Bihar Board Class 12th History 2017 PYQ Paper

Bihar Board Class 12th History 2017 Question Answer : प्रिय विद्यार्थीयों, “Mindbloom Study” (#1 Online Study Portal For Bihar Board Exams) आपके लिए लाया है Bihar Board Class 12th History 2017 PYQ Paper ।

खण्ड – अ (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

1. सिन्धु घाटी सभ्यता में विशाल स्नानागार के अवशेष कहाँ से प्राप्त हुए थे ?
(A) हड़प्पा    
(B) मोहनजोदड़ो     
(C) कालीबंगा      
(D) लोथल

2. हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा नगर कौन है ?
(A) मोहनजोदड़ो     
(B) कालीबंगा     
(C) लोथल     
(D) रंगपुर

3. प्रयाग प्रशस्ति की रचना किसने की ?
(A) कालीदास      
(B) बाणभट्ट     
(C) हरिसेन      
(D) पतंजलि

4. भारतीय इतिहास का कौन-सा काल स्वर्ण काल के नाम से जाना जाता है ?
(A) मौर्य काल            
(B) गुप्त काल        
(C) मुगल काल          
(D) अंग्रेजों का काल

5. कनिष्क का राज्यारोहण कब हुआ था ?
(A) 48 ई० में   
(B) 78 ई० में   
(C) 88 ई० में   
(D) 98 ई० में

6. महाभारत का युद्ध कितने दिनों तक चला ?
(A) 15 दिन      
(B) 16 दिन      
(C) 17 दिन     
(D) 18 दिन

7. त्रिपिटक साहित्य संबंधित है ?
(A) जैन धर्म से           
(B) बौद्ध धर्म से        
(C) शैव धर्म से           
(D) वैष्णव धर्म से

8. स्तूप का सम्बन्ध किस धर्म से है ?
(A) बौद्ध धर्म से            
(B) जैन धर्म से        
(C) ब्राह्मण धर्म से         
(D) ईसाई धर्म से

9. महावीर ने पार्श्वनाथ के सिद्धान्तों में नया सिद्धान्त क्या जोड़ा ?
(A) अहिंसा       
(B) ब्रह्मचर्य       
(C) सत्य       
(D) उपरिग्रह

10. अलबरूनी किसके साथ भारत आया ?
(A) मुहम्मद बिन कासिम        
(B) महमूद गजनवी        
(C) मुहम्मद गोरी                
(D) तैमूर

11. दिल्ली से दौलताबाद किस शासक ने अपनी राजधानी परिवर्तित की?
(A) बलवन                     
(B) मुहम्मद तुगलक        
(C) अलाउद्दीन खिलजी         
(D) अकबर

12. इब्नबतूता ने अपनी यात्रा का विवरण लिखा था ?
(A) फारसी में     
(B) उर्दू में     
(C) अंग्रेजी में     
(D) अरबी में

13. हम्पी नगर किस साम्राज्य से सम्बन्धित है ?
(A) मौर्य साम्राज्य           
(B) गुप्त साम्राज्य        
(C) बहमनी साम्राज्य        
(D) विजयनगर साम्राज्य

14. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी ?
(A) 1347 में    
(B) 1325 में     
(C) 1336 में    
(D) 1348 में

15. विजयनगर के शासकों ने अपने आपको कहा
(A) राव          
(B) राज          
(C) सामन्त         
(D) राय

16. आइन-ए-अकबरी कितने भागों में विभक्त है ?
(A) दो            
(B) तीन           
(C) चार         
(D) पाँच

17. किस प्रशासकीय सुधार के लिए शेरशाह खास तौर पर जाना जाता है?
(A) बाजार नियंत्रण             
(B) भूमि सुधार व्यवस्था        
(C) मनसबदारी व्यवस्था        
(D) विधि नियंत्रण व्यवस्था

18. तम्बाकू का सेवन सर्वप्रथम किस मुगल सम्राट ने किया ?
(A) अकबर     
(B) जहाँगीर      
(C) शाहजहाँ      
(D) औरंगजेब

19. दीवान-ए-अशरफ का अर्थ है ?
(A) भूमि विभाग का अध्यक्ष         
(B) वन विभाग का अध्यक्ष        
(C) राजस्व विभाग का अध्यक्ष      
(D) सेना विभाग का अध्यक्ष

