Bihar Board Class 12th Hindi (काव्यखंड) : पद — सुरदास

Bihar Board Class 12th Hindi : प्रिय विद्यार्थीयों, “Mindbloom Study” (#1 Online Study Portal For Bihar Board Exams) आपके लिए लाया है BSEB Class 12th हिंदी काव्यखंड अध्याय 2 “पद — सुरदास” का हिंदी भावार्थ तथा Objective & Subjective Answer Questions

पद

(1)

जागिए, ब्रजराज कुँवर, कँवल-कुसुम फूले ।
कुमुद-वृंद संकुचित भए, भृंग लता भूले ।
तमचुर खग-रोर सुनहु, बोलत बनराई ।
राँभति गो खरिकनि में, बछरा हित धाई ।
बिधु मलीन रवि प्रकास गावत नर नारी ।
सूर स्याम प्रात उठौ, अंबुज-कर-धारी ।।

हिंदी भावार्थ :

ब्रज के राजकुमार श्रीकृष्ण! अब जाग जाइए। कमल और कुसुम (फूल) खिल गए हैं, और रात में खिलने वाले कुमुद के फूल अब मुरझा गए हैं। भौंरे लताओं को भूल गए हैं (क्योंकि अब दिन हो गया है)। पक्षियों की चहचहाहट गूंज रही है, वन के पशु-पक्षी बोलने लगे हैं। गाएँ अपने बछड़ों के लिए दौड़ रही हैं। चंद्रमा की ज्योति फीकी हो गई है और सूर्य की रोशनी फैल गई है। स्त्री-पुरुष भजन गा रहे हैं।
हे श्यामसुंदर (कृष्ण), अब तो कमल-हाथ वाले, आप प्रातःकाल उठिए।

(2)

जेंवत स्याम नंद की कनियाँ ।
कछुक खात, कछु धरनि गिरावत, छबि निरखति नंद-रनियाँ ।
बरी, बरा बेसन, बहु भाँतिनि, व्यंजन बिविध, अगनियाँ ।
डारत, खात, लेत अपनैं कर, रुचि मानत दधि दोनियाँ ।
मिस्री, दधि, माखन मिश्रित करि, मुख नावत छबि धनियाँ ।
आपुन खात, नंद-मुख नावत, सो छबि कहत न बनियाँ ।
जो रस नंद-जसोदा बिलसत, सो नहिं तिहुँ भुवनियाँ ।
भोजन करि नंद अचमन लीन्हौ, माँगत सूर जुठनियाँ ।।

हिंदी भावार्थ :

श्रीकृष्ण जब भोजन कर रहे हैं, तो नंद बाबा की रानियाँ उन्हें देख-देखकर आनंदित हो रही हैं।
कभी श्रीकृष्ण कुछ खाते हैं, कभी कुछ ज़मीन पर गिरा देते हैं, कभी किसी वस्तु को देखकर उसकी सुंदरता में खो जाते हैं। बहुत सी स्त्रियाँ अलग-अलग प्रकार के पकवान लेकर आई हैं। वे उन्हें दही, मक्खन, मिश्री आदि अपने हाथों से खिलाती हैं। कभी श्रीकृष्ण खुद खाते हैं, कभी नंद बाबा के मुँह की ओर देखकर उन्हें खिलाते हैं। उनकी यह छवि इतनी सुंदर है कि उसका वर्णन करना कठिन है।
जो आनंद यशोदा और नंद इस रस में पा रहे हैं, वैसा सुख तीनों लोकों में कहीं नहीं। भोजन करने के बाद नंद बाबा ने अचमन (हाथ-मुँह धोना) किया, तब सूरदास कहते हैं – “हे नंद! मुझे भी कृपया अपनी जूठन दीजिए।”

One Liner Objectives

1. सूरदास का जन्म कब हुआ था ? उत्तर — 1478 दिल्ली के निकट ‘सीही’ नामक ग्राम में (अनुमानित)
2. सूरदास का निधन कब हुआ था ? उत्तर — 1583
3. सूरदास का निवासस्थान कहाँ था ? उत्तर — ब्रजक्षेत्र में क्रमशः गऊघाट, वृंदावन, पारसोली ग्राम
4. किस कवि ने स्वाध्याय द्वारा ज्ञानार्जन किया था ? उत्तर — सूरदास
5. सुरदास किस गुरु से दीक्षित हुए थे ? उत्तर — महाप्रभु वल्लभाचार्य
6. ‘शुद्धाद्वैतवाद’ एवं ‘पुष्टिमार्ग’ की भक्तिसाधना के प्रवर्तक कौन है ? उत्तर — महाप्रभु वल्लभाचार्य
7. सूरदास जन्म से थे ? उत्तर — अंधे
8. सूरदास की प्रमुख कृतियाँ है ? उत्तर — सूरसागर, साहित्यलहरी, राधारसकेलि आदि।
9. ‘हिंदी की मध्यकालीन सगुण भक्तिधारा की कृष्णभक्ति शाखा के अन्यतम कवि’ हैं ? उत्तर — सूरदास
10. वल्लभाचार्य की पुष्टिमार्गीय भक्ति में ‘अष्टछाप’ के उत्कृष्ट कवियों में श्रेष्ठ माने जाते हैं ? उत्तर — सूरदास
11. लीलारसिक कृष्णभक्त कवि हैं ? उत्तर — सूरदास
12. सूरदास के काव्य के तीन प्रधान विषय है ? उत्तर — विनय-भक्ति, वात्सल्य और प्रेम-श्रृंगार
13. वात्सल्य के विश्व में अद्वितीय कवि हैं ? उत्तर — सूरदास
14. वात्सल्य भाव के पदों की विशेषता क्या है ? उत्तर — पाठक जीवन की नीरस और जटिल समस्याओं को भूलकर उनमें तन्मय और विभोर हो उठता है।
15. “सूरदास जब अपने प्रिय विषय का वर्णन शुरू करते हैं तो मानो अलंकारशास्त्र हाथ जोड़कर उनके पीछे-2 दौड़ा करता है।” यह किसने कहा है ? उत्तर — हजारी प्रसाद द्विवेदी

प्रश्नोत्तर (Answer Questions)

1. प्रथम पद में किस रस की व्यंजना हुई है ?
2. गायें किस ओर दौड़ पड़ीं ?
3. प्रथम पद का भावार्थ अपने शब्दों में लिखें ।
4. पठित पदों के आधार पर सूर के वात्सल्य वर्णन की विशेषताएँ लिखिए ।
5. काव्य सौंदर्य स्पष्ट करें –
(क) कछुक खात कछु धरनि गिरावत छवि निरखति नंद-रनियाँ ।
(ख) भोजन करि नंद अचमन लीन्है माँगत सूर जुठनियाँ ।
(ग) आपुन खाक, नंद मुख नावत सो छबि कहत न बनियाँ ।
6. कृष्ण खाते समय क्या-क्या करते हैं ?

– : समाप्त : –

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