Bihar Board Class 12th History 2016 Question Answer : प्रिय विद्यार्थीयों, “Mindbloom Study” (#1 Online Study Portal For Bihar Board Exams) आपके लिए लाया है Bihar Board Class 12th History 2016 PYQ Paper ।
खण्ड – अ (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
1. हड़प्पा किस नदी के किनारे स्थित है ?
(A) सिन्धु
(B) व्यास
(C) सतलज
(D) रावी
2. लोथल स्थित है ?
(A) गुजरात में
(B) पश्चिम बंगाल में
(C) राजस्थान में
(D) पंजाब में
3. प्राचीन भारत में ‘धम्म’ की शुरुआत किस शासक ने की थी ?
(A) चन्द्रगुप्त मौर्य
(B) चन्द्रगुप्त-II
(C) अशोक
(D) कनिष्क
4. ‘भारत का नेपोलियन’ किस शासक को कहा जाता है ?
(A) अशोक
(B) समुद्रगुप्त
(C) अकबर
(D) चन्द्रगुप्त मौर्य
5. महाभारत किसने लिखा ?
(A) वाल्मीकि
(B) मनु
(C) कौटिल्य
(D) वेद व्यास
6. ‘अर्थशास्त्र’ के लेखक कौन हैं ?
(A) मनु
(B) वाल्मीकि
(C) वेदव्यास
(D) कौटिल्य
7. चौथी बौद्ध संगीति किस शासक के काल में हुआ था ?
(A) अशोक
(B) कालाशोक
(C) अजातशत्रु
(D) कनिष्क
8. प्रयाग प्रशस्ति की रचना किसने की थी ?
(A) बाणभट्ट
(B) कालिदास
(C) हरिषेण
(D) तुलसीदास
9. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की ?
(A) देवराय I
(B) हरिहर एवं बुक्का
(C) कृष्णदेवराय
(D) सदाशिवराय
10. महावीर ने पार्श्वनाथ के सिद्धान्तों में नया सिद्धान्त क्या जोड़ा ?
(A) अहिंसा
(B) ब्रह्मचर्य
(C) सत्य
(D) उपरिग्रह
11. सिन्धु घाटी सभ्यता में विशाल स्नानागार के अवशेष कहाँ से प्राप्त हुए ?
(A) हड़प्पा
(B) मोहनजोदड़ो
(C) कालीबंगा
(D) लोथल
12. पुराणों की संख्या कितनी है ?
(A) 16
(B) 18
(C) 19
(D) 20
13. इब्न बतूता किस देश का निवासी था ?
(A) पुर्तगाल
(B) मोरक्को
(C) मिस्र
(D) फ्रांस
14. कुतुब मीनार का निर्माण किसने शुरू किया ?
(A) इल्तुतमिश
(B) जलालुद्दीन खिलजी
(C) कुतुबुद्दीन ऐबक
(D) रजिया
15. उत्तर भारत में भक्ति आन्दोलन का आरम्भ किस सन्त ने किया ?
(A) रामानंद
(B) कबीर
(C) चैतन्य
(D) नानक
16. कैप्टन हाकिन्स किस मुगल शासक के दरबार में आया ?
(A) अकबर
(B) जहाँगीर
(C) औरंगजेब
(D) शाहजहाँ
17. दीन-ए-इलाही सम्बन्धित है ?
(A) बाबर से
(B) हुमायूँ से
(C) अकबर से
(D) औरंगजेब से
18. स्थापत्य कला का सबसे अधिक विकास किसके समय में हुआ ?
(A) अकबर
(B) जहाँगीर
(C) शाहजहाँ
(D) औरंगजेब
19. भारत का अंतिम मुगल शासक कौन था ?
(A) शाहजहाँ
(B) मुहम्मद शाह
(C) औरंगजेब
(D) बहादुरशाह जफर
20. तलवंडी में किस प्रसिद्ध संत का जन्म हुआ था ?
(A) मीरा
(B) कबीर
(C) गुरु नानक
(D) रैदास
21. अकबर का संरक्षक कौन था ?
(A) बैरम खाँ
(B) अब्दुल रहीम
(C) मुनीम खाँ
(D) फैजी
22. आइन-ए-अकबरी किसने लिखा ?
