
  • इन सभी ऊतकों की उत्पत्ति भ्रूणीय अवस्था में कोई भी एक प्राथमिक जनन (primary germ) परत से होती है। जनन परत तीन होती है — एक्टोडर्म, एंडोडर्म एवं मेसोडर्म।

उपकला ऊतक (Epithelial Tissues)

  • यह ऊतक अंगों की बाहरी पतली परत तथा आंतरिक अंगों की भीतरी स्तर का निर्माण करती है।
  • इसमें अंतरकोशिकीय स्थान नहीं होता है। यह अंगों को सुरक्षा प्रदान करती है। ये सामान्यतः चार प्रकार के होते है —
    • शल्की या शल्काभ उपकला (Squamous epithelium) :– इसकी कोशिकाएँ चपटी तथा अत्यधिक पतली होती है जो फर्श पर बिछाए हुए चपटे ईंटों की तरह दिखती है। यह त्वचा की बाहरी परत पर पाया जाता है। यह मुखगुहा, जिह्वा (tongue), ग्रासनली, आहारनाल, रक्त वाहिनियों तथा फेफड़े के वायुकोषों (alveoli) में भी पाए जाते है।
    • स्तंभाकार उपकला (Columnar epithelium) :– इसकी कोशिकाएँ स्तंभाकार होती है तथा मुक्त सिरे पर सूक्ष्म रसांकुर होते है। ये आहारनाल के वैसे भाग में पाए जाते है जहाँ पदार्थों का अवशोषण तथा स्त्रवण होता है, जैसे – छोटी आँत का भीतरी स्तर, पित्ताशय इत्यादि।
    • क्यूबॉइडल उपकला (Cuboidal epithelium) :– इसकी कोशिकाएँ घनाकार होती हैं। यह स्वेद (sweat) ग्रंथि, वृक्क नलिकाओं (uriniferous tubules), लार ग्रंथि, अग्न्याशय नलिका, थाइरॉयड पुटक (thyroid follicle) तथा जनन उपकला में पाई जाती है।
    • पक्ष्माभी उपकला (Ciliated epithelium) :– इसकी कोशिकाएँ भी स्तंभाकार होती है और इनके मुक्त सिरों पर पक्ष्म (cilia) लगे होते है। पक्ष्म तरल पदार्थ में लहरें पैदा करने में तथा उसे एक ही दिशा में जाने में मदद करता है। यह श्वासनली, अंडवाहिनी तथा गर्भाशय में पायी जाती है।

संयोजी ऊतक (Connective Tissues)

  • यह विभिन्न अंगों और ऊतकों को संबद्ध करता है। इसमें कोशिकाओं की संख्या कम होती है तथा अंतरकोशिकीय पदार्थ अधिक होता है। अंतरकोशिकीय पदार्थ को मैट्रिक्स कहते है। संयोजी ऊतक तीन प्रकार के होते है —
  • वास्तविक संयोजी ऊतक (Connective tissue proper)
  • कंकाल ऊतक (Skeletal tissue)
  • तरल ऊतक या संवहनीय ऊतक (Fluid tissue or vascular tissue)

वास्तविक संयोजी ऊतक (Connective tissue proper)

  • ये निम्न प्रकार के होते है —
    • अवकाशी ऊतक (Areolar Tissue)
    • वसा संयोजी ऊतक (Adipose Connective Tissue)
    • श्वेत तंतुमय ऊतक (White Fibrous Tissue)
    • पीला तंतुमय ऊतक (Yellow Fibrous Tissue)
    • जलावत संयोजी ऊतक (Reticular Connective Tissue)

अवकाशी संयोजी ऊतक (Areolar Tissue)

  • ये बहुतायत में मिलने वाले ऊतक है। इसके मैट्रिक्स में कई प्रकार की कोशिकाएँ तथा दो तंतु पाए जाते है।

