Bihar Board Class 10th Geography : प्रिय विद्यार्थीयों, “Mindbloom Study” (#1 Online Study Portal For Bihar Board Exams) आपके लिए लाया है बिहार बोर्ड Class 10th भूगोल अध्याय 11 “बिहार (Bihar) : खनिज एवं ऊर्जा संसाधन (Minerals And Energy Resources)” का Objective & Subjective Answer Question
One Liner Objectives
- खनिज संपदा की उपलब्धता किसी भी क्षेत्र के लिए होता है? उत्तर — आर्थिक विकास का सूचक
- बिहार विभाजन के बाद खनिज संपन्न क्षेत्र कहाँ चला गया है? उत्तर — झारखंड
- देश के खनिज संसाधन का भंडार का लगभग कितना प्रतिशत बिहार में है? उत्तर — एक प्रतिशत से भी कम
- बिहार का सबसे महत्वपूर्ण खनिज है? उत्तर — पाइराइट और चुना–पत्थर
- बिहार के धात्विक खनिज में पाया जाता है? उत्तर — बॉक्साइट, मेग्नेटाइट और सोना
- बिहार में बॉक्साइट मुख्य रूप से मिलता है? उत्तर — गया, जमुई और बाँका
- बिहार में मेग्नेटाइट मुख्य रूप से मिलता है? उत्तर — बिहार के पहाड़ी क्षेत्र में
- बिहार में सोना अयस्क मुख्य रूप से मिलता है? उत्तर — दक्षिणी बिहार की नदियों के बालू के रेत के साथ
- बिहार में सोना अयस्क से प्रतिटन शुद्ध सोना प्राप्त होता है? उत्तर — मात्र 0.1 से 0.6 ग्राम
- बिहार के अधात्विक खनिज में पाया जाता है? उत्तर — चूना–पत्थर, अभ्रक, डोलोमाइट, सिलिका सैंड, पाइराइट, क्वाटर्ज, फेल्सपार, चीनी मिट्टी, स्लेट एवं शोरा
- बिहार में चूना-पत्थर मुख्य रूप से मिलता है? उत्तर — कैमूर एवं रोहतास
- चूना-पत्थर का उपयोग मुख्य रूप से किस उद्योग में होता है? उत्तर — सीमेंट उद्योग
- बिहार में अभ्रक मुख्य रूप से मिलता है? उत्तर — नवादा, जमुई एवं बाँका
- बिहार में कौन-सा अभ्रक पाया जाता है? उत्तर — मस्कोव्हाइट अभ्रक
- अभ्रक के मुख्य तीन प्रकार होता है? उत्तर — मस्कोव्हाइट (Muscovite), फ्लोगोफाइट (Phlogopite) एवं बायोटाइट (Biotite)
- मस्कोव्हाइट अभ्रक को किस नाम से जाना जाता है? उत्तर — बंगाल रूबी (Bengal Rubiy)
- बिहार में डोलोमाइट मुख्य रूप से मिलता है? उत्तर — कैमूर एवं रोहतास
- बिहार में पाइराइट मुख्य रूप से मिलता है? उत्तर — रोहतास का अमझोर पहाड़ी एवं कैमूर
- बिहार में क्वाटर्ज की खानें है? उत्तर — गया, नवादा, मुंगेर एवं बाँका
- बिहार में फेल्सपार पाया जाता है? उत्तर — दक्षिणी जिलों में
- बिहार में चीनी मिट्टी का भंडार है? उत्तर — भागलपुर, मुंगेर एवं बाँका
- बिहार में स्लेट का भंडार है? उत्तर — लक्खीसराय, मुंगेर और भागलपुर
- बिहार में शोरा पाया जाता है? उत्तर — सारण, पूर्वी–पश्चिमी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, पटना, नालन्दा, जहानाबाद और औरंगाबाद
- बिहार में ग्रेफाइट मिलता है? उत्तर — मुंगेर एवं रोहतास
- ग्रेफाइट को किस नाम से जाना जाता है? उत्तर — ब्लैक लीड (Black lead) या Plumbgo
- बिहार में खनिज तेल मिलने की संभावनाएँ है? उत्तर — गंगा के द्रोणी में
- बिहार में ग्रेनाइट का भंडार है? उत्तर — गया, जहानाबाद, अरवल, मुंगेर, जमुई, नवादा, भागलपुर और बाँका
- कहलगाँव तापीय विद्युत परियोजना (2340 मेगावाट) किस जिला में अवस्थित है? उत्तर — भागलपुर
- कांटी तापीय विद्युत परियोजना (1902 मेगावाट) किस जिला में अवस्थित है? उत्तर — मुजफ्फरपुर
- बरौनी तापीय विद्युत परियोजना (2250 मेगावाट) किस जिला में अवस्थित है? उत्तर — बेगूसराय
- नबीनगर तापीय विद्युत परियोजना (2400 मेगावाट) किस जिला में अवस्थित है? उत्तर — औरंगाबाद
- बाढ़ तापीय विद्युत परियोजना (1320 मेगावाट) किस जिला में अवस्थित है? उत्तर — पटना
- बिहार राज्य जल विद्युत निगम (BHPC) का गठन कब किया गया था? उत्तर — 1982
- बिहार की सबसे बड़ी तापीय विद्युत परियोजना है? उत्तर — कहलगाँव सुपर थर्मल पावर
- कहलगाँव सुपर थर्मल पावर की स्थापना कब की गई थी? उत्तर — 1979
- बरौनी ताप विद्युत परियोजना की स्थापना कब की गई थी? उत्तर — 1970
- बिहार में कार्यरत जल-विद्युत परियोजनाओं की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता कितनी है? उत्तर — 44.20 मेगावाट
- बिहार में BHPC द्वारा वृहत परियोजनाओं की संख्या कितनी है? उत्तर — 10
Subjective Answer Question
BQ) अभ्रक कहाँ मिलता है? इसका क्या उपयोग है ?