20. दीन-ए-इलाही सम्बन्धित है ?
(A) बाबर से    
(B) हुमायूँ से    
(C) अकबर से   
(D) जहाँगीर से

21. निम्नलिखित इतिहासकारों में से कौन अकबर के समकालीन था ?
(A) फरिश्ता    
(B) बदायूँनी    
(C) मुल्ला दाउद   
(D) मुहम्मद खाँ

22. अकबरनामा की रचना किसने की ?
(A) अमीर खुसरो  
(B) अलबरूनी   
(C) इब्नबतूता   
(D) अबुल फजल

23. पानीपत का प्रथम युद्ध किस वर्ष हुआ था ?
(A) 1509         
(B) 1526         
(C) 1556         
(D) 1561

24. ताजमहल का निर्माण किसने करवाया ?
(A) अकबर     
(B) जहाँगीर      
(C) औरंगजेब      
(D) शाहजहाँ

25. कैप्टन हाकिन्स किस मुगल शासक के दरबार में आया ?
(A) अकबर     
(B) जहाँगीर      
(C) औरंगजेब      
(D) शाहजहाँ

26. स्थायी बंदोबस्त संबंधित है ?
(A) वारेन हेस्टिंग्स से        
(B) लिटन से        
(C) रिपन से                
(D) कार्नवालिस से

27. संथाल विद्रोह कब हुआ ?
(A) 1832        
(B) 1841        
(C) 1851        
(D) 1855

28. महलवाड़ी व्यवस्था किसके द्वारा लागू की गई ?
(A) लार्ड डलहौजी        
(B) लार्ड वेलेसली        
(C) लार्ड बेंटिक          
(D) ऑकलैण्ड

29. कार्नवालिस कोड बना ?
(A) 1775 में    
(B) 1793 में    
(C) 1797 में    
(D) 1805 में

30. पुर्तगालियों ने गोवा पर कब अधिकार किया ?
(A) 1509        
(B) 1510        
(C) 1512        
(D) 1515

31. बंगाल विभाजन की घोषणा किस वर्ष हुई ?
(A) 1905       
(B) 1906       
(C) 1911       
(D) 1914

32. 1857 के गदर को किसने एक “क्रांति” कहा ?
(A) कार्ल मार्क्स              
(B) आर. सी. मजूमदार        
(C) जवाहरलाल नेहरू        
(D) टी. आर होम्स

33. वास्कोडिगामा कब भारत पहुँचा ?
(A) 17 मई 1498           
(B) 17 मार्च 1498        
(C) 17 मई 1598           
(D) 17 मार्च 1598

34. भारत में रेलवे की शुरूआत कब हुई ?
(A) 1753    
(B) 1793    
(C) 1853    
(D) इनमें से कोई नहीं

35. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई ?
(A) 1857        
(B) 1875        
(C) 1885        
(D) 1905

36. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक कौन थे ?
(A) वोमेश चन्द्र बनर्जी        
(B) ए. ओम ह्यूम        
(C) बिपिन चन्द्र पाल         
(D) बाल गंगाधर तिलक

37. सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ किसने किया ?
(A) गांधी जी                          
(B) जवाहरलाल नेहरू        
(C) मौलाना अबुल कलाम आजाद    
(D) सुभाषचन्द्र बोस

38. कैबिनेट मिशन योजना के अध्यक्ष कौन थे ?
(A) पैथिक लॉरेन्स           
(B) लुई फिशर        
(C) लॉर्ड वेवेल              
(D) स्टेफोर्ड क्रिप्स

39. भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम कब बना ?
(A) 4 जुलाई 1947           
(B) 18 जुलाई 1947        
(C) 20 जुलाई 1947         
(D) 15 अगस्त 1947

40. भारतीय संविधान कब लागू किया गया ?
(A) 26 नवम्बर 1949         
(B) 26 जनवरी 1950        
(C) 24 जनवरी 1950        
(D) 26 नवम्बर 1950

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लघु उत्तरीय प्रश्न

1. सिन्धु घाटी सभ्यता की नगर योजना का वर्णन करें।
उत्तर — सिन्धु घाटी सभ्यता में नगर नियोजन अत्यंत विकसित था। सड़कों की ग्रिड पद्धति, ईंटों से बने मकान, निकास व्यवस्था, स्नानागार और अन्नागार जैसे संरचनाएँ मिली हैं। हरपा और मोहनजोदड़ो जैसे नगरों में जल निकासी प्रणाली भी विशेष रूप से विकसित थी।