अवकाशी संयोजी ऊतक में पाई जानेवाली कोशिकाएँ

  1. तंतुप्रसू (Fibroblasts or Fibrocytes) :– ये चपटी, शाखीय होती है तथा तंतु बनाती है।
  2. वृहत भक्षक (Histocytes or Macrophages) :– ये चपटी, अनियमित आकार की होती है तथा जीवाणुओं का भक्षण करती है।
  3. प्लाज्मा कोशिकाएँ (Plasma cells) :– ये गोलाकार या अंडाकार होती है तथा एंटीबॉडी का निर्माण करती है।
  4. मास्ट कोशिकाएँ (Mast cells) :– ये भी गोलाकार या अंडाकार होती है तथा हिस्टामिन, हिपैरिन तथा सीरोटोनिन स्त्रावित करती है।
  5. श्वेतकण (Leucocytes) :– श्वेतकण जैसे लिफोसाइट, इओसिनोफिल, न्यूट्रोफिल इत्यादि पाये जाते है।

अवकाशी संयोजी ऊतक में पाई जानेवाली तंतु

  1. श्वेत तंतु (White fibre) :– ये अशाखीय तथा अलचीले होते है। ये कॉलेजेन (collagen) नामक पदार्थ से बने होते है।
  2. पीला तंतु (Yellow fibre) :– ये शाखीय तथा लचीले होते है। ये एलास्टिन (elastin) नामक पदार्थ से बने होते है।

कार्य (Function)

  • यह विभिन्न आंतरिक रचनाओं को ढीले रुप से बाँधकर उन्हें अपने स्थान पर रखने में मदद करता है।

वसा संयोजी ऊतक (Adipose Connective Tissue)

  • इसकी कोशिकाएँ गोलाकार एवं अंडाकार होती है। इन कोशिकाओं में वसा की बूँदें भरी होती है। यह त्वचा के नीचे तथा आंतरिक अंगों के बीच पाया जाता है।

कार्य (Function)

  • यह वसा का संचय करता है। अधिक मात्रा में संचय से शरीर मोटा हो जाता है।
  • यह शरीर के ताप को बनाए रखता है।

श्वेत तंतुमय ऊतक (White Fibrous Tissue)

  • इसमें श्वेत तंतु पाये जाते है। इसमें मैट्रिक्स कम होता है एवं तंतुओं के बीच में कुछ कोशिकाएँ बिखरी होती है। ऐसे ऊतक अत्यधिक मजबूत तथा आंशिक लचीले होते हैं। यह टेंडन (Tendon) का निर्माण करता है, जो पेशी को हड्डी अथवा दूसरी पेशी से जोड़ता है।

पीला तंतुमय ऊतक (Yellow Fibrous Tissue)

  • इसमें पीले तंतु पाये जाते है। इसमें मैट्रिक्स कम होता है एवं तंतुओं के बीच में कुछ कोशिकाएँ बिखरी होती है। ऐसे ऊतक अत्यधिक मजबूत तथा आंशिक लचीले होते हैं। यह लिगामेंट (Ligament) का निर्माण करता है, जो एक हड्डी को दूसरी हड्डी से जोड़ता है।

जलावत संयोजी ऊतक (Reticular Connective Tissue)

  • इसमें तारा जैसी कोशिकाएँ होती है जो जाल जैसी रचना बनाते है। ऐसे ऊतक प्लीहा, यकृत तथा अस्थिमज्जा में पाए जाते है।

कंकाल ऊतक (Skeletal tissue)

  • यह शरीर को तथा अन्य ऊतकों को सहारा देता है और उन्हें मजबूती से जोड़ता है। यह सदा शरीर के अंदर पाया जाता है तथा शरीर का अंत: कंकाल (endoskeleton) बनाता है। यह कशेरुकी जंतुओं का विशेष लक्षण है।
  • कंकाल ऊतक दो प्रकार के होते है —
    • उपास्थि ऊतक (Cartilaginous Tissue) :– उपास्थि का मैट्रिक्स लसलसा होता है तथा कोंड्रिन (chondrin) नामक प्रोटीन से बना होता है। इसकी कोशिकाओं को उपास्थि कोशिकाएँ (chondrioblast) कहते है जो गर्तिकाओं (lacuna) में पाई जाती है। उपास्थि हड्डियों के जोड़ को चिकना बनाती है। ये बाह्यकर्ण, नाक, श्वासनली, कंठ, स्टरनम तथा अंतरकशेरुकी (intervertebral space) स्थानों में पायी जाती है।
    • अस्थि ऊतक (Bone Tissue) :– अस्थि के मैट्रिक्स में Ca और P पाये जाते है जिसके कारण मैट्रिक्स कठोर होता है। इसकी कोशिकाएँ ऑस्टियोब्लास्ट (osteoblast) कहलाती है जो मैट्रिक्स में स्थित लैकुनी (lacunae) में पाई जाती है। लैकुनी एक-दूसरे में पतली नलिकाओं द्वारा जुड़ी रहती है, जिन्हें कैनालीकुली (canaliculi) कहते है। अस्थि के मध्य में एक गुहा होती है, जो अस्थिमज्जा से भरी होती है।