उत्तर — बिहार के गया, मुंगेर एवं भागलपुर जिलों से अबरक प्राप्त होता है । इसका उपयोग बिजली उद्योग, वायुयान और रेडियो-निर्माण में किया जाता है ।
BQ) बिहार में ग्रेफाइट एवं यूरेनियम के वितरण को लिखिए ।
उत्तर — बिहार में ग्रेफाइट का मुख्य वितरण पलामू जिले में है, जबकि यूरेनियम के कोई बड़े भंडार ज्ञात नहीं हैं, लेकिन गया और मुंगेर जिलों में इसकी उपस्थिति संभावित है। हाल के वर्षों में, बिहार के कई जिलों के भूजल में यूरेनियम की चिंताजनक मात्रा पाई गई है।
BQ) बिहार में तापीय विद्युत केन्द्रों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर — बिहार में निम्नलिखित तापीय विद्युत केन्द्र है –
1. कहलगाँव तापीय विद्युत परियोजना (2340 मेगावाट) भागलपुर में स्थित है ।
2. कांटी तापीय विद्युत परियोजना (1902 मेगावाट) मुजफ्फरपुर में स्थित है ।
3. बरौनी तापीय विद्युत परियोजना (2250 मेगावाट) बेगूसराय में स्थित है ।
4. नबीनगर तापीय विद्युत परियोजना (2400 मेगावाट) औरंगाबाद में स्थित है ।
5. बाढ़ तापीय विद्युत परियोजना (1320 मेगावाट) पटना में स्थित है ।
BQ) सोन नदी घाटी परियोजना से उत्पादित जल विद्युत का वर्णन कीजिए ।
उत्तर — सोन नदी घाटी परियोजना के अन्तर्गत जल-विद्युत उत्पादन के लिए शक्ति-गृहों की स्थापना की गई है, पश्चिमी नहर पर डेहरी के पास 6.6 मेगावाट उत्पादन क्षमता का शक्ति-गृह स्थापित है । इसी प्रकार पूर्वी नहर पर बारुण नामक स्थान पर 3.3 मेगावाट क्षमता का शक्ति-गृह निर्माण किया गया है । इस परियोजना के नवीनीकरण पर विचार किया जा रहा है ।
BQ) बिहार में जल विद्युत विकास पर प्रकाश डालिए ।
उत्तर — बिहार में जल विद्युत परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है, इसके विकास के लिए 1982 में बिहार राज्य जल विद्युत निगम का गठन किया गया था । इसके उत्पादन के लिए कई परियोजनाओं को बनाया गया है जिसमें सोन, कोसी और गण्डक नदी घाटी परियोजना प्रमुख हैं ।
BQ) बिहार में पाए जाने वाले खनिजों को वर्गीकृत कर किसी एक वर्ग के खनिज का वितरण एवं उपयोगिता को लिखिए ।
उत्तर — बिहार में पाए जाने वाले खनिजों को मुख्य रूप से तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है –
i) धात्विक खनिज (Metallic Minerals) :- ये वे खनिज हैं जिनसे धातुएँ प्राप्त होती हैं। उदाहरण: बॉक्साइट, लौह अयस्क (हेमेटाइट, मैग्नेटाइट), मैंगनीज।
ii) अधात्विक खनिज (Non-metallic Minerals) :- ये वे खनिज हैं जिनसे धातुएँ प्राप्त नहीं होतीं। उदाहरण: चूना पत्थर, अभ्रक, डोलोमाइट, क्वार्ट्ज, चीनी मिट्टी, फेल्सपार, पायराइट।
iii) ईंधन खनिज (Fuel Minerals) :- ये वे खनिज हैं जिनका उपयोग ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जाता है। उदाहरण: कोयला। (वर्तमान में, बिहार में महत्वपूर्ण कोयला भंडार नहीं हैं क्योंकि अधिकांश कोयला क्षेत्र झारखंड के निर्माण के बाद अलग हो गए हैं)।
चूना पत्थर (Lime Stone)
चूना पत्थर बिहार में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण अधात्विक खनिज है।
वितरण: बिहार में चूना पत्थर का सबसे बड़ा भंडार कैमूर जिले की कैमूर पर्वतमाला (Kaimur Range) में पाया जाता है। यह क्षेत्र सोन घाटी के दक्षिण में स्थित है। इसके अलावा, रोहतास और औरंगाबाद जिले के कुछ हिस्सों में भी चूना पत्थर के भंडार मिलते हैं। रोहतास जिले का डालमियानगर क्षेत्र चूना पत्थर आधारित उद्योगों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
उपयोगिता:
i) सीमेंट उद्योग :- यह चूना पत्थर का सबसे प्रमुख उपयोग है। चूना पत्थर सीमेंट का मुख्य कच्चा माल है। बिहार में डालमियानगर और कल्याणपुर जैसे स्थानों पर चूना पत्थर पर आधारित सीमेंट उद्योग स्थापित हैं।