(A) बाबर
(B) फैजी
(C) अबुल फजल
(D) बदायूँनी
23. तम्बाकू का सेवन सर्वप्रथम किस मुगल सम्राट ने किया ?
(A) अकबर
(B) बाबर
(C) शाहजहाँ
(D) जहाँगीर
24. औरंगजेब ने अपने जीवन का अन्तिम भाग बिताया ?
(A) पश्चिमी भारत में
(B) पूर्वी भारत में
(C) उत्तरी भारत में
(D) दक्षिणी भारत में
25. पानीपत का प्रथम युद्ध किस वर्ष हुआ था ?
(A) 1509 में
(B) 1526 में
(C) 1556 में
(D) 1761 में
26. मुस्लिम लीग की स्थापना किस वर्ष हुई थी ?
(A) 1902 में
(B) 1906 में
(C) 1907 में
(D) 1919 में
27. ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना कब हुई ?
(A) 1600 A.D.
(B) 1605 A.D.
(C) 1610 A.D.
(D) 1615 A.D.
28. 1920 में कौन आन्दोलन हुआ ?
(A) खिलाफत
(B) असहयोग
(C) सविनय अवज्ञा
(D) भारत छोड़ो
29. दांडी किस राज्य में स्थित है ?
(A) उत्तर प्रदेश
(B) बिहार
(C) गुजरात
(D) पंजाब
30. पूना समझौता किस वर्ष हुआ ?
(A) 1932 में
(B) 1934 में
(C) 1939 में
(D) 1942 में
31. ‘दिल्ली चलो’ का नारा किसने दिया ?
(A) गांधीजी
(B) राजेन्द्र प्रसाद
(C) जवाहरलाल नेहरू
(D) सुभाष चन्द्र बोस
32. ‘काला कानून’ किसे कहा गया ?
(A) रॉलेट एक्ट
(B) इल्वर्ट बिल
(C) वुड डिस्पैच
(D) बंगाल विभाजन
33. भारत छोड़ो आन्दोलन किस वर्ष हुआ ?
(A) 1920 में
(B) 1930 में
(C) 1935 में
(D) 1942 में
34. स्वतंत्र भारत का अन्तिम गवर्नर जनरल कौन था ?
(A) लार्ड माउन्टबेटन
(B) लार्ड कर्जन
(C) सी. राजगोपालाचारी
(D) इनमें कोई नहीं
35. संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे ?
(A) राजेन्द्र प्रसाद
(B) जवाहरलाल नेहरू
(C) सरदार पटेल
(D) बी.आर. अम्बेडकर
36. बिहार में चम्पारण सत्याग्रह कब शुरू हुआ ?
(A) 1905 में
(B) 1912 में
(C) 1917 में
(D) 1925 में
37. संथाल विद्रोह का नेता कौन था ?
(A) सिंधो
(B) चित्तर सिंह
(C) बिरसा मुण्डा
(D) इनमें से कोई नहीं
38. स्थायी बन्दोबस्त कहाँ लागू किया गया ?
(A) बंगाल
(B) पंजाब
(C) बम्बई
(D) इनमें से कोई नहीं
39. बिहार में 1857 के विद्रोह का प्रमुख नेता कौन था ?
(A) पीर अली
(B) कुंवर सिंह
(C) दिलीप सिंह
(D) बाजीराव
40. भारतीय संविधान के अनुसार संप्रभुता निहित है ?
(A) राष्ट्रपति में
(B) प्रधानमंत्री में
(C) न्यायपालिका में
(D) संविधान में
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लघु उत्तरीय प्रश्न
1. इतिहास लेखन में अभिलेखों का क्या महत्व है ?
