संविधान सभा (The Constituent Assembly)
• भारत के लिए संविधान की मांग सर्वप्रथम 1895 में बालगंगाधर तिलक के द्वारा किया गया।
• 1922 में महात्मा गांधी ने यह इच्छा जाहिर किया कि भारतीय संविधान का निर्माण भारतीयों की इच्छानुसार किया जायेगा।
• भारत में संविधान सभा के गठन का विचार वर्ष 1934 में पहली बार एम. एन. रॉय ने रखा था।
• 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यह कहा कि भारतीय संविधान का निर्माण वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनी गई संविधान सभा द्वारा किया जाएगा।
कैबिनेट मिशन योजना
• 24 मार्च 1946 को कैबिनेट मिशन योजना का भारत आगमन हुआ। इसमें तीन सदस्य सर स्टैफर्ड क्रिप्स (वाणिज्य विभाग का प्रधान), ए.वी. अलेक्जेंडर (नौसेना प्रधान) और लॉर्ड पेथिक लॉरेन्स (भारत सचिव) थे। कैबिनेट मिशन योजना की अध्यक्षता पेथिक लॉरेन्स ने किया था। कैबिनेट मिशन योजना ने अपनी सिफारिशें मई 1946 में प्रस्तुत की। जिसके तहत निम्न घोषणाएँ की गई —
1. भारतीय संविधान के निर्माण हेतु संविधान सभा का गठन नवंबर 1946 में किया गया।
2. प्रत्येक 10 लाख की आबादी पर संविधान सभा में एक सदस्य शामिल किए जायेंगे।
3. इस मिशन के अनुसार संविधान सभा में 389 सदस्य निर्धारित किए गए। जिसमें 296 ब्रिटिश प्रांत से तथा 93 देशी रियासतों से शामिल होने थे।
NOTE :- संविधान सभा के सदस्य अंशतः निर्वाचित और अंशतः मनोनीत थे।
• 296 सदस्यों के लिए निर्वाचन जुलाई-अगस्त 1946 में हुआ जिसमें प्रांतीय विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों ने भाग लिया। इस चुनाव में कांग्रेस को 208 सीटें, मुस्लिम लीग को 73 सीटें तथा अन्य पार्टियों को 15 सीट प्राप्त हुआ। इसके अलावा 93 सदस्य देशी रियासतों के राजा महाराजा द्वारा मनोनीत हुए।
संविधान सभा के लिए हुए चुनावों के परिणाम
1. कांग्रेस → 208 सीटें
2. मुस्लिम लीग → 73 सीटें
3. यूनियनिस्ट पार्टी → 1
4. यूनियनिस्ट मुस्लिम्स → 1
5. यूनियनिस्ट शेड्यूल्ड कास्ट्स → 1
6. कृषक प्रजा पार्टी → 1
7. शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन → 1
8. सिख (नॉन कांग्रेस) → 1
9. कम्युनिस्ट पार्टी → 1
10. इंडिपेंडेंट्स → 8
• मुस्लिम लीग निर्वाचन के बाद से ही संविधान सभा का विरोध करना शुरू कर दिया लेकिन इसके बावजूद संविधान सभा की प्रथम बैठक दिल्ली में 9 दिसम्बर 1946 को हुआ। इस बैठक में कुल 211 सदस्य उपस्थित हुए जिसमें सबसे वरिष्ठ सदस्य सच्चिदानंद सिंहा को संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष बनाया गया।
• 11 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष के रूप में डॉ० राजेन्द्र प्रसाद को सर्व-सहमति से मनोनीत किया गया। संविधान सभा में दो उपाध्यक्ष एच.सी. मुखर्जी तथा वी.टी. कृष्णामचारी थे।
• 13 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा के समक्ष पंडित नेहरू ने ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ रखा। इस उद्देश्य प्रस्ताव को संविधान सभा ने 22 जनवरी 1947 को स्वीकार किया। यही उद्देश्य प्रस्ताव भारतीय संविधान की प्रस्तावना बनी।
• आजादी के बाद संविधान सभा का पुनर्गठन हुआ जिसके तहत संविधान सभा में 299 सदस्य निर्धारित किए गए। इसमें से 229 ब्रिटिश प्रांत से आने थे तथा 70 देशी रियासतों से आने थे।
• जब संविधान सभा की बैठक बतौर संविधान सभा के रूप में होती थी तब इसकी अध्यक्षता राजेंद्र प्रसाद करते थे।
• जब संविधान सभा की बैठक बतौर विधायिका होती थी तब इसकी अध्यक्षता जी.वी. मावलंकर करते थे।
• ब्रिटिश प्रांतों में सबसे ज्यादा सदस्य संयुक्त प्रांत (उत्तर प्रदेश) से 55 सदस्य शामिल हुए थे। इसके अलावा मद्रास से 49, बिहार से 36 सदस्य शामिल हुए थे। देशी रियासतों में सबसे ज्यादा सदस्य मैसूर से 7 सदस्य शामिल हुए।
