Bihar Board Class 12th History 2014 Question Answer : प्रिय विद्यार्थीयों, “Mindbloom Study” (#1 Online Study Portal For Bihar Board Exams) आपके लिए लाया है Bihar Board Class 12th History 2014 PYQ Paper ।
खण्ड – अ (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
1. सिन्धु घाटी निवासियों को किस धातु का ज्ञान नहीं था ?
(A) सोना
(B) चाँदी
(C) लोहा
(D) ताँबा
2. हड़प्पा सभ्यता किस युग की सभ्यता है ?
(A) लौह युग
(B) कांस्य युग
(C) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
3. गुप्त काल में कौन चीनी यात्री भारत आया था ?
(A) इत्सिंग
(B) फाह्यान
(C) ह्वेन-सांग
(D) इनमें से कोई नहीं
4. ‘इण्डिका’ के लेखक कौन हैं ?
(A) कौटिल्य
(B) मेगास्थनीज
(C) अल-बरुनी
(D) इनमें से कोई नहीं
5. अशोक किस वंश का शासक था ?
(A) नन्द वंश
(B) मौर्य वंश
(C) गुप्त वंश
(D) चोल वंश
6. ‘पुराणों’ की संख्या कितनी है ?
(A) 16
(B) 18
(C) 19
(D) 20
7. महाभारत की रचना किस भाषा में हुई ?
(A) संस्कृत
(B) पाली
(C) प्राकृत
(D) हिन्दी
8. श्वेताम्बर एवं दिगम्बर का सम्बन्ध किस धर्म से है ?
(A) हिन्दू
(B) बौद्ध
(C) शैव
(D) जैन
9. त्रिपिटक साहित्य का सम्बन्ध है ?
(A) जैन धर्म से
(B) बौद्ध धर्म से
(C) शैव धर्म से
(D) वैष्णव धर्म से
10. अल-बरुनी किसके साथ भारत आया था ?
(A) मुहम्मद गोरी
(B) महमूद गजनी
(C) बाबर
(D) इल्तुतमिश
11. इब्न बतूता ने अपनी यात्रा का विवरण किस भाषा में लिखा था ?
(A) फारसी
(B) उर्दू
(C) अंग्रेजी
(D) अरबी
12. किस शासक ने अपनी राजधानी दिल्ली से दौलताबाद परिवर्तित की?
(A) बलबन
(B) मुहम्मद तुगलक
(C) बाबर
(D) अकबर
13. तलवंडी किसका जन्म स्थान था ?
(A) कबीर
(B) नानक
(C) रैदास
(D) मीरा
14. रूस में भारत विद्या का जनक किसे कहा जाता है ?
(A) निकोलस कोण्टी
(B) जी. एस. लिविदेव
(C) दोनों
(D) कोई नहीं
15. ‘हम्पी’ किस साम्राज्य से सम्बन्धित है ?
(A) मौर्य
(B) गुप्त
(C) बहमनी
(D) विजयनगर
16. तम्बाकू पर किस शासक ने प्रतिबन्ध लगाया ?
(A) अकबर
(B) बाबर
(C) जहाँगीर
(D) शाहजहाँ
17. आइन-ए-अकबरी कितने भागों में विभक्त है ?
(A) दो
(B) तीन
(C) चार
(D) पाँच
18. ‘दीन-ए-इलाही’ से सम्बन्धित है ?
(A) बाबर से
(B) हुमायूँ से
(C) अकबर से
(D) जहाँगीर से
19. कौन मुगल बादशाह ‘आलमगीर’ के नाम से जाना जाता था ?
(A) जहाँगीर
(B) शाहजहाँ
(C) औरंगजेब
(D) बाबर
20. अकबरनामा की रचना किसने की ?
(A) अमीर खुसरो
(B) अल-बरुनी
(C) इब्न बतूता
(D) अबुल फजल
21. पानीपत का प्रथम युद्ध किस वर्ष हुआ था ?
(A) 1509
(B) 1526
(C) 1556
(D) 1761
22. ‘दामिन-इ-कोह’ क्या था ?
(A) भू-भाग
(B) उपाधि
(C) तलवार
(D) इनमें से कोई नहीं
23. स्थायी बन्दोबस्त सम्बन्धित है ?