उत्तर — अभिलेख इतिहास लेखन के प्राथमिक स्रोत होते हैं जो तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक व आर्थिक स्थितियों की जानकारी देते हैं। ये पत्थर, धातु या ताम्रपत्रों पर खुदे होते हैं। अशोक के शिलालेख, गुप्तकालीन अभिलेख इसके उदाहरण हैं।
2. हड़प्पावासियों द्वारा व्यवहृत सिंचाई के साधनों का उल्लेख करें।
उत्तर — हड़प्पावासियों ने सिंचाई के लिए नहरों, कुओं और जल संचयन संरचनाओं का प्रयोग किया। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा में कुएँ एवं नालियाँ सिंचाई की व्यवस्था में सहायक थीं। वे जल के संरक्षण और वितरण में कुशल थे।
3. गौतम बुद्ध के प्रमुख उपदेशों का वर्णन करें।
उत्तर — बुद्ध के उपदेश चार आर्य सत्यों और अष्टांगिक मार्ग पर आधारित थे। उन्होंने अहिंसा, करुणा, सत्य, सम्यक जीवन, समता और आत्मसंयम पर बल दिया। उन्होंने कर्म और पुनर्जन्म को जीवन के महत्वपूर्ण सिद्धांत माने।
4. मौर्यकालीन इतिहास के प्रमुख स्रोतों का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर — मौर्यकालीन इतिहास के प्रमुख स्रोतों में अशोक के अभिलेख, मेगस्थनीज का ग्रंथ ‘इंडिका’, अर्थशास्त्र (चाणक्य) और पुराण शामिल हैं। ये स्रोत शासन, प्रशासन, समाज और धर्म की जानकारी देते हैं।
5. विजयनगर की स्थापत्य कला की विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर — विजयनगर स्थापत्य में गोपुरम, स्तंभयुक्त मंडप और विस्तृत मंदिर परिसर प्रमुख हैं। पत्थर की सुंदर नक्काशी, रथ मंदिर और होज जैसे जलाशय इसकी विशिष्टताएँ हैं। हम्पी के मंदिर इसका उदाहरण हैं।
6. अकबर की धार्मिक नीति की विवेचना करें।
उत्तर — अकबर ने धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई जिसे ‘सुलह-ए-कुल’ कहा गया। उसने जजिया कर समाप्त किया, दीन-ए-इलाही की स्थापना की और विभिन्न धर्मों के विद्वानों से संवाद किया। यह नीति साम्प्रदायिक सौहार्द को बढ़ाती थी।
7. स्थायी बन्दोबस्त से कम्पनी को क्या लाभ हुए ?
उत्तर — स्थायी बन्दोबस्त से कंपनी को निश्चित एवं नियमित राजस्व प्राप्त हुआ। कर निर्धारण स्थायी होने से कंपनी की आय स्थिर रही और प्रशासनिक खर्च में कमी आई। इस व्यवस्था ने जमींदार वर्ग को भी मजबूत किया।
8. 1857 के विद्रोह के मुख्य कारण क्या थे ?
उत्तर — राजनीतिक विस्तार नीति, सामाजिक-धार्मिक हस्तक्षेप, आर्थिक शोषण, सैनिक भेदभाव और चर्बी लगे कारतूस का मुद्दा 1857 के विद्रोह के मुख्य कारण थे। यह विद्रोह सिपाहियों द्वारा मेरठ से शुरू हुआ।
9. रॉलेट एक्ट पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर — 1919 में पारित रॉलेट एक्ट के तहत सरकार को बिना मुकदमा चलाए किसी को गिरफ्तार करने और बंदी बनाने की शक्ति मिली। इस दमनकारी कानून का गांधीजी ने विरोध किया, जिससे असंतोष फैल गया।
10. भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को क्यों लागू किया गया ?