• संविधान सभा में विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधि शामिल हुए जो निम्न है –
1. हिंदू – 163
2. मुस्लिम – 80
3. अनुसूचित जाति (SC) – 31
4. अनुसूचित जनजाति (ST) – 6
5. ईसाई – 6
6. सिख – 4
7. पारसी – 3
8. आंग्ल भारतीय – 3
NOTE :- संविधान सभा में अनुसूचित जनजाति और ईसाई तथा पारसी और आंग्ल-भारतीय के सदस्यों में समानता है।
• संविधान सभा में 15 महिला सदस्य भी थी जो निम्न है –
1) अम्मू स्वामीनाथन
2) एनी मैस्करीन
3) बेगम एजाज रसूल (एकमात्र मुस्लिम महिला सदस्य)
4) दक्षायनी वेलायुधन (दलित समुदाय से एकमात्र महिला सदस्य)
5) दुर्गाबाई देशमुख
6) हंसा जीवराज मेहता
7) कमला चौधरी
8) लीला रॉय
9) मालती चौधरी
10) पूर्णिमा बनर्जी
11) राजकुमारी अमृत कौर
12) रेणुका रे
13) सरोजिनी नायडू
14) सुचेता कृपलानी
15) विजया लक्ष्मी पंडित
संविधान सभा की समितियाँ
• संविधान सभा ने संविधान के निर्माण को लेकर 8 बड़ी समितियाँ स्थापित की जो निम्नलिखित है –
1) संघ शक्ति समिति → पंडित जवाहरलाल नेहरू
2) संघीय संविधान समिति → पंडित जवाहरलाल नेहरू
3) राज्यों से समझौता करने वाली समिति → पंडित जवाहरलाल नेहरू
4) प्रांतीय संविधान समिति → सरदार पटेल
5) मौलिक अधिकारों, अल्पसंख्यकों एवं जनजातियों तथा बहिष्कृत क्षेत्रों के लिए सलाहकार समिति — सरदार पटेल
a) मौलिक अधिकार उप-समिति → जे० बी० कृपलानी
b) अल्पसंख्यक उप-समिति — एच.सी. मुखर्जी
6) प्रक्रिया नियम समिति → राजेन्द्र प्रसाद
7) संचालन समिति → राजेन्द्र प्रसाद
8) प्रारूप समिति → डॉ० भीमराव अम्बेडकर
• संविधान सभा ने संविधान के निर्माण को लेकर कई छोटी समितियाँ स्थापित की। जिनमें कुछ प्रमुख निम्नलिखित है –
1) वित्त एवं कर्मचारी (Staff) समिति → डा० राजेन्द्र प्रसाद
2) प्रत्यायक (Credential) समिति → अलादि कृष्णास्वामी अय्यर
3) राष्ट्रीय ध्वज को लेकर तदर्थ समिति → राजेन्द्र प्रसाद
4) कार्य संचालन समिति → के. एम. मुंशी
5) सदन समिति → बी. पट्टाभिसीतारमैय्या
6) भाषाई प्रांत आयोग → एस.के. डार (संविधान सभा के सदस्य नहीं)
प्रारूप समिति (Drafting Committee)
• संविधान निर्माण करने वाली समितियों में सबसे विशिष्ट एवं महत्वपूर्ण प्रारूप समिति था। इसका गठन 29 अगस्त 1947 को हुआ था। इसमें सात सदस्य थे —
1. भीमराव अम्बेडकर (अध्यक्ष)
2. के० एम० मुंशी
3. एन० गोपालस्वामी आंयगार
4. सर अल्लादि कृष्णस्वामी अय्यर
5. सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला
6. एन. माधव राव = इन्होंने बी.एल. मित्र की जगह ली।
7. टी.टी. कृष्णामाचारी = इन्होंने डी. पी. खेतान की मृत्यु के बाद उनकी जगह ली।
• संविधान को लेकर संविधान सभा के कुल तीन वाचन हुए हैं –
1) प्राथम वाचन — 4 Nov 1948 से 9 Nov 1948 तक
2) द्वितीय वाचन — 15 Nov 1948 से 17 Oct 1949 तक
3) तृतीय वाचन — 14 Nov 1949 से 26 Nov 1949 तक
• आजादी से पूर्व डॉ० भीमराव अंबेडकर बंगाल प्रेसिडेंसी का प्रतिनिधित्व कर रहे थे वहीं आजादी के बाद बंबई प्रेसिडेंसी का प्रतिनिधित्व किए। जब भारत का विभाजन और पाकिस्तान का निर्माण हुआ तो बंगाल के जिस क्षेत्र से डॉ० अंबेडकर संविधान सभा के सदस्य थे वो क्षेत्र पूर्वी पाकिस्तान में चला गया जिस कारण अंबेडकर संविधान सभा के सदस्य नहीं रह सके तत्पश्चात राजेन्द्र प्रसाद के प्रयास से जयकर के स्थान पर बंबई प्रेसिडेंसी से सदस्य चुने गए।
• भारत का संविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हो गया, लेकिन यह लागू 26 जनवरी 1950 को हुआ क्योंकि भारत ने अपना पहला स्वाधीनता दिवस 26 जनवरी 1930 को मनाया था।
