Indian History : प्रिय विद्यार्थियों, “Mindbloom Study” (#1 Online Study Portal) आपके लिए लाया है “हिन्द-यूनानी या यवन (Indo-Greek)”
हिन्द-यूनानी या यवन (Indo-Greek)
भारत में हिन्द-यूनानी या यवन शासक उन यूनानी मूल के राजाओं को कहा जाता है जिन्होंने सिकंदर महान के आक्रमण के बाद और मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर क्षेत्रों पर शासन किया। ये शासक मुख्यतः बैक्ट्रिया (आधुनिक अफगानिस्तान और मध्य एशिया के कुछ हिस्सों) के यूनानियों से संबंधित थे।
पृष्ठभूमि और आगमन
i) सिकंदर का प्रभाव :- सिकंदर महान के भारत से लौटने के बाद, उसके जीते हुए क्षेत्रों में यूनानी गवर्नर नियुक्त किए गए थे। उसकी मृत्यु के बाद, उसके साम्राज्य का विभाजन हुआ और बैक्ट्रिया में यूनानी शासन स्थापित हुआ, जिसे ग्रीको-बैक्ट्रियन साम्राज्य कहा गया।
ii) मौर्यों के बाद :- मौर्य साम्राज्य के कमजोर होने और पुष्यमित्र शुंग द्वारा बृहद्रथ की हत्या के बाद, भारत में राजनीतिक शून्यता की स्थिति बनी। इसी का फायदा उठाकर बैक्ट्रिया के यूनानी शासकों ने भारत के पश्चिमोत्तर सीमा पर आक्रमण करना शुरू किया।
iii) भारत में प्रवेश :- लगभग 180 ईसा पूर्व में, बैक्ट्रिया के यूनानी शासक डेमेट्रियस प्रथम ने हिन्दू-कुश पर्वत श्रृंखला पार करके भारत पर आक्रमण किया। उसे भारत में इंडो-ग्रीक (हिन्द-यूनानी) शासन का संस्थापक माना जाता है।
प्रमुख हिन्द-यूनानी शासक
हिन्द-यूनानी साम्राज्य दो प्रमुख कुलों में विभाजित हो गया – i) डेमेट्रियस वंश और ii) यूक्रेटाइडीज वंश। इस काल में 30 से अधिक हिन्द-यूनानी राजा हुए, जो अक्सर आपस में भी लड़ते थे।
i) डेमेट्रियस प्रथम (लगभग 180-160 ईसा पूर्व)
• भारत में हिन्द-यूनानी शासन का संस्थापक।
• उसने अफगानिस्तान, पंजाब और सिंध के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया।
• माना जाता है कि उसने साकल (आधुनिक सियालकोट) को अपनी राजधानी बनाया।
ii) मिनांडर प्रथम (मिलिंद) (लगभग 165-145 ईसा पूर्व)
• यह सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली हिन्द-यूनानी शासक था।
• उसे बौद्ध साहित्य में ‘मिलिंद’ के नाम से जाना जाता है।
• बौद्ध ग्रंथ ‘मिलिंदपन्हो’ में बौद्ध भिक्षु नागसेन और राजा मिनांडर के बीच बौद्ध धर्म पर हुए दार्शनिक संवाद का विस्तृत उल्लेख है।
• मिनांडर ने बौद्ध धर्म अपना लिया था और उसकी राजधानी साकल शिक्षा का प्रमुख केंद्र थी।
• उसके सिक्कों पर ‘धर्म-चक्र’ अंकित मिलता है।
iii) एंटीयालकीड्स (यूक्रेटाइडीज वंश)
• यह यूक्रेटाइडीज वंश का एक महत्वपूर्ण शासक था।
• इसने अपने राजदूत हेलियोडोरस को शुंग शासक भागभद्र के दरबार में भेजा था। हेलियोडोरस ने विदिशा (मध्य प्रदेश) में एक गरुड़ स्तंभ स्थापित करवाया, जिससे पता चलता है कि उसने भागवत धर्म को अपना लिया था। यह भारत में यूनानी और भारतीय संस्कृतियों के मिश्रण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
iv) स्ट्रेटो II
• हिन्द-यूनानी शासकों की श्रृंखला में यह अंतिम महत्वपूर्ण शासक था, जिसके बाद हिन्द-यूनानी शक्ति का लगभग अंत हो गया।
हिन्द-यूनानी शासन की विशेषताएँ और प्रभाव
• हिन्द-यूनानी शासकों का भारतीय इतिहास पर गहरा प्रभाव पड़ा, विशेषकर उत्तर-पश्चिमी भारत में।
i) सिक्का निर्माण :- हिन्द-यूनानियों ने भारतीय सिक्का निर्माण कला को एक नई दिशा दी। वे पहले शासक थे जिन्होंने सोने के सिक्के चलाए (हालांकि बड़े पैमाने पर सोने के सिक्के कुषाणों ने जारी किए)। उनके सिक्कों पर राजाओं के नाम, चित्र और तिथियाँ स्पष्ट रूप से अंकित होती थीं, जिससे उनके बारे में ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त करना आसान हो गया। उन्होंने द्विभाषी सिक्के भी जारी किए जिन पर एक तरफ यूनानी भाषा और दूसरी तरफ खरोष्ठी या प्राकृत भाषा का प्रयोग होता था, जो उनके बहुभाषी प्रशासन को दर्शाता है।