2. महाजनपद से आप क्या समझते हैं?
उत्तर — महाजनपद छठी शताब्दी ईसा पूर्व में भारत में उभरे बड़े राज्यों को कहते हैं। ये कुल 16 थे, जैसे मगध, कौशल, अवंति और वत्स। इन राज्यों में संगठित शासन प्रणाली और स्थायी सेनाएं थीं। ये राजनीतिक एकीकरण की दिशा में अग्रसर थे।

3. महावीर के उपदेशों का वर्णन करें।
उत्तर — महावीर ने सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य को पंच महाव्रत के रूप में बताया। उन्होंने कर्म और पुनर्जन्म को स्वीकारा तथा आत्मा की मुक्ति हेतु तपस्या, संयम और सत्य जीवन का प्रचार किया। उन्होंने जाति-भेद का विरोध कर समानता का संदेश दिया।

4. बलबन की उपलब्धियों का वर्णन करें।
उत्तर — बलबन (1266–1287 ई.) दिल्ली सल्तनत का सशक्त शासक था। उसने निष्ठावान सेना संगठित की, बारहसालियों को दबाया, न्याय व्यवस्था सुदृढ़ की और “जिल्ले-इलाही” की अवधारणा को बढ़ावा दिया। उसकी कठोर नीति ने सल्तनत को स्थायित्व प्रदान किया।

5. अल-बरूनी का एक संक्षिप्त परिचय दीजिये।
उत्तर — अल-बरूनी एक फारसी विद्वान था जो महमूद गज़नवी के साथ भारत आया। उसने भारत की संस्कृति, समाज, धर्म और विज्ञान पर ‘किताब-उल-हिन्द’ नामक पुस्तक लिखी। यह ग्रंथ तत्कालीन भारतीय समाज का महत्वपूर्ण विवरण प्रदान करता है।

6. चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य की उपलब्धियों का वर्णन करें।
उत्तर — चन्द्रगुप्त द्वितीय (380–415 ई.) गुप्त वंश का महान शासक था। उसने शक शासकों को हराया और उज्जैन को राजधानी बनाया। उसके शासन में कला, साहित्य और विज्ञान का उत्कर्ष हुआ। कालिदास जैसे विद्वान उसके दरबार में थे।

7. विजय नगर साम्राज्य की स्थापना किसने और कैसे की?
उत्तर — विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर और बुक्का ने 1336 ई. में की थी। उन्होंने दक्षिण भारत में बहमनी आक्रमणों का प्रतिरोध किया और हिन्दू संस्कृति की रक्षा के लिए सशक्त राज्य की नींव रखी। यह राज्य कला और प्रशासन के लिए प्रसिद्ध था।

8. मनसबदारी की मुख्य विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर — मनसबदारी मुगल प्रशासन की सैन्य एवं नागरिक व्यवस्था थी। इसमें अधिकारियों को ‘मनसब’ (पद) दिया जाता था, जो उनकी रैंक और वेतन दर्शाता था। यह प्रणाली अकबर द्वारा स्थापित की गई थी और इससे केंद्रीय शासन मजबूत हुआ।

9. भारत छोड़ो आन्दोलन की व्याख्या करें।
उत्तर — 1942 में गाँधी जी ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की शुरुआत की। इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन को समाप्त कर भारत को स्वतंत्र कराना था। आंदोलन ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया। यह जन आंदोलन तीव्र और व्यापक था, परंतु क्रूर दमन झेलना पड़ा।