(A) वारेन हेस्टिंग्स से
(B) लिटन से
(C) रिपन से
(D) कार्नवालिस से
24. पुर्तगालियों ने गोवा पर कब अधिकार किया ?
(A) 1509
(B) 1510
(C) 1512
(D) 1515
25. बंगाल विभाजन की घोषणा किस वर्ष हुई ?
(A) 1905
(B) 1906
(C) 1911
(D) 1914
26. निम्नलिखित कथनों की विवेचना करें :
कथन (A) : फाह्यान चीनी यात्री था।
कथन (R) : वह गुप्तकाल में भारत आया था।
इन कथनों में :
(क) (A) एवं (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
(ख) (A) एवं (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(ग) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(घ) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।
27. निम्नलिखित कथनों की विवेचना करें :
कथन (A) : अकबर एक महान शासक था।
कथन (R) : वह मुगल वंश का संस्थापक था।
इन कथनों में :
(क) (A) एवं (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
(ख) (A) एवं (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(ग) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(घ) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।
28. निम्नलिखित कथनों की विवेचना करें :
कथन (A) : 1857 की क्रांति के समय लार्ड डलहौजी भारत का गवर्नर जनरल था।
कथन (R) : उसकी राजनीतिक और आर्थिक नीतियाँ 1857 के विद्रोह का प्रमुख कारण था।
इन कथनों में :
(क) (A) एवं (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
(ख) (A) एवं (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(ग) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(घ) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।
29. निम्नलिखित कथनों की विवेचना करें :
कथन (A) : गाँधीजी राष्ट्रपिता के नाम से भी जाने जाते हैं।
कथन (R) : उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन का नेतृत्व किया।
इन कथनों में :
(क) (A) एवं (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
(ख) (A) एवं (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(ग) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(घ) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।
30. निम्नलिखित कथनों की विवेचना करें :
कथन (A) : असहयोग आन्दोलन 1920 में प्रारम्भ हुआ।
कथन (R) : चौरी-चौरा घटना के बाद इसे समाप्त कर दिया गया।
इन कथनों में :
(क) (A) एवं (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
(ख) (A) एवं (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(ग) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(घ) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।
स्तम्भ-I स्तम्भ-II
31. लाल (क) सुभाष चन्द्र बोस
32. बाल (ख) लाला लाजपत राय
33. नेताजी (ग) रवीन्द्रनाथ टैगोर
34. गुरुदेव (घ) बाल गंगाधर तिलक
उत्तर — 31 – (ख), 32 – (घ), 33 – (क), 34 – (ग)
35. उद्धरण : 1945 के शिमला सम्मेलन के बाद 1946 में कैबिनेट मिशन का गठन हुआ। इसके सदस्यों में सर स्टेफोर्ड क्रिप्स, ए. वी. अलेक्जेंडर और पैथिक लॉरेंस थे। पैथिक लॉरेंस कैबिनेट मिशन के अध्यक्ष भी थे। यह मिशन इंग्लैंड के लेबर पार्टी की सरकार द्वारा गठित की गई थी।
(i) कैबिनेट मिशन का गठन कब हुआ ?
(A) 1940 में
(B) 1942 में
(C) 1945 में
(D) 1946 में
(ii) कैबिनेट मिशन के अध्यक्ष कौन थे ?
(A) ए. वी. अलेक्जेंडर
(B) सर स्टेफोर्ड क्रिप्स
(C) पैथिक लॉरेंस
(D) इनमें से कोई नहीं
(iii) कैबिनेट मिशन के कितने सदस्य थे ?