उत्तर — 26 जनवरी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1930 में ‘पूर्ण स्वराज’ दिवस मनाया था। इसी ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया, और भारत गणराज्य बना।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. हड़प्पा सभ्यता के पतन के प्रमुख कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर — हड़प्पा सभ्यता, जो लगभग 2500 ई.पू. से 1900 ई.पू. तक फली-फूली, धीरे-धीरे पतन की ओर बढ़ी। इसके पतन के कई कारण थे। सबसे प्रमुख कारण प्राकृतिक आपदाएँ मानी जाती हैं — बार-बार आने वाली बाढ़, भूकंप और जलवायु परिवर्तन ने जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। सरस्वती और अन्य नदियों का मार्ग बदलना या सूख जाना भी कृषि संकट का कारण बना। कुछ विद्वान आक्रमणकारी आर्यों के आगमन को भी एक कारण मानते हैं, जिन्होंने संभवतः इस सभ्यता को नष्ट किया। व्यापारिक गतिविधियों में गिरावट और बाहरी संपर्कों का टूटना भी आर्थिक संकट लाया। नगरों की जनसंख्या में गिरावट और सामाजिक व्यवस्था में असंतुलन स्पष्ट रूप से पतन का संकेत देते हैं। इन सबके सम्मिलित प्रभाव से हड़प्पा सभ्यता का नगर जीवन समाप्त हुआ और लोग छोटे ग्रामीण बस्तियों में बसने लगे।
अथवा, हड़प्पा सभ्यता के विस्तार की विवेचना करें।
उत्तर — हड़प्पा सभ्यता, जिसे सिंधु घाटी सभ्यता भी कहते हैं, एक विशाल और सुनियोजित नगर सभ्यता थी, जिसका विस्तार आज के पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत तक था। यह लगभग 1300 से अधिक स्थलों तक फैली हुई थी। इसका विस्तार पश्चिम में मकरण तट (बलूचिस्तान) से लेकर पूर्व में उत्तर प्रदेश के मेरठ और आलमगीरपुर तक तथा उत्तर में जम्मू-कश्मीर के मांडा से लेकर दक्षिण में गुजरात के लोथल और दाइमाबाद तक था। प्रमुख स्थल थे — हड़प्पा (पाकिस्तान), मोहनजोदड़ो, चन्हुदड़ो, राखीगढ़ी (हरियाणा), कालीबंगा (राजस्थान), लोथल और धोलावीरा (गुजरात)। इन स्थलों से मिले प्रमाण जैसे — पक्की ईंटों से बने घर, नालियाँ, अन्नागार, मोहरें, तौल, मृदभांड, और हस्तशिल्प — इस सभ्यता की उन्नत नगर व्यवस्था और व्यापारिक संस्कृति को दर्शाते हैं। इस प्रकार, हड़प्पा सभ्यता एक विस्तृत, नगरीकृत और सुनियोजित संस्कृति थी, जो सिंधु-सरस्वती घाटी में विकसित हुई।
2. मगध साम्राज्य के उत्थान के क्या कारण थे ?
उत्तर — मगध भारत के 16 महाजनपदों में सबसे शक्तिशाली बनकर उभरा और आगे चलकर मौर्य साम्राज्य जैसी महान शक्ति का केंद्र बना। इसके उत्थान के कई कारण थे। भौगोलिक दृष्टि से यह गंगा और सोन नदियों के जलोढ़ मैदान में स्थित था, जहाँ उपजाऊ भूमि और जल की प्रचुरता थी। लोहे की उपलब्धता ने सैन्य शक्ति को बढ़ाया। मगध के पास हाथी बड़ी संख्या में थे जो युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाते थे। राजनीतिक रूप से मगध में बिंबिसार और अजातशत्रु जैसे कुशल और महत्वाकांक्षी शासक हुए, जिन्होंने युद्ध और विवाह-संधियों से साम्राज्य का विस्तार किया। सुदृढ़ प्रशासन, कर व्यवस्था और केंद्रीकृत शासन प्रणाली ने भी मगध को सुदृढ़ बनाया। व्यापार मार्गों पर नियंत्रण ने आर्थिक समृद्धि को बढ़ाया और मगध को एक शक्तिशाली साम्राज्य बना दिया।
अथवा, सूफीवाद पर संक्षिप्त लेख लिखें।