il) कला और वास्तुकला (गांधार कला) :- हिन्द-यूनानी प्रभाव से भारत में एक नई कला शैली का विकास हुआ जिसे गांधार कला कहा जाता है। इस शैली में भारतीय और यूनानी (हेलेनिस्टिक) कला तत्वों का मिश्रण देखने को मिलता है। इसमें बुद्ध और बोधिसत्वों की मूर्तियाँ यूनानी देवताओं (जैसे अपोलो) से प्रेरित होकर बनाई गईं, जिनमें यथार्थवादी चेहरे, लहराते बाल और यूनानी शैली के वस्त्र दिखाई देते हैं।
iii) व्यापार और वाणिज्य :- हिन्द-यूनानी शासकों ने भारत और पश्चिमी दुनिया के बीच व्यापार को बढ़ावा दिया। उनके नियंत्रण वाले मार्ग मध्य एशिया और रोमन साम्राज्य से जुड़े थे।
iv) संस्कृति का आदान-प्रदान :- यूनानी और भारतीय भाषाओं, धर्मों और दर्शन का आदान-प्रदान हुआ। कई यूनानी शासकों ने बौद्ध धर्म या भागवत धर्म को अपनाया। भारतीय साहित्य में ‘यवनिका’ (पर्दा) शब्द यूनानी प्रभाव को दर्शाता है, जो रंगमंच में उनके योगदान की ओर इशारा करता है।
v) प्रशासनिक व्यवस्था :- कुछ हिन्द-यूनानी शासकों ने यूनानी और स्थानीय प्रशासनिक प्रथाओं का मिश्रण अपनाया, जिससे स्थानीय सरकारों के संगठन और प्रांतों के प्रशासन पर प्रभाव पड़ा।
पतन
हिन्द-यूनानी राज्यों का पतन मुख्य रूप से शकों (सिथियन) और बाद में कुषाणों जैसे मध्य एशियाई आक्रमणकारियों के कारण हुआ। लगभग 10 ईस्वी तक, अधिकांश हिन्द-यूनानी राज्य इन नए आक्रमणकारियों द्वारा समाप्त कर दिए गए, हालांकि कुछ स्थानों पर यूनानी समुदाय कुछ समय तक अपनी पहचान बनाए हुए थे। समय के साथ, उनका भारतीय समाज में विलय हो गया।
One Liner Objectives
• यवन का क्षेत्र था ? उत्तर — हिन्दुकुश पर्वत के समीप का बैक्टेरिया (बैक्टेरियन शासक)
• मौर्योत्तर काल में भारत के पश्चिमोत्तर प्रदेशों पर सबसे पहले किस विदेशी ने आक्रमण किया था ? उत्तर — यवन
डेमेट्रियस वंश
• यवन की भारत विजय का इतिहास किसके समय में प्रारंभ होता है ? उत्तर — डेमेट्रियस के
• डेमेट्रियस ने भारत पर कब आक्रमण किया था ? उत्तर — 183 BCE
• डेमेट्रियस ने भारत के किन क्षेत्रों पर आक्रमण कर उस पर विजय कर ली थी ? उत्तर — सिंध तथा पंजाब पर
• डेमेट्रियस वंश ने अपनी राजधानी किसे बनाया था ? उत्तर — शाकल (स्यालकोट)
• डेमेट्रियस ने किस शुंग राजा पर आक्रमण किया किंतु पराजित हो गया था ? उत्तर — पुष्यमित्र शुंग
• डेमेट्रियस के बाद अगला शासक कौन बना था ? उत्तर — मिणाण्डर
• मिणाण्डर ने भी शुंग राजा पुष्यमित्र शुंग पर आक्रमण किया किंतु यह भी हो गया था ? उत्तर — पराजित
• मिणाण्डर का साम्राज्य किन क्षेत्रों तक विस्तारित था ? उत्तर — झेलम से मथुरा तक
• मिणाण्डर ने कौन-सी उपाधि धारण की थी ? उत्तर — ध्रमिकस की
• मिणाण्डर को बौद्ध धर्म की शिक्षा किसने दी थी ? उत्तर — नागसेन ने
• बौद्ध धर्म अपनाने वाला पहला विदेशी कौन था ? उत्तर — मिणाण्डर
• नागसेन एवं मिणाण्डर के वार्तालाप की चर्चा किसमें है ? उत्तर — नागसेन की पुस्तक मिलिन्दपन्हों में
• सर्वप्रथम किस शासक ने सोने के सिक्के जारी किए थे ? उत्तर — मिणाण्डर ने (सर्वाधिक सिक्का गुजरात के भड़ौच से मिला है)
• यवन के अंतिम शासक कौन था ? उत्तर — हेलियोक्लीच
• यवनों के आक्रमण की जानकारी किस ग्रंथों से प्राप्त होती है ? उत्तर — महाभाष्य, गार्गीसंहिता, मालविकाग्निमित्र से
युक्रेटाइडिस वंश
• यवन राजा एंटियालकीड्स भारत के किस भाग का शासक था ? उत्तर — तक्षशिला का
• शुंग राजा भागभद्र के विदिशा स्थित राजदरबार में एंटियालकीड्स ने किसे अपना राजदूत बनाकर भेजा था ? उत्तर — हेलियोडोटस
• हेलियोडोटस ने किस धर्म को अपना लिया था ? उत्तर — भागवत धर्म (विष्णु भगवान)
• किसने भागवत धर्म के सम्मान में विदिशा (बेसनगर) में गरुड़ध्वज अभिलेख बनवाया था ? उत्तर — हेलियोडोटस
• किसी राजदूत का एक मात्र व्यक्तिगत अभिलेख है ? उत्तर — गरुड़ध्वज अभिलेख
• युक्रेटाइडिस वंश के अंतिम शासक थे ? उत्तर — हर्मियस
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