(A) दो
(B) तीन
(C) चार
(D) पाँच
खण्ड – अ (लघु उत्तरीय प्रश्न)
1. अशोक के धम्म पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर — अशोक का धम्म एक नैतिक और व्यावहारिक धर्म था, जो अहिंसा, सत्य, सहिष्णुता, दया और प्रजा-कल्याण पर आधारित था। उसने जातिवाद, हिंसा और पशु-बलि का विरोध किया और धर्म प्रचार हेतु शिलालेखों और अधिकारियों का प्रयोग किया।
2. सिन्धु घाटी सभ्यता की नगर योजना का वर्णन करें।
उत्तर — सिन्धु घाटी नगरों की योजना सुव्यवस्थित थी। नगर को दो भागों—उच्च नगर (दुर्ग) और निचला नगर—में बाँटा गया था। सड़कों का जाल ग्रिड प्रणाली पर था। पक्के ईंटों के मकान, नालियों की समुचित व्यवस्था और जल निकासी प्रमुख विशेषताएँ थीं।
3. महावीर के उपदेशों का वर्णन करें।
उत्तर — महावीर ने पंचमहाव्रत (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह) का उपदेश दिया। उन्होंने आत्मा की शुद्धि और कर्मों से मुक्ति को जीवन का उद्देश्य बताया। उन्होंने तप, संयम और सच्चे आचरण पर बल दिया और अहीसा को सर्वोच्च धर्म कहा।
4. बलवन की उपलब्धियों का वर्णन करें।
उत्तर — बलबन ने सुदृढ़ शासन स्थापित किया और “न्याय की कठोर नीति” अपनाई। उसने साजिशों को दबाया, “नायब-ए-मुल्क” की उपाधि धारण की। सीमा सुरक्षा के लिए “दीवार-ए-बंद” बनाई और तुर्की贵त्व को पुनः सशक्त किया।
5. अकबर की धार्मिक नीति का वर्णन करें।
उत्तर — अकबर ने धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई। उसने जज़िया कर समाप्त किया, सभी धर्मों के विद्वानों को ‘इबादतखाना’ में बुलाया और दीन-ए-इलाही नामक एक समन्वयात्मक धर्म चलाया। उसकी नीति से साम्राज्य में धार्मिक समरसता बढ़ी।
6. स्वतंत्रता आन्दोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका पर प्रकाश डालें।
उत्तर — महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम को जन आंदोलन बनाया। उन्होंने सत्याग्रह, असहयोग, सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलनों का नेतृत्व किया। उन्होंने अहिंसा और आत्मनिर्भरता का संदेश दिया और भारतीय राजनीति को नैतिक दिशा दी।
7. भारत छोड़ो आन्दोलन की व्याख्या करें।
उत्तर — 1942 में गाँधी जी के नेतृत्व में “भारत छोड़ो आंदोलन” शुरू हुआ। इसका नारा था—”अंग्रेज़ो भारत छोड़ो”। यह आंदोलन ब्रिटिश शासन के विरुद्ध एक निर्णायक संघर्ष था, जिसमें लाखों लोगों ने भाग लिया और प्रशासन को चुनौती दी।
8. काँग्रेस में उग्रवादियों की भूमिका का परीक्षण करें।
उत्तर — तिलक, लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल जैसे उग्रवादियों ने स्वदेशी, बहिष्कार और राष्ट्रीय शिक्षा को बढ़ावा दिया। उन्होंने जन आंदोलन को तीव्र गति दी और अंग्रेजों की कूटनीति का विरोध किया, जिससे कांग्रेस में नई ऊर्जा आई।
9. चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य की उपलब्धियों का वर्णन करें।
उत्तर — चन्द्रगुप्त द्वितीय ने शक शक्तियों को पराजित कर पश्चिमी भारत को विजित किया। कला, साहित्य और विज्ञान का संरक्षण किया। उसके दरबार में कालिदास जैसे विद्वान थे। उसके शासनकाल को गुप्तकाल का स्वर्ण युग कहा जाता है।