10. स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका पर प्रकाश डालें।
उत्तर — महात्मा गाँधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को जन आंदोलन बनाया। उन्होंने सत्याग्रह, असहयोग, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे आंदोलनों का नेतृत्व किया। उन्होंने अहिंसा, स्वदेशी और सामाजिक सुधारों को संग्राम से जोड़ा और ब्रिटिश शासन को चुनौती दी।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. प्राचीन भारतीय इतिहास के अध्ययन के विभिन्न स्रोतों का वर्णन करें।
उत्तर — प्राचीन भारतीय इतिहास के अध्ययन हेतु विविध स्रोतों का उपयोग किया जाता है। मुख्यतः ये स्रोत दो प्रकार के होते हैं—साहित्यिक स्रोत और पुरातात्त्विक स्रोत। साहित्यिक स्रोतों में वेद, पुराण, महाकाव्य (रामायण, महाभारत), बौद्ध ग्रंथ (त्रिपिटक), जैन ग्रंथ (आगम) तथा संस्कृत, पालि, प्राकृत आदि में लिखे गए अन्य धार्मिक-धार्मिक ग्रंथ सम्मिलित हैं। विदेशी यात्रियों के विवरण (मेगस्थनीज़, फाहियान, ह्वेनसांग) भी महत्त्वपूर्ण हैं। पुरातात्त्विक स्रोतों में मुद्राएँ, अभिलेख, वास्तु, सिक्के और उपकरण आदि आते हैं। अशोक और सम्राटों के अभिलेख शासन व्यवस्था को समझने में सहायक हैं। सिंधु सभ्यता की खुदाई से प्राप्त वस्तुएँ उस युग के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन का चित्र प्रस्तुत करती हैं। सिक्कों से शासन की आर्थिक स्थिति, व्यापार और राजा की उपाधियाँ ज्ञात होती हैं। इन सभी स्रोतों के तुलनात्मक अध्ययन से ही प्राचीन भारतीय इतिहास की वस्तुनिष्ठ जानकारी प्राप्त होती है।

अथवा, चन्द्रगुप्त मौर्य की जीवनी एवं उपलब्धियों की विवेचना करें।
उत्तर — चन्द्रगुप्त मौर्य मौर्य वंश के संस्थापक थे। उन्होंने 322 ई.पू. में नंद वंश को पराजित कर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। चाणक्य (कौटिल्य) उनके प्रधान सलाहकार थे। उन्होंने सिकन्दर के सेनापति सेल्यूकस को हराया और पश्चिमोत्तर भारत पर अधिकार किया। चन्द्रगुप्त ने एक शक्तिशाली प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित की। उन्होंने राजधानी पाटलिपुत्र को राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र बनाया। चाणक्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र उनके शासन का दस्तावेज है। उन्होंने धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया और जैन धर्म अपनाकर दक्षिण भारत चले गए। उनके शासन में भारत का एकीकरण हुआ और मौर्य साम्राज्य भारतीय इतिहास का पहला विशाल केंद्रीयीकृत राज्य बना। चन्द्रगुप्त की उपलब्धियाँ न केवल राजनीतिक बल्कि प्रशासनिक दृष्टि से भी उल्लेखनीय थीं। उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में एक सशक्त और संगठित शासन की नींव रखी।

2. विजयनगर साम्राज्य के चरमोत्कर्ष एवं पतन पर एक संक्षिप्त निबंध लिखें।
उत्तर — विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में हरिहर और बुक्का ने की थी। कृष्णदेव राय (1509–1529) के काल में यह साम्राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचा। उन्होंने प्रशासन, युद्ध, कृषि, जलसंचयन, मंदिर निर्माण और साहित्य के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। हंपी जैसे नगर स्थापत्य कला के उत्कृष्ट उदाहरण बने। साम्राज्य की सीमाएँ कावेरी से गोदावरी तक फैलीं। विदेशी यात्रियों जैसे डॉमिंगो पेस ने भी इसकी समृद्धि का वर्णन किया। परंतु 1565 ई. के तालिकोटा युद्ध में मुस्लिम सल्तनतों के संघ ने विजयनगर को पराजित कर उसकी राजधानी को नष्ट कर दिया। इसके बाद साम्राज्य कमजोर होता गया और अंततः विघटित हो गया। इसके पतन के मुख्य कारणों में सामंतों की शक्ति में वृद्धि, उत्तर भारत की राजनीतिक अस्थिरता, बाहरी आक्रमण और नेतृत्व का अभाव शामिल थे। यद्यपि यह साम्राज्य नष्ट हुआ, परंतु इसकी सांस्कृतिक धरोहर दक्षिण भारत में आज भी जीवंत है।