उत्तर — सूफीवाद इस्लाम की रहस्यवादी शाखा है, जो प्रेम, सहिष्णुता और आत्मिक भक्ति पर बल देता है। यह 8वीं सदी में पश्चिम एशिया में आरंभ हुआ और 11वीं सदी में भारत में आया। सूफी संतों का विश्वास था कि ईश्वर को केवल दिल से प्रेम और भक्ति के माध्यम से पाया जा सकता है, न कि केवल धार्मिक कर्मकांडों से। इन्होंने धर्मनिरपेक्षता, मानवता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा दिया। प्रमुख सूफी संत जैसे — ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, निजामुद्दीन औलिया, शेख सलीम चिश्ती आदि ने अपने उपदेशों और संगीत (कव्वाली) के माध्यम से आम जनता से संवाद किया। सूफीवाद ने हिंदू- मुस्लिम एकता को भी प्रोत्साहित किया और भक्ति आंदोलन पर भी प्रभाव डाला। इन संतों की खानकाहें (मठ) सामाजिक सहयोग के केंद्र बन गईं।
इस प्रकार, सूफीवाद भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयाम बन गया।
3. अकबर की मनसबदारी व्यवस्था की विवेचना करें।
उत्तर — अकबर की मनसबदारी व्यवस्था प्रशासनिक और सैन्य ढांचे की रीढ़ थी। ‘मनसब’ का अर्थ है ‘पद’ और इस प्रणाली के अंतर्गत अधिकारियों को रैंक दी जाती थी। यह दो भागों में विभाजित थी — ज़ात (व्यक्तिगत रैंक) और सवार (सैनिकों की संख्या)। मनसबदारों को राज्य की ओर से वेतन या जागीर मिलती थी, जिससे वे सैनिकों का रखरखाव करते थे। जागीरदार कर वसूलते थे लेकिन भूमि उनके स्वामित्व में नहीं होती थी। इस व्यवस्था से शासक को एक केंद्रीकृत सैन्य बल मिला तथा प्रांतों में नियंत्रण मजबूत हुआ। इससे भेदभाव की भावना भी कम हुई, क्योंकि हिंदू और मुस्लिम दोनों को मनसबदार बनाया गया। हालाँकि, यह प्रणाली जागीरों के अत्यधिक दोहन और भ्रष्टाचार की ओर भी अग्रसर हुई। फिर भी, यह मुग़ल प्रशासन की स्थायित्व की एक प्रमुख वजह बनी।
अथवा, मुगल काल में जमींदारों की स्थिति का वर्णन करें।
उत्तर — मुगल काल में जमींदार वे व्यक्ति थे जो किसानों से लगान वसूलते थे और शासक को नियमित कर देते थे। वे गाँवों और प्रांतों में स्थानीय शक्ति के प्रतिनिधि थे। अकबर के काल में जमींदारों को प्रशासनिक मान्यता मिली और इन्हें भूमि पर कुछ अधिकार प्राप्त थे, परंतु भूमि का स्वामित्व राज्य का ही माना जाता था। जमींदार प्रायः स्थानीय कुलीन वर्ग, राजपूत, अफगान, या कभी-कभी उच्चवर्गीय कृषक होते थे। उन्होंने कृषि सुधार, सिंचाई एवं सुरक्षा जैसे स्थानीय कार्यों में भूमिका निभाई, परंतु कई बार अधिक कर वसूली के कारण किसानों के साथ उनका टकराव भी होता था। जहाँ कुछ जमींदार राजस्व व्यवस्था को स्थायित्व प्रदान करते थे, वहीं कुछ विद्रोह या असंतोष का कारण भी बने। इस प्रकार, जमींदार मुगल प्रशासन की एक अनिवार्य किंतु द्वैध भूमिका निभाने वाली कड़ी थे — एक ओर सहयोगी, दूसरी ओर चुनौती।
4. आधुनिक भारत के निर्माण में डा. बी.आर. अम्बेडकर की देनों का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर — डॉ. भीमराव अंबेडकर आधुनिक भारत के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाने वाले एक समाजसुधारक, विधिवेत्ता और संविधान-निर्माता थे। वे भारत के संविधान के प्रधान वास्तुकार थे। उन्होंने एक लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और सामाजिक न्याय पर आधारित संविधान का निर्माण किया। उन्होंने दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की पैरवी की और संविधान में आरक्षण व्यवस्था के माध्यम से सामाजिक समता का मार्ग प्रशस्त किया। डॉ. अंबेडकर ने ‘अनछुए भारत’ को न्याय दिलाने की दिशा में आंदोलनात्मक भूमिका निभाई। वे महिलाओं के अधिकारों, श्रमिक कानूनों और धार्मिक स्वतंत्रता के प्रबल समर्थक थे। उनकी सोच ने भारत को एक न्यायपूर्ण और समतामूलक समाज की ओर अग्रसर किया। वे आधुनिक भारत की सामाजिक संरचना को पुनर्गठित करने वाले महान विचारक थे।