10. मनसबदारी की मुख्य विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर — मनसबदारी व्यवस्था अकबर द्वारा शुरू की गई थी। इसमें अधिकारी को ‘मनसब’ या पदानुसार रैंक दिया जाता था। मनसबदार प्रशासनिक और सैन्य कार्य करते थे। यह ज़ात और सवार दो भागों में बाँटी गई थी। इससे साम्राज्य में प्रशासनिक अनुशासन आया।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. प्राचीन भारतीय इतिहास के अध्ययन के विभिन्न स्रोतों का वर्णन करें।
उत्तर — प्राचीन भारतीय इतिहास के अध्ययन हेतु विविध स्रोत उपलब्ध हैं जिन्हें मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया जाता है –
i) पुरातात्विक स्रोत :- पुरातात्विक स्रोतों में अभिलेख, सिक्के, स्थापत्य एवं मूर्तिकला आते हैं। अभिलेख जैसे अशोक के शिलालेखों से मौर्य शासन की नीति और धर्म की जानकारी मिलती है। सिक्कों से तत्कालीन अर्थव्यवस्था एवं शासकों का विवरण प्राप्त होता है।
ii) साहित्यिक स्रोत :- साहित्यिक स्रोतों में धार्मिक (वेद, उपनिषद, त्रिपिटक, आगम) और धर्मनिरपेक्ष (अर्थशास्त्र, महावंश, राजतरंगिणी) ग्रंथ शामिल हैं। विदेशी यात्रियों जैसे फाह्यान, ह्वेनसांग एवं मेगस्थनीज के यात्रा विवरण भी महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं।
इन स्रोतों के समन्वित अध्ययन से इतिहास की घटनाओं का पुनर्निर्माण संभव होता है।
अथवा, चन्द्रगुप्त मौर्य की जीवनी एवं उपलब्धियों की विवेचना करें।
उत्तर — चन्द्रगुप्त मौर्य मौर्य वंश के संस्थापक थे। उन्होंने लगभग 322 ईसा पूर्व में नन्द वंश का अंत कर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। आचार्य चाणक्य (कौटिल्य) उनके मार्गदर्शक और मंत्री थे। चन्द्रगुप्त ने पहले नन्दों को पराजित किया और फिर सिकन्दर के उत्तराधिकारी सेल्यूकस निकेटर को हराया। सेल्यूकस के साथ संधि कर उन्होंने अफगानिस्तान, बलूचिस्तान और पंजाब का कुछ भाग अपने अधीन कर लिया। बदले में सेल्यूकस ने अपनी पुत्री का विवाह चन्द्रगुप्त से किया और मेगस्थनीज को अपना राजदूत नियुक्त किया। चन्द्रगुप्त ने एक संगठित प्रशासनिक तंत्र की स्थापना की जिसकी जानकारी कौटिल्य के ‘अर्थशास्त्र’ और मेगस्थनीज की ‘इण्डिका’ से मिलती है। अपने जीवन के अंतिम चरण में चन्द्रगुप्त ने जैन धर्म स्वीकार किया और भद्रबाहु के साथ दक्षिण भारत (श्रवणबेलगोला) चले गए, जहाँ उन्होंने समाधि द्वारा प्राण त्याग किया। उनका शासन, नीति, संगठन और सैन्य कौशल भारत के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
2. कुतुबुद्दीन ऐबक की उपलब्धियों का वर्णन करें।
उत्तर — कुतुबुद्दीन ऐबक गुलाम वंश का संस्थापक था, जिसे मोहम्मद गौरी की मृत्यु के बाद दिल्ली का पहला मुस्लिम शासक माना गया। उसका शासनकाल (1206–1210 ई.) अल्पकालिक था, परंतु उसकी उपलब्धियाँ उल्लेखनीय थीं। उसने भारत में इस्लामी शासन की नींव रखी। वह एक उदार शासक था और ‘लाखबख्श’ की उपाधि से प्रसिद्ध था क्योंकि वह कवियों और विद्वानों को उदारता से दान देता था। उसने कई मस्जिदें बनवाईं, जैसे दिल्ली की कुव्वत-उल-इस्लाम और अजमेर की मस्जिद। कुतुब मीनार का निर्माण उसी ने आरंभ कराया। उसने एक संगठित प्रशासनिक तंत्र स्थापित किया और तुर्की सैनिकों को संगठित किया। यद्यपि उसका शासनकाल संक्षिप्त था, उसने दिल्ली सल्तनत की नींव मजबूत की।
अथवा, प्लासी युद्ध के कारणों एवं परिणामों का वर्णन करें।
