Indian History : प्रिय विद्यार्थियों, “Mindbloom Study” (#1 Online Study Portal) आपके लिए लाया है “सूत्र काल एवं महाकाव्य काल (The Sutras And Epics Period)”
सूत्र काल एवं महाकाव्य काल (The Sutras And Epics Period)
1. वैदिक साहित्य को अक्षुण्ण बनाए रखने तथा उसे संक्षिप्त करने के लिए किस साहित्य का प्रणयन हुआ था ? उत्तर — सूत्र साहित्य का
2. सूत्र काल का समय कब से कब तक माना जाता है ? उत्तर — छठी से तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व तक
3. किन सूत्रों का ऐतिहासिक महत्व है ? उत्तर — गृह सूत्र एवं धर्म सूत्र का
4. मनुष्य के गृहस्थ जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक के संपूर्ण कर्तव्यों तथा कार्यों का निर्देश किस सूत्र में मिलता है ? उत्तर — गृह सूत्रों में
5. किस सूत्रकार ने शूद्रों को “श्मशान के समान अपवित्र” बताया है तथा उनका एकमात्र कार्य दूसरों की सेवा द्वारा अपना निर्वाह करना बताया है ? उत्तर — वशिष्ठ ने
6. सूत्र काल में स्त्रियों की दशा थी ? उत्तर — दयनीय
महाकाव्य (Epic)
1. महाकाव्य काल से क्या तात्पर्य है ? उत्तर — रामायण और महाभारत के समय से
2. रामायण की रचना की थी ? उत्तर — वाल्मीकि ने
3. रामायण का दूसरा नाम है ? उत्तर — आदिकाव्य
4. वाल्मीकि कृत रामायण में कुल कितने कांड हैं ? उत्तर — सात (बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किंधाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड, उत्तरकांड)
5. रामायण के किस कांड में राम और हनुमान के पहली भेंट का वर्णन मिला है ? उत्तर — किष्किंधा कांड में
6. रामायण में कितने हजार श्लोकों का संग्रह है ? उत्तर — 24000
7. अकबर के समय रामायण को फारसी भाषा में अनुवाद किया था ? उत्तर — बदायुनी
8. महाभारत में कुल कितने श्लोकों का संग्रह किया गया है ? उत्तर — एक लाख
9. विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है ? उत्तर — महाभारत
10. महाभारत में कुल कितने पर्व (books) है ? उत्तर — 18
11. श्रीमद्भगवद्गीता महाभारत के किस पर्व में है ? उत्तर — भीष्मपर्व
12. महाभारत का मूल नाम क्या था ? उत्तर — जय संहिता
13. शूद्र सेवकों का भरण-पोषण करना द्विज का कर्तव्य है, इस कथन का उल्लेख कहाँ से प्राप्त हुआ है ? उत्तर — शांति पर्व महाभारत से
14. रामायण और महाभारत में किन विदेशी जातियों का उल्लेख मिलता है ? उत्तर — यवन, शक (रामायण) तथा यवन, शक, किरात, पह्लव, हूण (महाभारत) में
15. अकबर के समय महाभारत को फारसी भाषा में अनुवाद किया था ? उत्तर — रज्जनामा
महाभारत के पर्व
1. आदिपर्व = परिचय, राजकुमारों का जन्म और लालन-पालन
2. सभापर्व = दरबार की झलक और द्यूत क्रीड़ा, इंद्रप्रस्थ का निर्माण और पाण्डवों का वनवास
3.अरयण्कपर्व = पाण्डवों का वनों में 12 वर्ष का जीवन
4. विराटपर्व = राजा विराट के राज्य में अज्ञातवास
5. उद्योगपर्व = युद्ध की तैयारी
6. भीष्मपर्व = महाभारत युद्ध का पहला भाग, भीष्म कौरवों के सेनापति
7. द्रोणपर्व = युद्ध जारी, द्रोण सेनापति बना
8. कर्णपर्व = युद्ध जारी, कर्ण सेनापति बना
9. शल्यपर्व = युद्ध का अंतिम भाग, शल्य सेनापति
10. सौप्तिकपर्व = अश्वत्थामा द्वारा पाण्डव सेना का सोये हुए में वध
11. स्त्रीपर्व = गांधारी का मृत लोगों के लिए शोक
12. शांतिपर्व (सबसे बड़ा) = युधिष्ठिर का राज्याभिषेक, भीष्म के दिशा-निर्देश
13. अनुशासनपर्व = भीष्म के अंतिम उपदेश