• 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान के कुछ प्रावधान जैसे अनुच्छेद 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 379, 380, 388, 391, 392, और 393 स्वतः ही लागू हो गए अर्थात हम यह कह सकते है कि भारत का संविधान आंशिक तौर पर लागू 26 नवम्बर 1949 को लागू हुआ था वहीं पूर्णतः लागू 26 जनवरी 1950 को हुआ।
• भारत के संविधान के पिता के रूप में भीमराव अम्बेडकर को जाना जाता है। इन्हें आधुनिक मनु की संज्ञा भी दी जाती है।
संविधान सभा की आलोचना
• संविधान सभा का प्रतिनिधि निकाय न होना
• संप्रभुता का अभाव
• समय की बर्बादी :- निराजुद्दीन अहमद ने प्रारूप समिति हेतु एक नया नाम ‘अपवहन समिति’ गढ़ा।
• कांग्रेस का प्रभुत्व :- ब्रिटेन के संविधान विशेषज्ञ ग्रेनविले ऑस्टिन ने टिप्पणी की, “संविधान सभा एक दलीय देश का एक दलीय निकाय है। सभा ही कांग्रेस है और कांग्रेस ही भारत है।”
• वकीलों और राजनीतिज्ञों का प्रभुत्व
• हिंदूओं का प्रभुत्व :– लॉर्ड विसकाउंट ने संविधान सभा को ‘हिंदूओं का निकाय’ कहा। विंस्टन चर्चिल ने टिप्पणी की कि, संविधान सभा ने ‘भारत के केवल एक बड़े समुदाय’ का प्रतिनिधित्व किया।
आवश्यक तथ्य
• संविधान सभा के सचिव एच.वी.आर. अयंगर थे।
• संविधान के मुख्य प्रारूपकार एल.एन. मुखर्जी थे।
• संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार सर बी.एन. राव थे।
• संविधान सभा ने प्रतीक चिन्ह के रूप में हाथी को अपनाया।
• भारतीय संविधान के सुलेखक (calligrapher) प्रेम बिहारी नारायण रायजादा थे।
• संविधान के मूल संस्करण का सौन्दर्यीकरण और सजावट शांति निकेतन के कलाकारों ने किया जिनमें नंदलाल बोस और बिउहर राममनोहर सिंहा शामिल थे।
• मूल संविधान के हिंदी संस्करण का सुलेखन वसंत कृष्ण वैद्य द्वारा किया गया।
• 22 जनवरी 1947 को संविधान सभा ने यह संकल्प पारित किया कि भारत के लिए एक संविधान तैयार किया जायेगा।
• 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में तिरंगा को स्वीकृति प्रदान की।
• मई 1949 में भारत को राष्ट्रमंडल की सदस्यता संविधान सभा ने दिलवाया जिसकी आलोचना हुई। इसपर पंडित नेहरू ने यह कहा कि राष्ट्रमंडल की सदस्यता स्वेच्छा से ली हुई सदस्यता है जिसका परित्याग भारत कभी भी कर सकता है।
• संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को हुई। इस बैठक में कुल 284 सदस्य मौजूद हुए जिसने भारतीय संविधान पर हस्ताक्षर किया। इस अंतिम बैठक में निम्न निर्णय लिए गए –
i) भारत के राष्ट्रगान के रूप में जन-गण-मन को स्वीकृति दी गई। इसकी रचना रविंद्रनाथ टैगोर ने की है।
ii) भारत के राष्ट्रगीत के रूप में वन्दे मातरम् को स्वीकृति दी गई। इसकी रचना बंकिमचंद्र चटर्जी ने की है।
iii) भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा के सदस्यों ने सर्व सहमति से चुना।
• भारतीय संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 महीना और 18 दिन का समय लगा।
• संविधान निर्माण के दौरान संविधान निर्माताओं ने 60 देशों के संविधान को पढ़ा।
• संविधान निर्माण में 64 लाख रुपए खर्च हुए।
संविधान सभा के सत्र
पहला सत्र → 9 से 23 दिसम्बर, 1946
दूसरा सत्र → 20 से 25 जनवरी, 1947
तीसरा सत्र → 28 अप्रैल से 2 मई, 1947
चौथा सत्र → 14 से 31 जुलाई, 1947
पाँचवाँ सत्र → 14 से 30 अगस्त, 1947
छठा सत्र → 27 जनवरी, 1948
सातवाँ सत्र → 4 नवम्बर 1948 से 8 जनवरी 1949
आठवाँ सत्र → 16 मई से 16 जून, 1949
नवाँ सत्र → 30 जुलाई से 18 सितम्बर, 1949
दसवाँ सत्र → 6 से 17 अक्टूबर, 1949
ग्यारहवाँ सत्र → 14 से 26 नवम्बर, 1949
NOTE :- सभा 24 जनवरी 1950 को पुनः बैठी जबकि सदस्यों ने भारत के संविधान पर अपने हस्ताक्षर किए।
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