अथवा, हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर — हड़प्पा सभ्यता (2600–1900 ई.पू.) सिंधु घाटी की एक प्रमुख नगर सभ्यता थी। इसकी प्रमुख विशेषता थी योजनाबद्ध नगर व्यवस्था जिसमें पक्की ईंटों से बने मकान, सीधी सड़कों का ग्रिड प्रारूप, जल निकासी प्रणाली और विशाल स्नानागार शामिल थे। मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, लोथल, कालीबंगा इसके प्रमुख स्थल थे। सभ्यता का आर्थिक आधार कृषि, पशुपालन, व्यापार और दस्तकारी था। लोग गेहूँ, जौ, तिल आदि उपजाते थे और घरेलू तथा विदेशी व्यापार करते थे। लेखन प्रणाली चित्रलिपि पर आधारित थी, जो अभी तक पूर्णतः पढ़ी नहीं जा सकी है। सामाजिक दृष्टि से समाज संगठित और स्तरीकृत था। धार्मिक जीवन में शिव जैसे देवता, मातृ देवी और पशुपूजा की प्रधानता थी। धातु कर्म, मनके, मृद्भांड और मूर्तिकला का उच्च विकास हुआ। यह सभ्यता भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीनतम उन्नत शहरी संस्कृति का प्रतीक है।

3. भक्ति आंदोलन के महत्व एवं प्रभाव की समीक्षा करें।
उत्तर — भक्ति आंदोलन मध्यकाल में धार्मिक-सामाजिक सुधार का महत्वपूर्ण आंदोलन था। इसका मुख्य उद्देश्य ईश्वर की भक्ति को सरल, सुलभ और जातिवाद से मुक्त बनाना था। संत कबीर, तुलसीदास, मीराबाई, गुरु नानक, नामदेव, चैतन्य जैसे संतों ने इसका नेतृत्व किया। इस आंदोलन ने ब्राह्मणवादी कर्मकांड का विरोध कर व्यक्ति और ईश्वर के बीच सीधा संबंध स्थापित किया। इसमें जाति, वर्ग, भाषा और क्षेत्रीय सीमाओं को पार करने की कोशिश की गई। समाज में समानता, करुणा और अहिंसा जैसे मूल्यों को प्रसारित किया गया। आंदोलन ने हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी आदि भाषाओं में भक्ति साहित्य को जन्म दिया। भक्ति संतों के विचारों ने जनता के जीवन को गहराई से प्रभावित किया और धर्म को मानवीय बनाया। इससे सामाजिक समरसता को बल मिला और धार्मिक कट्टरता में कमी आई। इसने भविष्य में सामाजिक सुधार आंदोलनों को प्रेरित किया।

अथवा, बौद्ध धर्म के पतन के कारणों की विवेचना करें।
उत्तर — बौद्ध धर्म जो कि एक समय पूरे भारतवर्ष और एशिया में फैला हुआ था, धीरे-धीरे भारत में अपने मूल स्थान से लुप्त हो गया। इसके पतन के अनेक कारण थे। सबसे पहला कारण इसकी अत्यधिक शाखाओं में विभाजित हो जाना था—महायान और हीनयान के बीच मतभेद बढ़े। बौद्ध धर्म का जटिल दर्शन और पालि भाषा में ग्रंथों की उपलब्धता ने इसे जनसाधारण से दूर कर दिया। धीरे-धीरे यह कर्मकांडों और मूर्तिपूजा से ग्रसित होता गया। साथ ही, ब्राह्मण धर्म (हिंदू धर्म) ने भी आत्मसात की प्रवृत्ति अपनाई और बुद्ध को विष्णु के अवतार के रूप में स्वीकार कर लिया। इसके अलावा बौद्ध मठों में अनुशासनहीनता, शैक्षिक पतन और आर्थिक शोषण जैसी प्रवृत्तियाँ भी उत्पन्न हुईं। मुसलमान आक्रांताओं द्वारा मठों को नष्ट करना भी एक प्रमुख कारण बना। परिणामतः भारत में बौद्ध धर्म का प्रभाव समाप्त हो गया, हालाँकि यह विदेशों में आज भी प्रभावी है।

4. स्थायी व्यवस्था के गुण-दोषों की विवेचना कीजिये।
उत्तर — स्थायी बंदोबस्त प्रणाली की शुरुआत लॉर्ड कार्नवालिस ने 1793 में बंगाल, बिहार और उड़ीसा में की थी। इसके अंतर्गत ज़मींदारों को स्थायी भू-स्वामित्व दिया गया तथा वे राजस्व संग्रहण के उत्तरदायी बने।
गुण :
i) ज़मींदारों को स्थायित्व मिला, जिससे वे भूमि सुधार और कृषि निवेश के लिए प्रेरित हुए।
ii) सरकार को निश्चित आय सुनिश्चित हुई।
iii) प्रशासनिक व्यवस्था सरल हो गई।
दोष :
i) किसानों का शोषण बढ़ा क्योंकि ज़मींदार लगान वसूलने में कठोरता दिखाते थे।
ii) किसानों की स्थिति दयनीय हो गई और वे कर्ज़ में डूबने लगे।
iii) ज़मींदारों ने कृषि विकास की बजाय विलासिता पर ध्यान दिया।
iv) अकाल या प्राकृतिक आपदा में भी किसानों से लगान लिया गया।
      अतः स्थायी बंदोबस्त ने अंग्रेजों को आर्थिक लाभ तो दिया, लेकिन भारतीय कृषक समाज को बर्बादी की ओर धकेल दिया।