उत्तर — प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 को अंग्रेज ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच लड़ा गया। युद्ध के प्रमुख कारणों में अंग्रेजों द्वारा व्यापारिक सुविधाओं का दुरुपयोग, नवाब के आदेशों की अवहेलना, किलेबंदी और नवाब के दरबार में अंग्रेजों का षड्यंत्र शामिल था। नवाब ने अंग्रेजों की शक्ति को चुनौती दी, जिससे संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हुई। युद्ध में नवाब की सेना के सेनापति मीर जाफर ने अंग्रेजों से गुप्त संधि कर ली और युद्ध में निष्क्रिय रहा। इस विश्वासघात से नवाब हार गया और मारा गया। परिणामस्वरूप अंग्रेजों ने बंगाल की सत्ता पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित कर लिया। मीर जाफर को नवाब बनाया गया, लेकिन वह अंग्रेजों की कठपुतली मात्र था। इस युद्ध ने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव मजबूत की और ईस्ट इंडिया कंपनी को राजनीतिक शक्ति में बदल दिया। यह युद्ध भारतीय उपनिवेशीकरण का प्रारंभिक बिंदु माना जाता है।
3. असहयोग आन्दोलन की प्रकृति एवं परिणामों का वर्णन करें।
उत्तर — असहयोग आन्दोलन (1920–22) महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया एक अहिंसात्मक आन्दोलन था जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के साथ सहयोग समाप्त कर स्वराज की प्राप्ति करना था। यह असहयोग के सिद्धांत पर आधारित था जिसमें सरकारी नौकरियों, शिक्षा संस्थानों, न्यायालयों तथा विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार किया गया। इस आन्दोलन में किसानों, छात्रों, श्रमिकों और महिलाओं ने व्यापक भागीदारी की। यह भारत के इतिहास में पहली बार था जब जनसामान्य ने संगठित रूप से औपनिवेशिक शासन का विरोध किया।
हालाँकि, चौरी चौरा की हिंसक घटना के बाद गांधीजी ने इसे स्थगित कर दिया। परिणामस्वरूप, यह आन्दोलन यद्यपि तात्कालिक रूप से सफल नहीं हुआ, पर इसने जनचेतना को जाग्रत किया, कांग्रेस को जन आन्दोलन में परिवर्तित किया तथा ब्रिटिश शासन की नैतिक वैधता को चुनौती दी।
अथवा, सिन्धु घाटी सभ्यता की नगर योजना की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर — सिन्धु घाटी सभ्यता की नगर योजना अत्यंत सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक थी। इसके नगर दो भागों में विभाजित थे—ऊपरी दुर्ग क्षेत्र (Acropolis) और निचला नगर क्षेत्र। ऊपरी भाग में प्रशासनिक और धार्मिक इमारतें होती थीं, जबकि निचले भाग में आम जनता का निवास था। सड़कें सीधी, चौड़ी और एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं, जिससे ग्रिड-पद्धति स्पष्ट होती है। घरों में पक्की ईंटों का प्रयोग, निजी कुएँ और स्नानागार उपलब्ध थे। मोहनजोदड़ो का विशाल स्नानागार इस योजना का प्रमुख उदाहरण है। जल निकासी प्रणाली अद्भुत थी—हर घर से निकलने वाला पानी खुले नालों से होकर मुख्य नालियों में जाता था। नालियाँ ढकी हुई थीं और सफाई के लिए मैनहोल बनाए गए थे। अन्नागार, कार्यशालाएँ, और गोदाम जैसी सुविधाएँ भी नगर योजना में सम्मिलित थीं। यह योजना सभ्यता की उच्च तकनीकी, सामाजिक और प्रशासनिक समझ को दर्शाती है।
4. बौद्ध धर्म के पतन के कारण लिखिए।
उत्तर — बौद्ध धर्म के पतन के अनेक कारण थे जो धार्मिक, सामाजिक एवं राजनीतिक थे।