14. अश्वमेधिकापर्व = युधिष्ठिर द्वारा अश्वमेध का आयोजन
15. आश्रम्वासिकापर्व = धृतराष्ट्र, गांधारी और कुन्ती का वन में आश्रम के लिए प्रस्थान
16. मौसुलपर्व = यादवों की परस्पर लड़ाई
17. महाप्रस्थानिकपर्व = युधिष्ठिर और उनके भाइयों की सद्गति का प्रथम भाग
18. स्वर्गारोहणपर्व = पांडवों की स्वर्ग यात्रा
19. हरिवंशपर्व = इसे महाभारत का खिल भाग भी कहते हैं, इसमें विशेष कर भगवान श्री कृष्ण के बारे में वर्णन है।
आश्रम
1. सर्वप्रथम तीन आश्रमों का उल्लेख किस उपनिषद में किया गया है ? उत्तर — छान्दोग्योपनिषद् में
2. चारों आश्रमों का सर्वप्रथम उल्लेख किस उपनिषद में किया गया है ? उत्तर — जाबालोपनिषद में
3. किस संस्कार के संपन्न होने के उपरान्त व्यक्ति ब्रह्मचर्य आश्रम में प्रवेश करता था ? उत्तर — उपनयन संस्कार
4. ब्रह्मचारी के कितने प्रकार बतलाए गए हैं ? उत्तर — दो (नैष्ठिक एवं उपकुर्वाण)
5. ऐसे विद्यार्थी जो जीवन-पर्यन्त ‘गुरु’ के समीप रहकर विद्याध्ययन करते थे, उन्हें क्या कहते थे ? उत्तर — नैष्ठिक
6. ऐसे विद्यार्थी जो ब्रह्मचर्य जीवन समाप्त कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश करते थे, उन्हें क्या कहते थे ? उत्तर — उपकुर्वाण
7. किस संस्कार के संपन्न होने के उपरान्त मनुष्य गृहस्थाश्रम में प्रवेश करता था ? उत्तर — विवाह संस्कार
8. गृहस्थाश्रम में रहकर मनुष्य किन ऋणों से मुक्ति प्राप्त करता था ? उत्तर — देव ऋण (धार्मिक अनुष्ठान कर), ऋषि ऋण (अपने पुत्र को शिक्षित कर), पितृ ऋण (संतान उत्पन्न कर)
9. गृहस्थाश्रम में रहकर मनुष्य कितने यज्ञों का सम्पादन करता था ? उत्तर — पंच महायज्ञ (ब्रह्म यज्ञ, पितृ यज्ञ, देव यज्ञ, भूत यज्ञ, मनुष्य यज्ञ)
10. गृहस्थाश्रम के कर्तव्यों को भली-भाँति पूरा कर लेने के उपरान्त मनुष्य किस आश्रम के लिए प्रस्थान करता था ? उत्तर — वानप्रस्थ आश्रम
11. वानप्रस्थ आश्रम के उपरान्त मनुष्य किस आश्रम में प्रवेश करता था ? उत्तर — संन्यास आश्रम
12. चारों आश्रमों का विधान किसके लिए किया गया था ? उत्तर — द्विज के लिए
आश्रम
1. ब्रह्मचर्य — 5-25 वर्ष (गुरुकुल में शिक्षा)
2. गृहस्थाश्रम — 25-50 वर्ष (परिवार के साथ)
3. वानप्रस्थ — 50-75 वर्ष (सामाजिक तथा धार्मिक जीवन)
4. सन्यासी — 75-100 वर्ष (वन में तपस्या)
पुरुषार्थ (Purusharthas = Life goals)
1. हिंदु धर्मग्रंथों में कितने पुरुषार्थ बतलाए गए हैं ? उत्तर — चार (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष)
2. पुरुषार्थों का क्या उद्देश्य था ? उत्तर — मनुष्य के भौतिक तथा आध्यात्मिक सुखों के बीच सामंजस्य स्थापित करना
3. वे कौन-से पुरुषार्थ है, जिन्हें त्रिवर्ग की श्रेणी में रखा गया है ? उत्तर — धर्म, अर्थ तथा काम
(i) धर्म – सामाजिक नियम व्यवस्था (Righteous conduct)
(ii) अर्थ – आर्थिक संसाधन (Material well-being)
(iii) काम – शारीरिक सुख-भोग (Sensual Pleasure)
(iv) मोक्ष – आत्मा का उद्धार (Liberation from the cycle of life and death)
संस्कार (Sacrament)
1. संस्कार का शाब्दिक अर्थ होता है ? उत्तर — परिष्कार, शुद्धता अथवा पवित्रता
2. संस्कारों के विधानों का वर्णन किस साहित्य में मिलता है ? उत्तर — गृह सूत्रों में
3. स्मृति ग्रंथों में संस्कारों की कुल संख्या बतलाई गई है ? उत्तर — सोलह
सोलह संस्कार
1. गर्भाधान (conception) = placing the seed in the womb