तरल ऊतक या संवहनीय ऊतक (Fluid tissue or vascular tissue)

  • रक्त एवं लसीका को तरल संयोजी ऊतक कहते है। इसका अंतरकोशिकीय पदार्थ तरल होता है, जिसमें कोशिकाएँ बिखरी रहती है। ये दो प्रकार के होते है —

रुधिर या रक्त (Blood)

  • रक्त एक गाढ़ा, क्षारीय (pH 7.4) तथा लाल रंग का तरल पदार्थ है।
  • रक्त के दो भाग होते है — प्लाज्मा (plasma) और रुधिर कणिकाएँ (blood corpuscles)

प्लाज्मा (Plasma)

  • यह रक्त का तरल भाग है जो हल्के पीले रंग का होता है। यह पूरे रक्त का 55% भाग का निर्माण करता है। इसमें करीब 90% जल, 7% प्रोटीन तथा 3% अन्य धुले पदार्थ पाए जाते हैं।
  • प्लाज्मा में कुछ प्रोटीन जैसे – fibrinogen, prothrombin पाये जाते है जो प्लाज्मा प्रोटीन कहलाते है। ये रक्त को थक्का बनाने (blood clotting) में सहायक होते हैं।
  • यह पचे हुए भोजन एवं हार्मोन को शरीर के विभिन्न भागों में संवहन करता है।
  • जब प्लाज्मा में से फाइब्रिनोजेन नामक प्रोटीन निकाल लिया जाता है, तो शेष प्लाज्मा को सेरम (serum) कहा जाता है।

रुधिर कणिकाएँ (Blood corpuscles)

  • यह रक्त का ठोस भाग है जो प्लाज्मा में तैरती रहती है। यह पूरे रक्त का 45% भाग का निर्माण करता है। ये तीन प्रकार के होते है —
  • Red Blood Corpuscles (RBC) or Erythrocytes (लाल रुधिर कणिकाएँ)
  • White Blood Corpuscles (WBC) or Leucocytes (श्वेत रुधिर कणिकाएँ)
  • Blood platelets (रक्त पट्टिकाणु)

Red Blood Corpuscles (RBC)

  • यह गोल तथा उभयावतल होता है। मनुष्य के RBC में केन्द्रक नहीं होता है। अपवाद – ऊँट और लामा
  • इसका निर्माण अस्थिमज्जा में होता है। इसके निर्माण में प्रोटीन, आयरन, विटामिन B12 एवं फोलिक अम्ल सहायक होते है। भ्रूण अवस्था में इसका निर्माण यकृत और प्लीहा में होता है। इसका जीवनकाल 120 दिन का होता है। इसकी मृत्यु यकृत और प्लीहा में होती है।
  • नर में 5 मिलियन और मादा में 4.5 मिलियन प्रति mm³ RBC पाये जाते है।
  • इसमें एक प्रोटीन वर्णक हीमोग्लोबिन (haemoglobin) पाया जाता है जिसके कारण ही रक्त का रंग लाल दिखाई देता है। यह शरीर में श्वसन गैसों का परिवहन करती है।

White Blood Corpuscles (WBC)