अथवा, 1857 के विद्रोह की विफलता के कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर — 1857 का विद्रोह ब्रिटिश शासन के विरुद्ध पहला व्यापक विद्रोह था, परंतु यह असफल रहा। इसकी विफलता के प्रमुख कारणों में संगठित नेतृत्व का अभाव, विद्रोहियों के पास आधुनिक हथियारों की कमी, सामंतों और राजाओं की निष्ठा का अभाव तथा ब्रिटिश सेना की संगठित रणनीति शामिल है। विद्रोह केवल कुछ क्षेत्रों तक सीमित रहा और दक्षिण भारत, पंजाब तथा बंगाल इसमें सक्रिय नहीं हुए। विद्रोहियों के बीच समन्वय का अभाव था और उनकी मांगें एकरूप नहीं थीं। साथ ही, भारतीयों के भीतर जातीय और धार्मिक विभाजन भी विद्रोह की एकजुटता में बाधक बना। दूसरी ओर, अंग्रेजों ने दूरसंचार, रेलवे और आधुनिक हथियारों का कुशल उपयोग किया। अंततः अंग्रेजों ने इस विद्रोह को दमन करके कुचल दिया और भारत में शासन की बागडोर ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश ताज के हाथ में आ गई।

5. असहयोग आंदोलन की प्रकृति एवं परिणामों का वर्णन करें।
उत्तर — असहयोग आंदोलन 1920 में महात्मा गाँधी के नेतृत्व में शुरू हुआ। यह आंदोलन जालियाँवाला बाग हत्याकांड, रॉलेट एक्ट और खिलाफत आंदोलन के विरोध में प्रारंभ हुआ। इसकी प्रकृति पूर्णतः अहिंसात्मक और जनसामान्य पर आधारित थी। जनता ने सरकारी नौकरियों, शिक्षण संस्थानों, कानून अदालतों और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार किया। आंदोलन की सबसे बड़ी विशेषता थी—जनसाधारण की सक्रिय भागीदारी। किसानों, श्रमिकों, विद्यार्थियों, महिलाओं और व्यापारियों ने इसमें उत्साह से भाग लिया। इससे ब्रिटिश शासन की वैधता को सीधी चुनौती मिली। परंतु 1922 में चौरी-चौरा की हिंसक घटना के बाद गाँधी जी ने आंदोलन स्थगित कर दिया। परिणामस्वरूप आंदोलन अधूरा रह गया। फिर भी, इसने राष्ट्रीय आंदोलन को नई दिशा दी और आम जनता को राजनीति से जोड़ा। यह पहला आंदोलन था जिसमें भारतीय जनता ने अंग्रेजों से असहयोग को एक शक्तिशाली अस्त्र के रूप में अपनाया।

अथवा, गाँधी जी के जीवन एवं कार्यों का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर — महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर (गुजरात) में हुआ। उन्होंने इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई की और दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ सत्याग्रह किया। भारत लौटकर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में सत्याग्रह, अहिंसा और असहयोग के सिद्धांतों को अपनाया। 1917 में चम्पारण आंदोलन से उनके संघर्ष की शुरुआत हुई। इसके बाद खेड़ा, खिलाफत, असहयोग, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन में उन्होंने नेतृत्व किया। उन्होंने भारतीय राजनीति को जन-आंदोलन बनाया और स्वदेशी, खादी, ग्राम स्वराज जैसे विचारों को लोकप्रिय बनाया। गांधीजी ने छुआछूत, साम्प्रदायिकता और सामाजिक असमानता का भी विरोध किया। उनका जीवन त्याग, सादगी और नैतिकता का उदाहरण था। 30 जनवरी 1948 को उनकी हत्या कर दी गई। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पथप्रदर्शक और राष्ट्रपिता के रूप में स्मरण किए जाते हैं।

– : समाप्त : –

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