2. पुंसवन (engendering a male issue) = through the treatment of the pregnant mother the child in the womb should be influenced (performed in the third or fourth month of pregnancy)
3. सीमान्तोनयन (parting the hair) = the hairs of a pregnant woman are ceremoniously parted due to fear of evil spirits (performed in fifth month of pregnancy) dohada = fulfilling the wishes of the pregnant wife
4. जातकर्म (natal rites) = (performed before the severing of the navel string)
5. नामकरण (naming) = name giving ceremony (performed on the tenth or twelfth day after the birth of the child)
6. निष्क्रमण (first outing) = the taking of the child for the first time out of the house (performed within a month or two after the birth of the child)
7. अन्नप्राशन (first feeding with boiled rice) = the first feeding of the child with solid food (performed in the six month)
8. चूड़ाकर्म (tonsure) = The purpose of this is the achievement of long life and beauty for its recipient (done only in the case of those children who are born either after long disappointment or after the death of previous children)
9. कर्णबेध (piercing the ear lobes) = gold for Kshatriya, silver for Brahmin and Vaishya (performed between the first and the fourth year of the child)
10. विद्यारम्भ या अक्षरारंभ (learning the alphabet) = mark the beginning of study (performed in the fifth year of the child)
11. उपनयन (holy thread ceremony) = taking the child to a teacher
12. वेदारम्भ (first study of the Vedas)
13. केशांत (cutting the hair)
14. समावर्तन (graduation)
15. विवाह (marriage)
16. अन्त्येष्टि (funeral)
विवाह
1. विवाह का शाब्दिक अर्थ होता है ? उत्तर — वधू को वर के घर ले जाना या पहुँचाना
2. किस सूत्र साहित्य में सर्वप्रथम आठ प्रकार के विवाहों का उल्लेख मिलता है ? उत्तर — आश्वालयन गृहसूत्र में
3. प्रशंसनीय विवाह कितने है ? उत्तर — 4 (ब्रह्म विवाह, दैव विवाह, आर्ष विवाह, प्रजापत्य विवाह)
4. निन्दनीय विवाह कितने है ? उत्तर — 4 (असूर विवाह, गंधर्व विवाह, पैशाच विवाह, राक्षस विवाह)
विवाह के प्रकार
1. ब्रह्म विवाह = इसमें कन्या का पिता एक योग्य वर खोजकर, उससे अपनी कन्या का विवाह कर देता था।
2. प्रजापत्य विवाह = इसमें कन्या का पिता वर को कन्या प्रदान करते हुए यह आदेश देता था कि दोनों साथ-2 मिलकर सामाजिक एवं धार्मिक कर्तव्यों का निर्वाह करें।
3. दैव विवाह = इसमें कन्या का पिता एक यज्ञ का आयोजन करता था जो पुरोहित यज्ञ का अनुष्ठान विधिपूर्वक करा लेता था, उसी के साथ अपनी कन्या का विवाह कर देता था।
4. आर्ष विवाह = इसमें कन्या के पिता द्वारा यज्ञ कार्य हेतु एक अथवा दो गाय के बदले अपनी कन्या का विवाह कर देता था। यह मुख्यतः पुरोहित परिवारों में ही प्रचलित था।
5. असूर विवाह = इसमें कन्या का पिता या संबंधी धन लेकर कन्या का विवाह कर देते थे।
6. गंधर्व विवाह = इसमें माता-पिता के इच्छा के बिना ही वर-कन्या एक-दूसरे के गुणों पर अनुरक्त होकर अपना विवाह कर लेते थे।
7. पैशाच विवाह = यह विवाह का निकृष्टतम प्रकार है। इसमें वर छल-छद्म के द्वारा कन्या के शरीर पर अधिकार कर लेता था।
8. राक्षस विवाह = इसमें बलपूर्वक कन्या का अपहरण करके विवाह किया जाता था।
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