ii) लौह-इस्पात उद्योग :- चूना पत्थर का उपयोग लौह-अयस्क के प्रगलन (smelting) में एक गालक (flux) के रूप में किया जाता है, जो अशुद्धियों को दूर करने में मदद करता है।
iii) रासायनिक उद्योग :- इसका उपयोग सोडा ऐश, कास्टिक सोडा, ब्लीचिंग पाउडर और कैल्शियम कार्बाइड जैसे रसायनों के उत्पादन में होता है।
iv) कृषि :- मिट्टी की अम्लता (acidity) को कम करने के लिए कृषि में इसका उपयोग किया जाता है।
v) भवन निर्माण :- इसका उपयोग इमारती पत्थर के रूप में और घरों की पुताई (whitewashing) के लिए भी होता है।
vi) चीनी उद्योग :- चीनी मिलों में गन्ने के रस को शुद्ध करने के लिए चूना पत्थर का उपयोग किया जाता है।
vii) चमड़ा उद्योग :- चमड़े के शोधन (tanning) और सफाई में इसका उपयोग होता है।
BQ) बिहार के प्रमुख ऊर्जा स्रोतों का वर्णन कीजिए और किसी एक स्रोत का विस्तार से चर्चा कीजिए ।
उत्तर — बिहार में ऊर्जा के प्रमुख स्रोतों को मोटे तौर पर दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है –
i) पारंपरिक ऊर्जा स्रोत (Conventional Energy Sources)
a) ताप विद्युत (Thermal Power) :- यह बिहार में बिजली उत्पादन का सबसे बड़ा स्रोत है। इन संयंत्रों में कोयला या गैस का उपयोग बिजली बनाने के लिए किया जाता है। प्रमुख संयंत्र: कहलगाँव सुपर थर्मल पावर स्टेशन (NTPC), कांटी थर्मल पावर स्टेशन (मुजफ्फरपुर), बरौनी ताप विद्युत परियोजना (बेगूसराय), बाढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन (NTPC), नबीनगर थर्मल पावर स्टेशन (औरंगाबाद)।
b) जल विद्युत (Hydro Power) :- नदियों के बहते पानी का उपयोग करके बिजली का उत्पादन किया जाता है। प्रमुख संयंत्र: कोसी परियोजना (कटैया), सोन परियोजना, पूर्वी गंडक नहर जलविद्युत परियोजना।
ii) गैर-पारंपरिक या नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (Non-conventional or Renewable Energy Sources):
a) सौर ऊर्जा (Solar Energy) :- बिहार में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं और सरकार इस पर विशेष ध्यान दे रही है।
b) बायोमास (Biomass) :- कृषि अवशेषों और जैविक कचरे से बिजली का उत्पादन।
c) पवन ऊर्जा (Wind Energy) :- हालांकि इसकी क्षमता सीमित है, फिर भी कुछ क्षेत्रों में पवन ऊर्जा की संभावनाओं का पता लगाया जा रहा है।
सौर ऊर्जा (Solar Energy) – विस्तार से चर्चा
बिहार में सौर ऊर्जा एक महत्वपूर्ण और उभरता हुआ ऊर्जा स्रोत है, जिसका भविष्य उज्ज्वल है। इसके विकास के कई कारण हैं –
i) अपार संभावनाएँ: बिहार एक उष्णकटिबंधीय (tropical) क्षेत्र में स्थित है, जहां साल भर पर्याप्त धूप उपलब्ध रहती है। इससे सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनती हैं। राज्य में नदियों, नहरों और तालाबों का एक बड़ा नेटवर्क है, जहाँ फ्लोटिंग सौर संयंत्र (floating solar plants) स्थापित करने की योजना है। यह भूमि के उपयोग को कम करने के साथ-साथ पानी के वाष्पीकरण को भी कम करने में सहायक होगा।
ii) सरकारी पहल और योजनाएँ: a) मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना :- ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सौर ऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइटें लगाने की योजना। b) बिहार सोलर रूफटॉप योजना :- घरों की छतों पर सौर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान करना। c) मेगा सोलर पार्क परियोजनाएँ :- सरकार राज्य के विभिन्न जिलों में बड़े सौर पार्कों की स्थापना कर रही है, जिससे बड़े पैमाने पर बिजली का उत्पादन किया जा सके।
– : समाप्त : –