  • यह अनियमित आकार की केन्द्रकयुक्त कोशिकाएँ हैं। इनमें हीमोग्लोबिन नहीं पाये जाते है जिसके कारण यह रंगहीन होता है।
  • इसका निर्माण अस्थिमज्जा, लिम्फ नोड और कभी-2 यकृत एवं प्लीहा में भी होता है। इसका जीवनकाल 2 से 4 दिन का होता है। इसकी मृत्यु रक्त में ही हो जाती है।
  • प्रति mm³ रक्त में लगभग 8000 WBC पाए जाते है।
  • सूक्ष्म कणों की उपस्थिति के आधार पर WBC को पुनः दो भागों में बाँटा गया है –
  • ग्रेनुलोसाइट (Granulocyte) :– जिसमें कण पाए जाते है उसे ग्रेनुलोसाइट कहते है। इसे पुनः तीन भागों में बाँटा गया है — न्यूट्रोफिल (Neutrophil), इओसिनोफिल (Eosinophil) और बेसोफिल (Basophil)
  • एग्रेनुलोसाइट (Agranulocyte) :– जिसमें कण नहीं पाए जाते है उसे एग्रेनुलोसाइट कहते है। इसे पुनः दो भागों में बाँटा गया है — लिम्फोसाइट (Lymphocyte) और मोनोसाइट (Monocyte)
  • WBC प्रतिरक्षा तंत्र (Immune system) के निर्माण में सहायता करती है। इसी कारण इसे phagocytosis कहते है।
  • RBC तथा WBC का अनुपात 600 : 1 होता है।

Blood platelets (रक्त पट्टिकाणु)

  • ये सूक्ष्म, रंगहीन तथा केन्द्रकहीन होते है। ये बिंबाणु (thrombocytes) भी कहलाते है। इसका निर्माण अस्थिमज्जा में होता है। इसका जीवनकाल 3 से 5 दिन का होता है। इसकी मृत्यु प्लीहा में होती है। ये रक्त के थक्का बनने में सहायक होते है।

रक्त का थक्का (Blood clotting)

  • रक्त का थक्का बनने में करीब 5 मिनट लगता है।
  • Thrombocytes + Air = Thromboplastin
  • Thromboplastin + Ca + Prothrombin = Thrombin
  • Thrombin + Fibrinogen = Fibrin
  • Fibrin + Blood Corpuscles = Blood Clotting

    रुधिर वर्ग (Blood Group)

    • रुधिर वर्ग की खोज 1901 में कार्ल लैण्डस्टीनर (Karl Landsteiner) ने की थी।
    • मनुष्य की RBC में दो प्रकार के एंटीजेन्स होते है जिन्हें A एवं B कहते है।
    • प्लाज्मा में दो प्रकार के एंटीबॉडीज होते है जिन्हें अल्फा या एंटी-A एवं बीटा या एंटी-B कहते है।
    • एंटीजेन A का संगत (corresponding) एंटीबॉडी अल्फा एवं एंटीजेन B का संगत एंटीबॉडी बीटा होता है। यदि किसी मनुष्य में एक विशेष एंटीजेन अनुपस्थित है तो उसमें इसका संगत एंटीबॉडी होगा। इसे लैंडस्टीनर नियम कहते है।
    • एंटीजेन्स एवं एंटीबॉडी की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर लैंडस्टीनर ने मनुष्य को निम्नलिखित चार रुधिरवर्गों में बाँटा है —

    Rh कारक (Rh factor or Rh Blood Group)

    • लैंडस्टीनर एवं वीनर (Weiner) नामक दो वैज्ञानिकों ने 1940 में मकाका रीसस (Rhesus Macaca) बंदर में इस Rh कारक का पता लगाया। यह कारक करीब 85% मनुष्य में भी पाया जाता है। जिस मनुष्य में यह एंटीजेन्स उपस्थित है उसे Rh+ तथा जिसमें यह अनुपस्थित है उसे Rh– कहते हैं।

    रुधिर के कार्य

    1. रुधिर विभिन्न पदार्थों के परिवहन में सहायक होता है।
    2. यह शरीर का तापमान भी नियंत्रित करता है।
    3. WBC जीवाणुओं को नष्ट करने का कार्य करती है।
    4. प्लेटलेट्स रक्त को जमाने (blood clotting) में मदद करता है।

    लसीका (Lymph)

    • लसीका एक रंगहीन या कुछ पीला द्रव है, जिसमें RBC एवं प्लेटलेट्स नहीं होते है। इसमें रक्त से कम मात्रा में Ca एवं P पाया जाता है। साधारणतः इसमें WBC तैरते रहते है।
    • इसमें रक्त की अपेक्षा कम मात्रा में पोषक पदार्थ एवं O2 होते है, जबकि CO2 एवं अपशिष्ट पदार्थ अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
    • Lymph = Blood – (RBCs + platelets + some protein)