अथवा, गोल मंज सम्मेलन क्यों आयोजित किए गए ? इनके कार्यों की विवेचना करें।
उत्तर — गोलमेज सम्मेलन ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत की भविष्य की संवैधानिक व्यवस्था पर विचार करने के लिए 1930–1932 के बीच तीन बार लंदन में आयोजित किए गए। पहला सम्मेलन (1930) कांग्रेस के बहिष्कार के कारण प्रभावहीन रहा। दूसरा सम्मेलन (1931) सबसे महत्वपूर्ण था, जिसमें गांधीजी ने महात्मा गांधी-इरविन समझौते के बाद भाग लिया। इसमें अल्पसंख्यकों, दलितों, प्रांतों की स्वायत्तता आदि पर चर्चा हुई। परंतु दलित प्रतिनिधि डॉ. अम्बेडकर और गांधीजी के बीच संप्रेषणीयता का अभाव था। तीसरा सम्मेलन (1932) बिना कांग्रेस की भागीदारी के हुआ और प्रभावशाली निर्णय नहीं हो सका। इन सम्मेलनों का परिणाम था — कम्युनल अवार्ड, भारत सरकार अधिनियम 1935 की नींव, और कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग के बीच मतभेदों का बढ़ना। अतः गोलमेज सम्मेलन संवैधानिक संवाद का प्रयास था, परंतु यह भारत की वास्तविक आकांक्षाओं को पूर्ण नहीं कर सका।
5. भारत छोड़ो आन्दोलन के कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर — भारत छोड़ो आंदोलन 8 अगस्त 1942 को गांधीजी के नेतृत्व में शुरू हुआ। इसके पीछे कई प्रमुख कारण थे। द्वितीय विश्व युद्ध में भारत को बिना सहमति शामिल किया गया, जिससे जनआक्रोश बढ़ा। ब्रिटिश शासन की दोहरी नीति और साम्राज्यवादी रवैये से भारतीय असंतोष गहरा गया। क्रिप्स मिशन की असफलता ने भी आंदोलन को बल दिया, क्योंकि भारतीयों को सत्ता हस्तांतरण का कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। गांधीजी का नारा ‘करो या मरो’ जनता के आक्रोश का प्रतीक बन गया। युद्धकालीन कठिनाइयाँ, खाद्यान्न संकट, महँगाई और बेरोजगारी से जनता में असंतोष था। अंततः भारत छोड़ो आंदोलन ने ब्रिटिश सत्ता की नींव हिला दी और स्वतंत्रता के मार्ग को निर्णायक रूप से प्रशस्त किया।
अथवा, भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में महात्मा गाँधी के योगदान का वर्णन करें।
उत्तर — महात्मा गाँधी भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के केंद्रीय नेता थे, जिन्होंने सत्य, अहिंसा और जन-सहभागिता के सिद्धांतों के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम को जनांदोलन में परिवर्तित कर दिया। 1915 में दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद उन्होंने भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई। 1917 में चम्पारण सत्याग्रह, 1918 में ख़ेड़ा सत्याग्रह, और अहमदाबाद मिल मज़दूर हड़ताल के माध्यम से उन्होंने किसानों और मज़दूरों की आवाज़ बुलंद की। 1919 में रॉलेट एक्ट का विरोध किया और 1920 में असहयोग आंदोलन चलाया। 1930 में उन्होंने नमक सत्याग्रह और दांडी यात्रा द्वारा ब्रिटिश शासन की आर्थिक नीतियों का विरोध किया। 1942 में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया। गाँधीजी ने राजनीतिक आंदोलनों को नैतिक और सामाजिक सुधारों से जोड़ा और विभिन्न वर्गों को एक मंच पर लाकर स्वतंत्रता संग्राम को सशक्त बनाया। उनका योगदान स्वतंत्रता आंदोलन में नैतिक शक्ति और जनचेतना का स्रोत रहा।
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