प्रारंभ में बौद्ध धर्म सरल, नैतिक जीवन एवं ध्यान पर आधारित था, लेकिन कालांतर में यह भी कर्मकांडों में उलझ गया। महायान शाखा में मूर्ति पूजा एवं जटिल दर्शन के प्रवेश ने आमजन से इसकी दूरी बढ़ा दी। संस्कृत के प्रयोग के कारण यह धर्म जनसाधारण की पहुँच से दूर हो गया। बौद्ध संघों में भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता भी बढ़ती गई। हिंदू धर्म के पुनरुत्थान और भक्ति आंदोलन ने भी बौद्ध धर्म की लोकप्रियता को घटाया। तुर्क आक्रमणों में बौद्ध मठों का विध्वंस हुआ और भिक्षुओं की हत्याएँ हुईं। इन सब कारणों से भारत में बौद्ध धर्म धीरे-धीरे लुप्त हो गया, हालाँकि यह विदेशों में फैल गया।
अथवा, भक्ति आन्दोलन के प्रमुख प्रभावों का वर्णन करें।
उत्तर — भक्ति आन्दोलन ने भारतीय समाज में गहरा प्रभाव डाला। इसने धर्म को कर्मकांड से मुक्त कर सीधा ईश्वर से संबंध स्थापित करने की प्रेरणा दी। संत कबीर, रविदास, तुलसीदास, सूरदास, मीराबाई, नामदेव, एकनाथ आदि संतों ने जातिवाद, छुआछूत और धार्मिक पाखंड का विरोध किया। भक्ति आन्दोलन ने सरल भाषा—हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु आदि में आध्यात्मिक विचारों को प्रस्तुत किया, जिससे आम जनमानस भी जुड़ा। इसने हिन्दू और मुस्लिम समुदायों के बीच साम्प्रदायिक सद्भाव बढ़ाने का प्रयास किया। दक्षिण भारत में आलवार और नायनार भक्तों के माध्यम से यह आन्दोलन प्रारंभ हुआ और बाद में उत्तर भारत में व्यापक रूप से फैला। भक्त संतों की रचनाएँ भारतीय साहित्य का अमूल्य धरोहर बनीं। यह आन्दोलन भारतीय समाज में सामाजिक सुधार, धार्मिक सहिष्णुता और व्यक्तिगत ईश्वर भक्ति को बढ़ावा देने में सफल रहा।
5. विजयनगर साम्राज्य की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन करें।
उत्तर — विजयनगर साम्राज्य (1336–1646 ई.) दक्षिण भारत का एक समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से संपन्न साम्राज्य था। इसकी राजधानी हम्पी स्थापत्य, संगीत, चित्रकला और साहित्य की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध थी। राजा कृष्णदेव राय स्वयं एक विद्वान और कवि थे जिन्होंने संस्कृत और तेलुगु को संरक्षण दिया। इस काल में दक्षिण भारतीय मंदिर स्थापत्य कला चरम पर पहुँची, जैसे—विट्ठल मंदिर एवं हजारा राम मंदिर। गोपुरम, मंडप, स्तंभ और विस्तृत मूर्तिकला इस काल की विशेषताएँ थीं। इस साम्राज्य ने धर्मनिरपेक्षता का समर्थन किया और सभी धर्मों को संरक्षण प्रदान किया। संस्कृति, शिक्षा और धार्मिक सहिष्णुता का संतुलन इस काल की विशेषता थी, जिससे यह दक्षिण भारत के स्वर्णयुग के रूप में प्रसिद्ध हुआ।
अथवा, स्थायी बन्दोबस्त से आप क्या समझते हैं ? इसके लाभ एवं हानियों का वर्णन करें।
उत्तर — स्थायी बन्दोबस्त एक भू-राजस्व प्रणाली थी जिसे लॉर्ड कॉर्नवालिस ने 1793 में बंगाल, बिहार और ओड़िशा में लागू किया। इसके अंतर्गत ज़मींदारों को भूमि का स्वामी माना गया और उनसे निश्चित राजस्व लिया जाने लगा जो स्थायी (Permanent) था। ज़मींदारों को यह व्यवस्था उत्तराधिकार के रूप में मिली।
लाभ:
कंपनी को निश्चित और नियमित राजस्व मिलने लगा। ज़मींदारों को भूमि स्वामी बनाकर अंग्रेजों ने उनके सहयोग को सुनिश्चित किया। इससे प्रशासनिक सुविधा और कर संग्रहण की प्रक्रिया आसान हुई।
हानियाँ:
किसानों पर अत्यधिक बोझ पड़ा क्योंकि ज़मींदार उनसे मनमाना लगान वसूलते थे। कृषि सुधार की कोई पहल नहीं हुई क्योंकि ज़मींदार केवल राजस्व वसूली में रुचि रखते थे। इससे किसान वर्ग का भारी शोषण हुआ और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। यह व्यवस्था सामंतवादी प्रवृत्ति को बढ़ावा देने वाली सिद्ध हुई।
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