    लसीका के कार्य

    1. यह पोषक पदार्थों का परिवहन करता है।
    2. यह शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र का निर्माण करता है।

    Muscular/Contractile Tissue (पेशी/संकुचनशील ऊतक)

    • पेशी ऊतक की कोशिकाएं लंबी होती है। इन कोशिकाओं के भीतर पाए जाने वाला तरल सार्कोप्लाज्म (Sarcoplasm) कहलाता है।
    • जंतुओं के शारीरिक अंग में गति पेशी ऊतक के कारण ही होता है।
    • पेशी ऊतक तीन प्रकार के होते हैं —
      • Smooth or Unstriped or Involuntary Muscles (अरेखित या अनैच्छिक)
      • Striped or Skeletal or Voluntary Muscles (रेखित या ऐच्छिक)
      • Cardiac or Heart Muscles (हद् पेशी)

    Smooth or Unstriped or Involuntary Muscles (अरेखित या अनैच्छिक)

    • अरेखित पेशी का संकुचन (contraction) जंतु के इच्छाधीन (will) नहीं होती है, इसलिए इसे अनैच्छिक पेशी कहते हैं।
    • ये नेत्र की आयरिस (Iris), वृषण (Testis) और उसकी नलिकाओं, आहारनाल, मलाशय, मूत्र वाहिनियों और मूत्राशय तथा रक्त वाहिनियों में पाई जाती है।

    Striped or Skeletal or Voluntary Muscles (रेखित या ऐच्छिक)

    • ये पेशियाँ जंतु के कंकाल से जुटी रहती है और इनमें ऐच्छिक गति होती है। इसीलिए इन्हें कंकाल पेशी या ऐच्छिक पेशी भी कहते हैं।
    • यह पेशी शरीर के बाहु, पैर, गर्दन आदि में पाई जाती है एवं इसका भार शरीर के भार का प्रायः 50% होता है।
    • इसके एक या दोनों सिरे रूपान्तरित होकर टेण्डन के रूप में अस्थियों से जुड़े होते है। ऐच्छिक पेशियाँ तंत्रिका द्वारा उत्तेजित होती है।

    Cardiac or Heart Muscles (हद् पेशी)

    • यह केवल हृदय की भिति में पायी जाती है।
    • हृद् पेशी भी अनैच्छिक होती है एवं इसमें सर्वदा संकुचन और प्रसरण (Contraction and Expansion) होता रहता है, जो आजीवन चलता रहता है, जिसके कारण हृदय से रुधिर शरीर के विभिन्न भागों में प्रवाहित होता रहता है।
    • मानव शरीर में मांसपेशियों की संख्या 639 होती है।
    • मानव शरीर की सबसे बड़ी मांसपेशी ग्लूटियस मैक्सीमस (gluteus maximus, buttock) हैं।
    • मानव शरीर की सबसे छोटी मांसपेशी स्टैपिडियस (Stapedius) है।

    Nervous Tissue (तंत्रिका ऊतक)

    • शरीर की विभिन्न क्रियाएँ तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित होती है।
    • तंत्रिका उत्तक, संवेदना (stimulus) को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में भेजने का कार्य करती है।
    • तंत्रिका ऊतक की इकाई को न्यूरॉन (Neuron) या तंत्रिका कोशिका (Nerve cell) कहते है।
    • जंतुओं के शरीर के मस्तिष्क (Brain), मेरुरज्जु (spinal cord) तथा तंत्रिकाएँ (nerves) तंत्रिका उत्तक के बने होते हैं।
    • एक न्यूरॉन के Axon के अंतिम छोर की शाखाएं दूसरी न्यूरॉन के डेंड्राइट्स (dendrites) से जुड़कर सिनैप्स (Synapse) बनाती है।

    Synapse (सिनैप्स)

    • एक न्यूरॉन के Axon के अंतिम छोर की शाखाएं दूसरी न्यूरॉन के डेंड्राइट्स (dendrites) से जुड़कर सिनैप्स बनाती है।
    • आवेग का संचार हमेशा ऐक्सॉन की एक कोशिका से दूसरी कोशिका के डेंड्राइट्स तक होता है, न कि इसके विपरीत।

    – : समाप्त : –

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