Indian History : षड्दर्शन (Six Philosophy)

Indian History : प्रिय विद्यार्थियों, “Mindbloom Study” (#1 Online Study Portal) आपके लिए लाया है “षड्दर्शन (Six Philosophy)”

षड्दर्शन (Six Philosophy)

सांख्य दर्शन

• सबसे प्राचीन दर्शन है ? उत्तर — सांख्य दर्शन
• सांख्य दर्शन के प्रवर्तक किसे माना जाता है ? उत्तर — महर्षि कपिल को
• किस दर्शन की मान्यता है कि जगत की उत्पत्ति ईश्वर से नहीं अपितु पुरुष एवं प्रकृति के संयोग से हुई है ? उत्तर — सांख्य दर्शन
• यह दर्शन सृष्टि के तीन गुण सतगुण, रजगुण एवं तमगुण मानता है, इसे क्या कहा जाता है ? उत्तर — त्रिगुण सिद्धांत

NOTE :- यह प्रकृति और पुरुष (चेतना) के द्वैत सिद्धांत पर आधारित है। यह मोक्ष प्राप्त करने के लिए प्रकृति और पुरुष के बीच के अंतर को जानने पर जोर देता है।

योग दर्शन

• योग दर्शन के प्रवर्तक किसे माना जाता है ? उत्तर — महर्षि पंतजलि
• योग का शाब्दिक अर्थ होता है ? उत्तर — मिलन अर्थात आत्मा का परमात्मा के साथ मिल जाना
• किस दर्शन का आधारसूत्र ‘योगसूत्र’ है, जिसमें ‘अष्टांगिक योग’ की व्याख्या की गई है ? उत्तर — योग दर्शन
• अष्टांग योग है ? उत्तर — यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि
• किस दर्शन की मान्यता थी कि आसन एवं प्राणायाम के माध्यम से ईश्वर (मोक्ष) की प्राप्ति होती है ? उत्तर — योग दर्शन

NOTE :- यह दर्शन सांख्य दर्शन के सिद्धांतों पर आधारित है, लेकिन इसमें मन और शरीर के नियंत्रण के लिए व्यवहारिक विधियों पर जोर दिया गया है। अष्टांग योग इसके प्रमुख अंग हैं, जिनका उद्देश्य आत्म-साक्षात्कार और मोक्ष प्राप्त करना है।

न्याय दर्शन

• न्याय दर्शन के प्रवर्तक किसे माना जाता है ? उत्तर — गौतम (अक्षपाद)
• न्यायशास्त्र की रचना किसने की, जिसे भारतीय तर्कविद्या का प्राचीनतम ग्रंथ माना जाता है ? उत्तर — गौतम ने
• किस दर्शन की मान्यता है कि तर्क (प्रमाण) के आधार पर ही किसी बात को स्वीकार करें ? उत्तर — न्याय दर्शन

NOTE :- यह दर्शन तर्क और प्रमाण पर विशेष बल देता है। यह सत्य की खोज के लिए प्रमाणों (प्रत्यक्ष, अनुमान, उपमान और शब्द) के महत्व को बताता है।

वैशेषिक दर्शन

• वैशेषिक दर्शन के प्रवर्तक किसे माना जाता है ? उत्तर — कणाद ( अन्य नाम कणभुक, उलूक तथा कश्यप )
• किस दर्शन की मान्यता थी कि 5 विशेष पदार्थ (पंचमहाभूत) पृथ्वी, आकाश, जल, पवन, अग्नि के मेल से ही नयी वस्तुएँ बनती है ? उत्तर — वैशेषिक दर्शन
• भारत में परमाणुवाद की स्थापना एवं भौतिकशास्त्र के आरम्भ करने का श्रेय दिया जाता है ? उत्तर — महर्षि कणाद को

NOTE :- यह दर्शन जगत के तत्वों और पदार्थों का विश्लेषण करता है। यह मानता है कि ब्रह्मांड परमाणुओं (अणुओं) से बना है और इन परमाणुओं का संयोजन ही विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करता है।

मीमांसा दर्शन

• पूर्व मीमांसा के प्रवर्तक किसे माना जाता है ? उत्तर — जैमिनीय को
• उत्तर मीमांसा के प्रवर्तक किसे माना जाता है ? उत्तर — बादरायण
• किस दर्शन की मान्यता थी, वेद द्वारा विहित कर्म ही धर्म है ? उत्तर — मीमांसा दर्शन

NOTE :- यह दर्शन मुख्य रूप से वेदों के कर्मकांडीय भाग (यज्ञ, अनुष्ठान आदि) पर केंद्रित है। यह वैदिक कर्मों के सही निष्पादन और उनके फलों के महत्व पर बल देता है।

वेदांत दर्शन

• वेदांत दर्शन के प्रवर्तक किसे माना जाता है ? उत्तर — वादरायण को
• वेदांत दर्शन का आधार है ? उत्तर — उपनिषद, गीता तथा वादरायणकृत वेदांत सूत्र
• अद्वैतवाद क्या है ? उत्तर — इसमें ब्रह्म का विवेचन निर्गुण रूप में किया गया है। इसके प्रमुख दार्शनिक शंकराचार्य हैं।
• द्वैतवाद क्या है ? उत्तर — इसमें ब्रह्म का विवेचन सगुण रूप में किया गया है। इसके प्रमुख दार्शनिक रामानुज तथा मध्वाचार्य है।

NOTE :- यह दर्शन उपनिषदों पर आधारित है, जो वेदों के अंतिम भाग हैं। यह ब्रह्म (परम सत्य) और आत्मा की प्रकृति तथा उनके संबंध पर विचार करता है। वेदांत की कई शाखाएं हैं, जैसे अद्वैत वेदांत (शंकराचार्य), विशिष्टाद्वैत वेदांत (रामानुजाचार्य) और द्वैत वेदांत (माधवाचार्य)।

ये सभी दर्शन भले ही अलग-अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हों, लेकिन इन सभी का अंतिम लक्ष्य मोक्ष (जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति) की प्राप्ति है।

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